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किसान खुदकुशी के मामले में कृषि विभाग की कार्रवाई, देर रात 3 कृषि केंद्रों को किया सील

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Published : Oct 6, 2020, 11:27 AM IST

Updated : Oct 6, 2020, 11:47 AM IST

दुर्ग जिले के मातरोडीह गांव के किसान डुगेश निषाद की खुदकुशी के मामले में कृषि विभाग ने कार्रवाई करते हुए 3 कृषि केंद्रों को सील कर दिया है.

in the case of farmer suicide in durg district agriculture department sealed three agricultural centers
किसान आत्महत्या के मामले में कृषि विभाग की कार्रवाई

दुर्ग: जिले के मचांदुर चौकी क्षेत्र के मातरोडीह गांव के किसान डुगेश निषाद की खुदकुशी के मामले में कृषि मंत्री के निर्देश के बाद बड़ी कार्रवाई हुई है. कृषि विभाग ने उन तीन दुकानों को सील कर दिया है जहां से मृतक किसान ने खेतों में छिड़काव के लिए कीटनाशक खरीदी थी.

3 कृषि दुकानें सील

किसान खुदकुशी के मामले में कृषि विभाग की कार्रवाई

दरअसल कृषि विभाग के संयुक्त संचालक राजेश कुमार राठौर ने टीम के साथ दबिश दी, और तीनों कृषि केंद्रों को सील करने की कार्रवाई की. दुकानों में गंभीर अनियमितता मिलने पर तीनों दुकानों को सील किया गया. संयुक्त संचालक राठौर के नेतृत्व में दुकानों में अमानक कीटनाशक दवा और प्रतिबंधात्मक दवाओं की जांच की जाएगी. जांच के बाद दुकान संचालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

पढ़ें: किसान की खुदकुशी के बाद 'नकली' पर गरमाई सियासत, विपक्ष भड़का तो सत्ता को याद आई पिछली सरकार

दवा के छिड़काव के बाद सूखने लगी फसल

मृतक किसान ने सरदार कृषि केंद्र उतई, भारत कृषि केंद्र दुर्ग और विकास कृषि केंद्र दुर्ग से कीटनाशक दवाई खरीद कर खेतों में छिड़काव किया था. जिससे उसकी हरी-भरी फसल सूखने लगी थी, इसके बाद डुगेश निषाद ने अपने ही खेत में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.

फसल सूखने से निराश होकर की खुदकुशी

मृतक के पास से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जिसमें किसान ने आत्महत्या का कारण लिखा है. किसान ने अपने पत्र में लिखा था कि इस साल 5 एकड़ में बोई उसकी फसल काफी अच्छी हुई थी, लेकिन कुछ दिन बाद फसल में बीमारी लग गई, जिसकी वजह से उसने 3 बार दवाईयों का छिड़काव किया. इसके बावजूद फसल से बीमारी दूर नहीं हुई और फसल खराब हो गई. जिससे वो परेशान होकर आत्महत्या कर रहा है.

पढ़ें: दुर्ग: किसान आत्महत्या मामले में कृषि विभाग की कार्रवाई, 3 कृषि केंद्रों को किया सील

पीड़ित परिवार को 4 लाख की सहायता

बता दें कि घटना के बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू पीड़ित परिवार से मिलने पहुंच और परिवार को 4 लाख की सहायता राशि प्रदान की. इसके साथ ही कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने तुरंत जांच के भी आदेश दिए थे.

किसान की खुदकुशी पर सियासत

इधर किसान की खुदकुशी पर सियासत भी शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर नकली खाद-बीज और कीटनाशक को लेकर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है. बीजेपी इस मामले में जांच कमेटी का भी गठन करेगी. वहीं कृषि मंत्री ने पूर्व की रमन सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 15 सालों में सत्ता सरकार के संरक्षण में बड़े पैमाने पर खाद बीज और नकली कीटनाशकों के व्यापार में काम होता रहा है. कांग्रेस सरकार ऐसी तमाम कंपनियों पर कार्रवाई जारी रखेगी.

दुर्ग: जिले के मचांदुर चौकी क्षेत्र के मातरोडीह गांव के किसान डुगेश निषाद की खुदकुशी के मामले में कृषि मंत्री के निर्देश के बाद बड़ी कार्रवाई हुई है. कृषि विभाग ने उन तीन दुकानों को सील कर दिया है जहां से मृतक किसान ने खेतों में छिड़काव के लिए कीटनाशक खरीदी थी.

3 कृषि दुकानें सील

किसान खुदकुशी के मामले में कृषि विभाग की कार्रवाई

दरअसल कृषि विभाग के संयुक्त संचालक राजेश कुमार राठौर ने टीम के साथ दबिश दी, और तीनों कृषि केंद्रों को सील करने की कार्रवाई की. दुकानों में गंभीर अनियमितता मिलने पर तीनों दुकानों को सील किया गया. संयुक्त संचालक राठौर के नेतृत्व में दुकानों में अमानक कीटनाशक दवा और प्रतिबंधात्मक दवाओं की जांच की जाएगी. जांच के बाद दुकान संचालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

पढ़ें: किसान की खुदकुशी के बाद 'नकली' पर गरमाई सियासत, विपक्ष भड़का तो सत्ता को याद आई पिछली सरकार

दवा के छिड़काव के बाद सूखने लगी फसल

मृतक किसान ने सरदार कृषि केंद्र उतई, भारत कृषि केंद्र दुर्ग और विकास कृषि केंद्र दुर्ग से कीटनाशक दवाई खरीद कर खेतों में छिड़काव किया था. जिससे उसकी हरी-भरी फसल सूखने लगी थी, इसके बाद डुगेश निषाद ने अपने ही खेत में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.

फसल सूखने से निराश होकर की खुदकुशी

मृतक के पास से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जिसमें किसान ने आत्महत्या का कारण लिखा है. किसान ने अपने पत्र में लिखा था कि इस साल 5 एकड़ में बोई उसकी फसल काफी अच्छी हुई थी, लेकिन कुछ दिन बाद फसल में बीमारी लग गई, जिसकी वजह से उसने 3 बार दवाईयों का छिड़काव किया. इसके बावजूद फसल से बीमारी दूर नहीं हुई और फसल खराब हो गई. जिससे वो परेशान होकर आत्महत्या कर रहा है.

पढ़ें: दुर्ग: किसान आत्महत्या मामले में कृषि विभाग की कार्रवाई, 3 कृषि केंद्रों को किया सील

पीड़ित परिवार को 4 लाख की सहायता

बता दें कि घटना के बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू पीड़ित परिवार से मिलने पहुंच और परिवार को 4 लाख की सहायता राशि प्रदान की. इसके साथ ही कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने तुरंत जांच के भी आदेश दिए थे.

किसान की खुदकुशी पर सियासत

इधर किसान की खुदकुशी पर सियासत भी शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर नकली खाद-बीज और कीटनाशक को लेकर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है. बीजेपी इस मामले में जांच कमेटी का भी गठन करेगी. वहीं कृषि मंत्री ने पूर्व की रमन सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 15 सालों में सत्ता सरकार के संरक्षण में बड़े पैमाने पर खाद बीज और नकली कीटनाशकों के व्यापार में काम होता रहा है. कांग्रेस सरकार ऐसी तमाम कंपनियों पर कार्रवाई जारी रखेगी.

Last Updated : Oct 6, 2020, 11:47 AM IST
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