दुर्ग :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन ब्लॉक के सिपकोना और बोरेंदा ,उफरा इलाके में खारून नदी पर रेत के अवैध खनन को लेकर अधिकारी बेखबर हैं.तो वहीं रेत माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि रात हो या दिन नदी में दर्जनों वाहनों की मदद से रेत का परिवहन किया जा रहा है.नदी में पर्याप्त मात्रा में पानी है. नदी में पानी होने के बावजूद रेत माफिया डोंगे का इस्तेमाल कर रेत का उत्खनन कर रहा है.
जहां डोंगे में जनरेटर लगाकर रेत निकाला जा रहा है. जिसमें पाइप के माध्यम से पानी के अंदर से रेत को खींच कर बाहर निकला जा रहा है. खनिज विभाग किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण क्षेत्र में रेत का अवैध खनन बंद होने का नाम नहीं ले रहा है.
सांसद ने लगाए गंभीर आरोप : इस मामले को दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल का आरोप लगाया है कि ''अवैध रेत खनन को लेकर उनके कार्यकर्ता लगातार अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं. लेकिन अधिकारी कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं हैं. वे जब पाटन क्षेत्र के विधायक थे तो कांग्रेसी अक्सर उन्हीं पर झूठा आरोप लगाते थे. आज उनके ही शासनकाल में मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध रेत खनन हो रहा है.''
खनिज अधिकारी ने बताया नहीं हो रहा अवैध खनन : इस पूरे मामले में खनिज इंस्पेक्टर भरत बंजारे ने बताया कि '' सिपकोना में नदी में डोंगा और मशीन के माध्यम से नदी के अंदर से रेत निकलने की शिकायत मिली थी. जहां जांच की गई. लेकिन कुछ नहीं मिला. वही अधिकारी ने स्वीकार किया है कि नदी में डोंगा लगाने की परमिशन नही दी है. अगर इस तरह से कोई रेत का खनन करता है. तो उसके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जायेगी.''
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जिले में कितनी रेत खदानों को परमिशन : जिले में वर्तमान में 4 रेत खदानों को रेत खनन का परिमिशन दिया गया है. जिसमें पीपरछेड़ी,भरदा,सिपकोना और उफरा में रेत निकाला जा रहा है. जिसमें कई जगह बिना रॉयल्टी के परिवहन हो रहा है. रेत माफिया रॉयल्टी काटने को वजह से शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है. साथ ही रेत का अवैध उत्खनन जोरों से चल रहा है. शिवानाथ और खारुन नदी का सीना छलनी कर रेत निकालने की जानकारी जिला खनिज विभाग को भी है. लेकिन खनिज विभाग कार्यवाई नहीं कर रहा है. जिससे रेत माफिया के हौंसले लगातार बुलंद हैं.