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फर्जी राशनकार्ड : पुलिसकर्मी का बेटा निकला मास्टरमाइंड, खाद्य विभाग की महिला ऑपरेटर भी शामिल

185 फर्जी राशनकार्ड बनाने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड पुलिसकर्मी का बेटा आकाश सिंह यादव निकला. दुर्ग कोतवाली पुलिस ने मामले में एक महिला समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.

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पुलिसकर्मी का बेटा निकला मास्टरमाइंड
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Published : Aug 12, 2021, 5:50 PM IST

दुर्ग: 185 फर्जी राशनकार्ड बनाने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड पुलिसकर्मी का बेटा आकाश सिंह यादव निकला. मामले में एक महिला समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से लैपटॉप, मोबाइल, सिम कार्ड बरामद किया है. आरोपियों ने विभिन्न आईपी एड्रेस से 185 फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनाए गए थे. जिसमें 57 राशन कार्ड से पुरई के राशन दुकान से 80 हजार रुपये का राशन भी उठा लिया गया था. इस मामले में अभी भी दो आरोपी पुलिस गिरफ्त से फरार बताए जा रहे हैं.

फर्जी राशन कार्ड मामले में विकास निर्मलकर, विवेक चौधरी, शुभम साव उर्फ कारू और महिला डेटा एंट्री ऑपरेटर ममता गडपल्लीवार को गिरफ्तार किया है. गिरोह में शामिल रजनीश और रवि चौधरी अब भी फरार हैं. गिरोह ने पूरी प्लानिंग के तहत 30 और 31 मार्च को होटल के कमरे में बैठकर फर्जी राशन कार्ड बनाया. उनके लैपटाप और मोबाइल की जांच करने के बाद पुलिस ने पूरे गिरोह को पकड़ा है.

भिलाई निगम के अधिकारी मलखान सिंह और ध्रुव कुमार तिवारी की आईडी के जरिए गिरोह ने फर्जी राशन कार्ड बनाए. दोनों ID कम्प्यूटर ऑपरेटर ने गिरोह के मास्टरमाइंड आकाश सिंह को उपलब्ध कराया. 57 फर्जी कार्ड से 80 हजार कीमत का राशन निकालकर बेच भी दिया गया. 23 जून को खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा की शिकायत पर केस दर्ज किया गया. इस पूरे मामले की शिकायत खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा ने दुर्ग सिटी कोतवाली में दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 419, 468, 467, 471 के तहत अपराध दर्ज किया था.

मामले में दो आरोपी फरार, पुलिस कर रही तलाश

आकाश के पिता जामुल थाने में पदस्थ हैं. उसने फर्जी राशनकार्ड बनाने की प्लानिंग की. अन्य आरोपी विकास महिला ऑपरेटर ममता के संपर्क में था. इस वजह से उसे राशनकार्ड बनाने की पूरी जानकारी थी. विवेक ने फर्जी राशनकार्ड बनाने के दौरान पुरई की राशन दुकान 10 हजार रुपए किराए पर ली. इसके बाद उसे शुभम को दे दिया. शुभम ने 23 क्विंटल चावल बेच दिया. दो आरोपी रजनीश और रवि अब भी फरार हैं.

दुर्ग के एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड पुलिसकर्मी का बेटा आकाश सिंह यादव है. जो विकास निर्मलकर, विवेक चौधरी, शुभम साव और महिला डेटा इंट्री ऑपरेटर ममता गड़पल्लीवार के साथ मिलकर फर्जी राशन कार्ड बनाते थे. इस मामले में रजनीश और रवि चौधरी फरार बताया जा रहा है. जिसकी छानबीन की जा रही है.

उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पूरी प्लानिंग के तहत 30 और 31 मार्च को होटल के कमरे में बैठकर फर्जी राशन कार्ड बनाया. मास्टरमाइंड आकाश सिंह यादव के पिता भिलाई जामुल थाने में पदस्थ है. आकाश के द्वारा ही फर्जी राशन कार्ड बनाने की प्लानिंग की थी. अब आगे भी जांच पड़ताल जारी रहेगी.

राशन कार्ड बनाने का अधिकार सिर्फ खाद्य विभाग को है. खाद्य विभाग के सिस्टम से ही राशन कार्ड बनाया जाता है, लेकिन अवकाश के दिन और शाम को छुट्टी के बाद विभाग का सर्वर को हैक करके पांच लोगों को फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनाया. राशन कार्ड बनाने के लिए 9 आईपी एड्रेस का उपयोग किया गया. आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर पता चला कि यह फर्जी राशन कार्ड पावर हाउस के लॉज, भिलाई, अंबिकापुर और बिहार के बलिया में तैयार किया गया था.

