दुर्ग: ट्विनसिटी के नाम से मशहूर दुर्ग भिलाई तेजी से विकास की नई इबारत गढ़ रहा है. जितनी तेजी से यहां का विकास हो रहा है. उतनी ही तेजी से जनसंख्या के साथ सड़कों पर वाहन चालकों की भी संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में हैवी ट्रैफिक से राहत दिलाने नेशनल हाइवे 53 में 4 नए फ्लाई ओवर ब्रिज बनाए जा रहे हैं. ओवर ब्रिज के कारण अब कई परिवार के आशियाने उजड़ गए हैं. कई लोग बेघर हो गए हैं. सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
आजादी के सात दशक बाद भी एक सड़क को तरसता गरियाबंद का ये गांव
भारत माला परियोजना के तहत टेड़ेसरा-अंजोरा के करीब से एक बायपास सीधे रायपुर के लिए बनाया जा रहा है. इसका निर्माण कार्य भी तेजी से जारी है. विकास की इस आंधी ने कई लोगों के आशियानें ढहा दिया है. ETV भारत ने शहर में सड़क विस्तार, फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण समेत अन्य कार्यों में ध्वस्त हो रहे इमारतों की पड़ताल की.
![Many poor peoples houses were demolished for road construction under Bharat Mala Project in durg](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-drg-02-sadak-vistar-hyc-7209649_05032021084039_0503f_1614913839_183.jpg)
सुनिए मंत्री जी ! आपके यहां न सड़क न स्वास्थ्य सुविधाएं
अंजोरा से पुलगांव तक के मकान ध्वस्त
दुर्ग में लगातार गाड़ियों की संख्या में वृद्धि हो रही है. जिसकी वजह से लोगों को ट्रैफिक की समस्या से जूझना पड़ता है. ऐसे में शहर का ट्रैफिक कम करने के लिए भारत माला परियोजना का उपयोग किया जा रहा है. अंजोरा के करीब से एक बायपास सीधे रायपुर के लिए बनाया जा रहा है. इसके लिए अंजोरा से पुलगांव तक कई मकानों को तोड़ा गया, लेकिन केवल रजिस्टर्ड मकानों को ही मुआवजा दिया गया.
घर तोड़े अब टैक्स की कर रहे मांग
भारत माला परियोजना के तहत अंजोरा से पुलगांव तक सड़क चौड़ीकरण का काम तेजी से चल रहा है. पुलगांव निवासी बलवंत यादव ने कहा कि वे पिछले 40 साल से वहां रह रहे हैं. अब विकास की आंधी ने उनके घर और दुकान को तबाह कर दिया. इसका मुआवजा भी नहीं दिया गया. ऊपर से निगम की टीम आकर मकान टैक्स की मांग करते हैं. अधिकारी कहते हैं टैक्स नहीं चुकाओगे तो मकान कुर्क कर दिया जाएगा. दुकान तो पहले ही तोड़ दिया गया. मुआवजा भी नहीं मिला. ऐसे में टैक्स कैसे पताएं.
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मुआवजा की कर रहे मांग
पुलगांव की रहने वाली संध्या ठाकुर ने बताया तिनका तिनका जोड़ कर मकान बनाया था. कई साल से उसी मकान में राह रही हैं. अब सड़क बनाने के लिए मकान का छज्जा और दीवारें तोड़ दी गई है. उन्होंने बताया कि कुछ अधिकारी आए और दीवारें, छज्जा को तोड़कर चले गए. अब बेघर हो गए हैं. रहने के लिए जगह नहीं है. प्रशासन कम से कम हमारा जो नुकसान हुआ उसका कुछ मुआवजा राशि दे.
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नुकसान की हो भरपाई
हैवी ट्रैफिक से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सड़क चौड़ीकरण जरूरी है. पुलगांव के रमेश कुमार देवांगन ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण के लिए मकान तोड़े गए. अब कम से कम जिनका नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई होनी चाहिए. कई गरीब तबके के लोग हैं, जिनका मकान, दुकान तोड़ दिया गया. ऐसे में उनके पास खाने-पीने की भी दिक्कत हो गई है. कई लोगों के दुकान तोड़ दिए गए हैं.
![Many poor peoples houses were demolished for road construction under Bharat Mala Project in durg](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-drg-02-sadak-vistar-hyc-7209649_05032021084039_0503f_1614913839_715.jpg)
कई जगहों पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य जारी
दुर्ग के एसडीएम खेमलाल वर्मा ने कहा कि शहर से लेकर गांव तक सड़क निर्माण और चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है. इससे लोगों को थोड़ी समस्या जरूर हो रही है, लेकिन किसी तरह की दुर्घटना की खबर नहीं आई है. उन्होंने बताया कि इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य है. राजनांदगांव से रायपुर तक के लिए किया जा रहा है. इसका कार्य काफी तेजी से हो रहा है. बहुत जल्द यह सड़क बनकर तैयार हो जाएगी.
यह है प्रावधान
- सरकारी जमीन पर बने मकान को तोड़ने पर मुआवजा का प्रावधान
- भूमि शासकीय और किसी योजना के तहत पट्टा मिला है, ऐसी स्थिति में मुआवजा देने का प्रावधान
- आपसी क्रय विक्रय नीति का प्रावधान
- सड़क निर्माण के टेंडर के अनुसार पूरा करने का प्रावधान
- भूमि के वर्तमान कीमत के मुताबिक 4 गुना अधिक मुआवजा
- तीन महीने के भीतर मुआवजा
इन सड़कों से होगा फायदा
दुर्ग से रायपुर के बीच ट्रैफिक का दबाव अब बढ़ चुका है. फोरलेन होने के बाद भी 40 किलोमीटर के सफर में घंटेभर का समय लग रहा है. इसके अलावा लगातार हादसे सामने आ रहे थे. इसके कारण दुर्ग में आने वाले मार्ग पर 4 और रायपुर जिले से एक फ्लाई ओवर बनाने की कोशिश की गई. इतना ही नहीं दुर्ग से अंजोरा होते हुए करीब 55 किलोमीटर को नया बायपास बनाया जा रहा है. ताकि बाहर के वाहनों को सीधे बाहर निकला जाए. रायपुर की आवाजाही के लिए एक विकल्प मिल सके. इससे लोगों को परेशानी नहीं होगी.