दुर्ग: सेंट्रल जेल दुर्ग में बंद भाइयों की कलाई पर राखी बांधने से इस वर्ष भी बहनें वंचित रहेंगी. जेल प्रशासन ने इसकी कोई व्यवस्था (No entry of siblings in Central Jail Durg on Rakshabandhan) नहीं की है. सिर्फ जेल में 135 बंदी महिलाओं की राखियों को जेल प्रबंधन ने डाक के माध्यम से उनके भाइयों के घर के पता पर भिजवा दिया है.
जेल प्रबंधन ने क्या कहा: सेंट्रल जेल प्रशासन (durg Central Jail Administration) ने आदेश जारी कर अपनी मंशा साफ (Central Jail Durg) कर दिया है. प्रबंधन का कहना है कि "कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. सिर्फ टेलिफोनिक व्यवस्था की जाएगी. बहनें आकर बात कर उन्हें देख सकेंगी. उसके लिए समय निर्धारित किया गया है. महामारी के चलते दो साल से बहनों ने अपनी भाइयों को राखी नहीं बांध (rakshabandhan 2022) पा रही हैं, यह तीसरा वर्ष हो जाएगा. जबकि इसके लिए जेल प्रशासन पहले से ही टेंट लगाकर व्यवस्था करता था.
2 हजार से ज्यादा कैदी जेल में बंद: केंद्रीय जेल (Central Jail Durg) में 2 हजार 40 कैदी व विचाराधीन बंदी हैं. इनसे मिलने के लिए पूर्व में हजारों की संख्या में बहनें आती थीं. लेकिन दो साल से भौतिक रूप से मिलने के लिए रोक लगा दी गई है. इस वर्ष भी बहनों के हाथ निराशा ही लगेगी. क्योंकि जेल प्रबंधन ने व्यवस्था नहीं की है.
यह भी पढ़ें: रक्षाबंधन पर भाई से नहीं मिल पाएंगी बहनें, रेलवे ने 68 यात्री ट्रेनों को किया रद्द
जेल में 135 महिला बंदी: सेंट्रल जेल में करीब 135 महिला बंदी हैं. रक्षाबंधन त्यौहार पर इन महिलाओं के लिए जेल प्रशासन ने यह व्यवस्था की है कि डाक के माध्यम से उनके भाइयों तक राखी भेज दी गई है. दुर्ग केंद्रीय सेंट्रल जेल के अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्री ने बताया कि "हेड क्वार्टर से आदेश आया है कि इस बार भी रक्षाबंधन पर कोई व्यवस्था नहीं होगी. सिर्फ टेलिफोनिक व्यवस्था की गई है.