ETV Bharat / state

मचांदुर की इन महिलाओं ने बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ, अब उगा रही सब्जियां

author img

By

Published : Mar 15, 2021, 5:31 PM IST

Updated : Mar 16, 2021, 12:14 PM IST

दुर्ग जिले के मचांदुर ग्राम पंचायत की महिलाओं ने अपनी मेहनत और लगन की बदौलत बंजर जमीन पर भी सब्जियां उगा दी हैं. खाली पड़ी और बंजर सरकारी जमीन पर स्व सहायता समहू की महिलाएं अब सब्जी-भाजी उगाकर ना सिर्फ उस जमीन को उपयोगी बना रही हैं आत्मनिर्भर हो रही हैं.

In Machandur Gram Panchayat of Durg district women of self-help group made barren land fertile
मचांदुर ग्राम पंचायत की महिलाओं ने बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया

दुर्ग/भिलाई: जिंदगी से हर गम सौ कोस दूर मिलेगा, वो शख्स सौ लोगों में मशहूर मिलेगा, यूं तो हर किसी की जिंदगी ऐसी होगी, मगर करेगा जो मेहनत उसे मुकाम जरूर मिलेगा. दुर्ग जिले के मचांदुर ग्राम पंचायत की महिलाओं ने इन लाइनों को चरितार्थ कर दिखाया है. यहां की महिलाओं ने अपने पसीने से सींचकर बंजर जमीन को उपजाऊ बना दिया है. इस जमीन पर कई तरह की सब्जियां उगाई गई हैं. जिससे आगे जाकर इन्हें अच्छी-खासी आमदनी होगी.

मचांदुर की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ

इस काम में इन महिलाओं की लगन और मेहनत शामिल है. इसके साथ ही ये महिलाएं सरकारी जमीन को सुरक्षित रखने में भी अपनी भूमिका निभा रही हैं. गांव की महिला स्व सहायता समूह की इन महिलाओं की मेहनत और लगन को देख ग्राम पंचायत भी इनका साथ दे रहा है.

पंचायत ने दी थी 10 एकड़ जमीन

राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ग्राम पंचायत ने स्व सहायता समूह को रोजगार सृजन करने के लिए जमीन दी थी. 10 एकड़ की यह जमीन पूरी तरह बंजर थी. जिसे गांव की ही तीन स्व सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी मेहनत से उपजाऊ बना दिया. करीब 6 एकड़ की जमीन पर महिलाएं सब्जी-भाजी की खेती कर रही हैं.

In Machandur Gram Panchayat of Durg district women of self-help group made barren land fertile
तीन स्व सहायता समूह की महिलाएं

काम शुरू करने से पहले बनाई योजना

गांव में इस तरह की पहल को सार्थक बनाने के लिए महिलाओं ने पहले योजना बनाई. उन्होंने पहले तो आपस में समूह बनाया, फिर एक-एक समूह को दो-दो एकड़ जमीन बांट कर उसमें श्रमदान शुरू किया. 2 महीने तक यह सिलसिला चलता रहा. फरवरी की शुरुआत में ही जमीन उत्पादन के लायक बन गई. उसके बाद सब्जियां लगानी शुरू की.

SPECIAL: मेहनत और चाह से महिलाओं ने बनाई जिंदगी की राह

ऊबड़-खाबड़ जमीन को बनाया समतल

स्व सहायता समूह की पूर्णिमा बाई बंजारे ने ETV भारत को बताया कि यह जमीन पूरी तरह से बंजर थी. बहुत ज्यादा उबड़-खाबड़ थी. जिसे दो महीने की मेहनत के बाद समतल किया जा सका. भूखंड में कई सारे कांटे के झाड़ लगे थे, जिन्हें हटाकर उपजाऊ बनाया.

