दुर्ग: बरसात का मौसम आते ही मौसमी बीमारियों का कहर देखने को मिला रहा है. बीमारियों को लेकर अब प्रशासन पहले से ज्यादा सतर्क नजर आ रहा है. दुर्ग जिले में हर वर्ष डेंगू और पीलिया से कई लोग पीड़ित होते हैं. इस बार जिला प्रशासन डेंगू और पीलिया से बचने के लिए पहले ही अलर्ट हो गया हैं. डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला भिलाई पहुंचे थे. उन्होंने आला अधिकारियों की बैठक लेकर दिशा-निर्देश भी दिए हैं.
2018 में कहर बनकर बरपा था डेंगू
डेंगू के खतरे को भांपते हुए प्रमुख सचिव ने रविवार को जिला प्रशासन के साथ एक बैठक ली है. जिसमे डेंगू को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. जिले में एक बार फिर डेंगू का खतरा मंडरा रहा है. बता दें डेंगू के मरीजों की पहचान भी हो रही है. अब तक 2 लोगों में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं. (2 positive dengue patients ) जिनका इलाज अस्पताल में जारी है. दुर्ग जिले में साल 2018 में डेंगू ने अपना रौद्र रूप दिखाया था. जिसमे 5000 लोग डेंगू से पीड़ित हुए थे. वहीं 50 से अधिक लोगों की मौत डेंगू से हुई थी. जिसमें अधिकतर बच्चे शामिल थे.
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कोरोना के बाद से प्रशासन अलर्ट
कोरोना की दूसरी लहर ने भी दुर्ग में सबसे पहले प्रभाव दिखाया था. कोरोना के बीच अब डेंगू का खतरा मंडरा रहा है. शहर में बारिश के मौसम की शुरूआत में ही डेंगू के 2 संदिग्ध पॉजिटिव मरीज मिले हैं. जिनका इलाज निजी और शासकीय अस्पतालों में चल रहा है. इन मरीजों के मिलने के बाद स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड में नजर आ रहा है.
जिला स्वास्थ्य विभाग ने पूरे जिले में अस्पतालों में अलर्ट घोषित कर दिया है. मरीजों के घर के लोगों का भी सैंपल लिया गया. आसपास के घरों या कूलर, टंकी, पानी पीने के बर्तन, फूलदान, टायर जैसे जगहों में डेंगू मच्छर महफूज रहते हैं. प्रभावित क्षेत्रों में साफ सफाई और दवाइयों का छिड़काव कराया जा रहा है. डेंगू से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.