दुर्ग: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 12 जनवरी को जिस शहीद पार्क का लोकार्पण किया. उसी भिलाई नगर निगम में भगत सिंह की विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति भी स्थापित की गई है. इस मूर्ति पर लेजर शो भी किया गया है, जबकि 25 जनवरी को लेजर शो का टेंडर खुलना बाकी है. इसके पहले ही एक कंपनी को 88 लाख रुपये का काम सौंप दिया गया है. इतना ही नहीं 90 फीसदी काम भी पूरा हो चुका है. अब इसपर बीजेपी हमलावर है. इसपर भिलाई नगर निगम के जिम्मेदार कुछ भी बोलने से इंकार करते नजर आए.
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लेजर शो टेंडर मामले को लेकर विपक्ष मुखर हो गई है. भाजपा नेता और पार्षद पीयूष मिश्रा ने महापौर देवेंद्र यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा भिलाई नगर निगम में नियमों का उल्लंघन किया गया है. कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने का काम किया जा रहा है. लेजर शो मामले में भी किसी कंपनी को टेंडर खुले बिना ही काम सौंप दिया गया. जबकि 25 जनवरी को लेजर शो का टेंडर खुलना बाकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि महापौर जनता के पैसे का दुरुपयोग किया है. अपने मनपसंद ठेकेदारों को नियमों के खिलाफ ठेका दे रहे हैं.
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जमकर हो रहा भ्रष्टाचार
भाजपा नेता पीयूष मिश्रा ने बताया कि नगर निगम में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. यह केवल एक मामला नहीं है, बल्कि तमाम टेंडर ऐसे ही पूरे किए जा रहे हैं. शहीद पार्क के लिए उन्होंने 3 बार आरटीआई लगाया है. इसके बावजूद उन्हें जवाब नहीं मिल रहा है. पूरा भिलाई नगर निगम इन दिनों भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है. उन्हें संरक्षण महापौर देवेंद्र यादव का मिल रहा है
प्रशासनिक कार्य हैं, नियम अनुसार हो रहे
महापौर देवेंद्र यादव गोलमोल जवाब देते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक काम है. सारे काम नियम अनुसार हो रहे हैं. अभी और भी बहुत से काम होने बाकी है. यहां म्यूजिकल फाउंटेन भी लगाया जाएगा, जिसका काम भी शुरू हो चुका है. बहुत ही जल्द भिलाईवासी म्यूजिकल फाउंटेन का भी लुफ्त उठा सकेंगे.
यह है मामला
भिलाई नगर निगम के वार्ड क्रमांक 54 सेक्टर 5 में शहीद पार्क है. पार्क में भगत सिंह की मूर्ति स्थापित है. मूर्ति पर प्रोजेक्शन मैपिंग शो (लेज़र शो) टेंडर के लिए 30 दिसंबर 2020 को नोटिफिकेशन जारी किया गया था. 88.83 लाख की लागत से होने वाले इस कार्य के लिए 25 जनवरी को टेंडर ओपन होना था. बावजूद टेंडर ओपन होने से पहले किसी को ठेका दे दिया गया. लगभग काम भी पूरे हो गए हैं. अब सवाल ये उठता है कि जब टेंडर खुला ही नहीं, तो ठेका दिया कैसे गया. नगर निगम सवालों के घेरे में है.