3 समूह की महिलाएं कर रहीं काम

मचांदुर में कुल 23 महिला स्व सहायता समूह हैं, लेकिन सिर्फ तीन समूह की महिलाओं ने इस जमीन को उपजाऊ बनाया. समूह की भारती मेश्राम बताती हैं कि यहां तीन समूह की महिलाएं काम कर रही हैं. मां भानेश्वरी समूह, मां परमेश्वरी समूह और मां पार्वती समूह की महिलाओं को 2-2 एकड़ जमीन बांटी गई. जमीन भले ही बांटी गई है. लेकिन तीनों समूह की महिलाएं मिलकर काम करती हैं. उन्होंने बताया कि अभी कई सब्जियों के बीज डाले गए हैं. कुछ दिनों में पूरी तरह से उत्पादन शुरू हो जाएगा.

कांकेर: हल्दी की खेती से लाखों कमा रही स्व सहायता समूह की महिलाएं

कई तरह की उगा रही सब्जियां

स्व सहायता समूह की महिला उमा देवी देवांगन कहती हैं कि पहले यह जमीन खेती योग्य नहीं थी. उसे हम सभी महिलाओं ने मिलकर खेती के लायक बनाया है. स्व सहायता समूह की सदस्य बताती है कि अब यहां गोभी, टमाटर, धनिया, भिंडी, मूली, कई तरह की भाजियां, रखियां, कुम्हड़ा, ग्वारफली समेत कई प्रकार की सब्जियां उगाई जा रही हैं.

'मदर्स मार्केट': यहां एक छत के नीचे बिकेगा महिलाओं के हाथ का हुनर और स्वाद

ग्राम पंचायत का मिला साथ

गांव के सरपंच दिलीप कुमार साहू ने बताया कि पहले यह जमीन काफी उबड़ृ-खाबड़ थी. कई तरह के कांटे और लकड़ियां यहां पड़ी रहती थीं. ऐसी बंजर जमीन को इन महिलाओं ने खेती योग्य बना दिया जो तारीफ के काबिल है. उन्होंने बताया कि महिलाओं ने काफी मेहनत की. जमीन तैयार होने के बाद पानी की बड़ी समस्या थी. ग्राम पंचायत की तरफ से ड्रिप पाइप की व्यवस्था कराई गई. जिससे अब ये महिलाएं खेती कर ना सिर्फ बंजर जमीन पर हरियाली ला रही हैं बल्कि अपने जीवन में भी आर्थिक स्तर पर मजबूत हो रही हैं.

दुर्ग/भिलाई: जिंदगी से हर गम सौ कोस दूर मिलेगा, वो शख्स सौ लोगों में मशहूर मिलेगा, यूं तो हर किसी की जिंदगी ऐसी होगी, मगर करेगा जो मेहनत उसे मुकाम जरूर मिलेगा. दुर्ग जिले के मचांदुर ग्राम पंचायत की महिलाओं ने इन लाइनों को चरितार्थ कर दिखाया है. यहां की महिलाओं ने अपने पसीने से सींचकर बंजर जमीन को उपजाऊ बना दिया है. इस जमीन पर कई तरह की सब्जियां उगाई गई हैं. जिससे आगे जाकर इन्हें अच्छी-खासी आमदनी होगी.

मचांदुर की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ

इस काम में इन महिलाओं की लगन और मेहनत शामिल है. इसके साथ ही ये महिलाएं सरकारी जमीन को सुरक्षित रखने में भी अपनी भूमिका निभा रही हैं. गांव की महिला स्व सहायता समूह की इन महिलाओं की मेहनत और लगन को देख ग्राम पंचायत भी इनका साथ दे रहा है.

पंचायत ने दी थी 10 एकड़ जमीन

राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ग्राम पंचायत ने स्व सहायता समूह को रोजगार सृजन करने के लिए जमीन दी थी. 10 एकड़ की यह जमीन पूरी तरह बंजर थी. जिसे गांव की ही तीन स्व सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी मेहनत से उपजाऊ बना दिया. करीब 6 एकड़ की जमीन पर महिलाएं सब्जी-भाजी की खेती कर रही हैं.

