दुर्ग: कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए दुर्ग जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. प्रशासन ने जिले में प्रवेश करने वालों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया है. प्रशासन ने ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन जारी करते हुए टेस्ट जरूरी किया है. यात्री को ट्रेन में सफर से पहले स्टेशन पर ही कोविड टेस्ट करना होगा. दूसरे राज्यों या अन्य जिलों से आने वाले लोगों को टेस्ट कराना जरूरी होगा. बच्चों की टेस्टिंग से पहले परिजनों की सहमति ली जाएगी.
तीन दिन पुरानी रिपोर्ट भी मान्य
जिला कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आदेश जारी करते हुए कहा कि कोरोना टेस्ट करने के बाद ही स्टेशन से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी. जिनके पास अधिकतम तीन दिन पुरानी रिपोर्ट है, उसे भी माना जाएगा. इतना ही नहीं आने और जाने वाले हर यात्री को 7 दिनों तक होम क्वॉरेंटाइन में रहना जरूरी होगा.
छत्तीसगढ़ आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR जांच होगी जरूरी
बढ़ते संक्रमण को देखते हुए नई गाइडलाइन जारी
कलेक्टर ने आदेश में कहा कि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की जा रही है. इसके अलावा ट्रेन में सफर के दौरान मास्क लगाना जरूरी होगा. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी सभी को करना होगा. कोविड से बचाव के लिए हर प्रकार की सावधानी बरतनी होगी. जरूरत के हिसाब से घर पर होम आइसोलेशन में भी रहना होगा.
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मरीजों की बढ़ती संख्या चिंताजनक
सीएम भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वास्थ्य विभाग, प्रशासनिक अधिकारियों और चिकित्सा विशेषज्ञों से चर्चा की. कोविड-19 के इलाज में आ रही दिक्कतों, ऑक्सीजन और जरूरी दवाईयों की आपूर्ति के संबंध में जानकारी ली. सीएम ने कहा किछत्तीसगढ़ में कोविड-19 के मरीजों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है. इस चुनौती का यदि हम योजनाबद्ध तरीके से सामना करेंगे तो अवश्य सफल होंगे. इसके लिए छत्तीसगढ़ की महाराष्ट्र से लगने वाली सभी सीमाओं पर यात्रियों की कड़ाई से जांच की जाए. एयरपोर्ट के साथ ही रेलवे स्टेशनों में भी छत्तीसगढ़ आने वाले यात्रियों की जांच की व्यवस्था की जाए. आवश्यकतानुसार यात्रियों को क्वॉरंटाइन सेंटर और आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था भी की जाए.
दुर्ग विधायक ने की स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की मांग
जिले में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या को लेकर दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को पत्र लिखा है. पत्र के जरिए जिले में कोविड केयर सेंटर, आइसोलेशन सेंटर के साथ ही ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर की संख्या में वृद्धि करने की मांग की गई है. विधायक अरुण वोरा ने पत्र में लिखा है कि प्रतिदिन पॉजिटिव मामलों की संख्या 15 सौ से 2 हजार को पार कर चुकी है. जिसे ध्यान रखते हुए जिले में कम से कम 6 हजार बिस्तरों की आवश्यकता है. आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में देरी की वजह से ज्यादातर मरीजों को ऑक्सीजन की कमी होने तक आइसोलेशन में रहना पड़ रहा है. जिसके बाद आक्सीजन बेड में कमी होना स्वाभाविक है. जनता में भय की जगह सुरक्षा की भावना पनपे इसके लिए पर्याप्त आक्सीजन और आईसीयू बेड की व्यवस्था होनी चाहिए.