दुर्ग: जिले के नंदिनी अहिवारा के किसान बेहद परेशान हैं. यहां मौजूद पॉवर ग्रिड पॉवर प्लांट के ट्रांसफॉर्मर से ऑयलनुमा पानी निकल रहा है, जो किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. 2013 में पॉवर ग्रिड को अहिवारा विधानसभा स्थित ग्राम मेडेसरा में बनाया गया था. 135 एकड़ में बने इस पॉवर ग्रिड के ट्रांसफॉर्मर का पानी गांव के किसानों के खेत तक आ जाता है. यह पानी फसल के लिए नुकसानदायक है. जिससे किसानों को फसल उगाने में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
फसल के उत्पादन पर पड़ रहे प्रभाव के कारण किसानों की लागत का पैसा भी नहीं निकल पा रहा है. ईटीवी भारत की पड़ताल में पता चला कि किसानों के साथ-साथ पॉवर ग्रिड के अधिकारी भी परेशान हैं. बात करने पर यह भी पता चला कि यहां के आखिरी छोर में कई जगह पर पानी खुद ही भर जाता है, जिससे शॉर्ट सर्किट ना हो, इस वजह से उन्हें प्रोडक्शन का काम रोकना पड़ता है. इससे पॉवर ग्रिड को भी बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है.
परेशानी दूर करने का आश्वासन
ग्राम परसदा के एक किसान की वजह से यह काम अब तक अटका हुआ है. पॉवर ग्रिड की ओर से दो साल पहले ऑयलनुमा पानी निकालने के लिए नाली निर्माण के लिए सर्वे करवाया गया था, जिसके लिए दो करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी. इस विषय में पॉवर ग्रिड के अधिकारी-कर्मचारी कलेक्टर से मुलाकात करके उन्हें अपनी परेशानी बता चुके हैं. कलेक्टर ने अगली बरसात तक नाली का निर्माण करवाकर परेशानी दूर करने का आश्वासन भी दिया है. गांव वालों का जो नुकसान हो रहा है.
पढ़ें: वोट नहीं देने की सजा, गांव से किया बहिष्कृत
कलेक्टर ने कहा कि जिस किसान ने नाली बनाने के लिए रास्ता नहीं दिया है, उससे बात करके नाली निर्माण करवाने के लिए जगह की मांग भी की गई है, जिससे नाली निर्माण का काम जल्द से जल्द शुरू हो सके.
पॉवर ग्रिड के अधिकारियों ने दी जानकारी
पॉवर ग्रिड के अधिकारियों ने बताया कि नाली का सर्वे करवाते समय ग्राम परसदा के एक किसान ने जगह देने से मना कर दिया था, इस वजह से अब तक नाली निर्माण नहीं हो पाया है. अधिकारी कई बार उस किसान के घर भी जा चुके हैं. अधिकारियों ने बताया कि जिस जगह पर पानी भरता है, वहां का प्रोडक्शन रोककर उन्हें भी हर घंटे लाखों रुपए का नुकसान सहन करना पड़ता है. वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द नाली बने, ताकि किसानों और पॉवर ग्रिड दोनों को नुकसान से बचाया जा सके.