In Machandur Gram Panchayat of Durg district women of self-help group made barren land fertile
तीन स्व सहायता समूह की महिलाएं

काम शुरू करने से पहले बनाई योजना

गांव में इस तरह की पहल को सार्थक बनाने के लिए महिलाओं ने पहले योजना बनाई. उन्होंने पहले तो आपस में समूह बनाया, फिर एक-एक समूह को दो-दो एकड़ जमीन बांट कर उसमें श्रमदान शुरू किया. 2 महीने तक यह सिलसिला चलता रहा. फरवरी की शुरुआत में ही जमीन उत्पादन के लायक बन गई. उसके बाद सब्जियां लगानी शुरू की.

SPECIAL: मेहनत और चाह से महिलाओं ने बनाई जिंदगी की राह

ऊबड़-खाबड़ जमीन को बनाया समतल

स्व सहायता समूह की पूर्णिमा बाई बंजारे ने ETV भारत को बताया कि यह जमीन पूरी तरह से बंजर थी. बहुत ज्यादा उबड़-खाबड़ थी. जिसे दो महीने की मेहनत के बाद समतल किया जा सका. भूखंड में कई सारे कांटे के झाड़ लगे थे, जिन्हें हटाकर उपजाऊ बनाया.

3 समूह की महिलाएं कर रहीं काम

मचांदुर में कुल 23 महिला स्व सहायता समूह हैं, लेकिन सिर्फ तीन समूह की महिलाओं ने इस जमीन को उपजाऊ बनाया. समूह की भारती मेश्राम बताती हैं कि यहां तीन समूह की महिलाएं काम कर रही हैं. मां भानेश्वरी समूह, मां परमेश्वरी समूह और मां पार्वती समूह की महिलाओं को 2-2 एकड़ जमीन बांटी गई. जमीन भले ही बांटी गई है. लेकिन तीनों समूह की महिलाएं मिलकर काम करती हैं. उन्होंने बताया कि अभी कई सब्जियों के बीज डाले गए हैं. कुछ दिनों में पूरी तरह से उत्पादन शुरू हो जाएगा.

कांकेर: हल्दी की खेती से लाखों कमा रही स्व सहायता समूह की महिलाएं

कई तरह की उगा रही सब्जियां

स्व सहायता समूह की महिला उमा देवी देवांगन कहती हैं कि पहले यह जमीन खेती योग्य नहीं थी. उसे हम सभी महिलाओं ने मिलकर खेती के लायक बनाया है. स्व सहायता समूह की सदस्य बताती है कि अब यहां गोभी, टमाटर, धनिया, भिंडी, मूली, कई तरह की भाजियां, रखियां, कुम्हड़ा, ग्वारफली समेत कई प्रकार की सब्जियां उगाई जा रही हैं.

'मदर्स मार्केट': यहां एक छत के नीचे बिकेगा महिलाओं के हाथ का हुनर और स्वाद

ग्राम पंचायत का मिला साथ

गांव के सरपंच दिलीप कुमार साहू ने बताया कि पहले यह जमीन काफी उबड़ृ-खाबड़ थी. कई तरह के कांटे और लकड़ियां यहां पड़ी रहती थीं. ऐसी बंजर जमीन को इन महिलाओं ने खेती योग्य बना दिया जो तारीफ के काबिल है. उन्होंने बताया कि महिलाओं ने काफी मेहनत की. जमीन तैयार होने के बाद पानी की बड़ी समस्या थी. ग्राम पंचायत की तरफ से ड्रिप पाइप की व्यवस्था कराई गई. जिससे अब ये महिलाएं खेती कर ना सिर्फ बंजर जमीन पर हरियाली ला रही हैं बल्कि अपने जीवन में भी आर्थिक स्तर पर मजबूत हो रही हैं.

Last Updated : Mar 16, 2021, 12:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.