दुर्ग: 185 फर्जी राशनकार्ड बनाने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड पुलिसकर्मी का बेटा आकाश सिंह यादव निकला. मामले में एक महिला समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से लैपटॉप, मोबाइल, सिम कार्ड बरामद किया है. आरोपियों ने विभिन्न आईपी एड्रेस से 185 फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनाए गए थे. जिसमें 57 राशन कार्ड से पुरई के राशन दुकान से 80 हजार रुपये का राशन भी उठा लिया गया था. इस मामले में अभी भी दो आरोपी पुलिस गिरफ्त से फरार बताए जा रहे हैं.

फर्जी राशन कार्ड मामले में विकास निर्मलकर, विवेक चौधरी, शुभम साव उर्फ कारू और महिला डेटा एंट्री ऑपरेटर ममता गडपल्लीवार को गिरफ्तार किया है. गिरोह में शामिल रजनीश और रवि चौधरी अब भी फरार हैं. गिरोह ने पूरी प्लानिंग के तहत 30 और 31 मार्च को होटल के कमरे में बैठकर फर्जी राशन कार्ड बनाया. उनके लैपटाप और मोबाइल की जांच करने के बाद पुलिस ने पूरे गिरोह को पकड़ा है.

भिलाई निगम के अधिकारी मलखान सिंह और ध्रुव कुमार तिवारी की आईडी के जरिए गिरोह ने फर्जी राशन कार्ड बनाए. दोनों ID कम्प्यूटर ऑपरेटर ने गिरोह के मास्टरमाइंड आकाश सिंह को उपलब्ध कराया. 57 फर्जी कार्ड से 80 हजार कीमत का राशन निकालकर बेच भी दिया गया. 23 जून को खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा की शिकायत पर केस दर्ज किया गया. इस पूरे मामले की शिकायत खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा ने दुर्ग सिटी कोतवाली में दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 419, 468, 467, 471 के तहत अपराध दर्ज किया था.

मामले में दो आरोपी फरार, पुलिस कर रही तलाश

आकाश के पिता जामुल थाने में पदस्थ हैं. उसने फर्जी राशनकार्ड बनाने की प्लानिंग की. अन्य आरोपी विकास महिला ऑपरेटर ममता के संपर्क में था. इस वजह से उसे राशनकार्ड बनाने की पूरी जानकारी थी. विवेक ने फर्जी राशनकार्ड बनाने के दौरान पुरई की राशन दुकान 10 हजार रुपए किराए पर ली. इसके बाद उसे शुभम को दे दिया. शुभम ने 23 क्विंटल चावल बेच दिया. दो आरोपी रजनीश और रवि अब भी फरार हैं.

दुर्ग के एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड पुलिसकर्मी का बेटा आकाश सिंह यादव है. जो विकास निर्मलकर, विवेक चौधरी, शुभम साव और महिला डेटा इंट्री ऑपरेटर ममता गड़पल्लीवार के साथ मिलकर फर्जी राशन कार्ड बनाते थे. इस मामले में रजनीश और रवि चौधरी फरार बताया जा रहा है. जिसकी छानबीन की जा रही है.

उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पूरी प्लानिंग के तहत 30 और 31 मार्च को होटल के कमरे में बैठकर फर्जी राशन कार्ड बनाया. मास्टरमाइंड आकाश सिंह यादव के पिता भिलाई जामुल थाने में पदस्थ है. आकाश के द्वारा ही फर्जी राशन कार्ड बनाने की प्लानिंग की थी. अब आगे भी जांच पड़ताल जारी रहेगी.

राशन कार्ड बनाने का अधिकार सिर्फ खाद्य विभाग को है. खाद्य विभाग के सिस्टम से ही राशन कार्ड बनाया जाता है, लेकिन अवकाश के दिन और शाम को छुट्टी के बाद विभाग का सर्वर को हैक करके पांच लोगों को फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनाया. राशन कार्ड बनाने के लिए 9 आईपी एड्रेस का उपयोग किया गया. आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर पता चला कि यह फर्जी राशन कार्ड पावर हाउस के लॉज, भिलाई, अंबिकापुर और बिहार के बलिया में तैयार किया गया था.

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