भिलाई\दुर्ग: भिलाई इस्पात प्लांट में एक बार फिर सीआईएसएफ के जवान भागते हुए दिखाई दिए. कर्मचारी गिरे हुए थे. एम्बुलेंस पहुंची और घायलों को अस्पताल ले गई. ये देखकर हर कोई हैरान हो गया. आए दिन होने वाले हादसों के बारे में सुनकर सभी यहीं सोचने लगे कि एक बार फिर बीएसपी में बड़ा एक्सीडेंट हो गया है.
गैस रिसाव से निपटने के लिए मॉक ड्रिल: दिसंबर के महीने में गैस रिसाव के बाद बीएसपी में बड़ी आगजनी की घटना हुई थी. इसी से सबक लेते हुए एक मॉक ड्रिल की गई. सिलिकॉन स्टील मिल परिसर में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से गैस रिसाव से होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से एक मॉक ड्रिल की गई. आरएसपी की ऑनसाइट आपदा प्रबंधन प्रणाली और उससे जुड़े कर्मियों की प्रभावकारिता का आंकलन करने के लिए किया गया था. कर्मचारियों के पूरे दल को 3 समूहों में बांटा गया था. लड़ाकू दल, बचाव दल और सहायक दल. 79 कर्मियों वाली सीआईएसएफ टीम ने पूरे अभ्यास के दौरान क्षेत्र की घेराबंदी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
मॉक ड्रिल में ये अधिकारी रहे मौजूद: मॉक ड्रिल के दौरान मुख्य महाप्रबंधक (सीओसीसीडी) आई राजन, उप निदेशक, फैक्ट्री और बॉयलर (ओडिशा सरकार) बिभू प्रसाद, सहायक कलेक्टर (सुंदरगढ़) बिकास कुमार भोई, उपपर्यावरण अभियंता (ओडिशा सरकार) आरआरदास, उपायुक्त (आरएमसी) रोनित कुमार, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा (ओडिशा सरकार) डॉ. पंडित साहू, मुख्य महा प्रबंधक (सेवाऍं), एमएनवीएस प्रभाकर, मुख्य महाप्रबंधक (एचएसएम-1, सीआरएम, एसएसएम, पीपी और आरएस) सुब्रत कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (ईएमडी), पी.एस.कन्नन, महाप्रबंधक (अग्निशमन सेवा), जे.बी.पटनायक, महा प्रबंधक (सुरक्षा), अवकाश बेहेरा, इंस्पेक्टर (ओडीआरएएफ) सुनील मुर्मू, उप कमांडेंट (सीआईएसएफ) एम.के.दास और ईएमडी, परिवहन, सुरक्षा, अग्निशमन सेवा, ओएचएससी., सीआईएसएफ, ओडीआरएएफ और सिलिकॉन स्टील मिल के कई अधिकारी मौजूद रहे.