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MBBS में प्रवेश दिलाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी - दुर्ग क्राइम न्यूज

दुर्ग में आए दिन धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहते हैं. बेटे को डॉक्टर बनाने के लिए एक मेडिकल दुकान संचालक लाखों की धोखाधड़ी का शिकार हो गया. दुकान संचालक नेतराम से 14 लाख 42 हजार 140 रुपये ठग लिए गए.

fraud case in durg
MBBS में प्रवेश दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी
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Published : Feb 9, 2021, 5:15 PM IST

Updated : Feb 9, 2021, 6:12 PM IST

दुर्गः जिले में अपराध और धोखाधड़ी जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही है. बेटे को डॉक्टर बनाने की ख्वाहिश दुर्ग के एक मेडिकल स्टोर संचालक को भारी पड़ गई. दुकान संचालक नेतराम जायसवाल से एमबीबीएस सीट अलॉट कराने के नाम पर 14 लाख 42 हजार रुपये का ठगी हो गई.

एमबीबीएस का सपना पड़ा मंहगा
2019 में आमापारा के रहने वाले नेतराम जायसवाल का बेटा प्रणीत जायसवाल नीट क्लीयर नहीं कर पाया था. इसके बाद प्रणीत ने प्राइवेट यूनिवर्सिटी का विकल्प ढूंढा. गूगल में सर्च के दौरान आंध्र प्रदेश की ओम श्री गायत्री विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी की वेबसाइट मिली. प्रणीत ने यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर गिरीनाथ शर्मा से बात की. उन्होंने प्रवेश के लिए सीट अलॉट कर दिया. जिसके बाद 14 लाख 42 हजार 140 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कराया. इसके बाद भी प्रणीत को प्रवेश नहीं मिला. इसके बाद नेतराम ने रकम वापस मांगी. यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर ने अबतक रकम को नहीं लौटाया है. जिससे परेशान होकर नेतराम ने पुलिस में शिकायत की.

पढ़ें- दुर्ग: धोखाधड़ी केस में सलाखों के पीछे पहुंचे 4 आरोपी

यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर पर धोखाधड़ी का आरोप
ओंगल यूनिवर्सिटी के संचालक गिरीनाथ शर्मा के खिलाफ उत्तर प्रदेश के एक छात्र ने भी रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है. एसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि एमबीबीएस की सीट अलॉट के नाम पर करीब 15 लाख की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. जांच के बाद आरोपी यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर को गिरफ्तार किया जाएगा.

दुर्गः जिले में अपराध और धोखाधड़ी जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही है. बेटे को डॉक्टर बनाने की ख्वाहिश दुर्ग के एक मेडिकल स्टोर संचालक को भारी पड़ गई. दुकान संचालक नेतराम जायसवाल से एमबीबीएस सीट अलॉट कराने के नाम पर 14 लाख 42 हजार रुपये का ठगी हो गई.

एमबीबीएस का सपना पड़ा मंहगा
2019 में आमापारा के रहने वाले नेतराम जायसवाल का बेटा प्रणीत जायसवाल नीट क्लीयर नहीं कर पाया था. इसके बाद प्रणीत ने प्राइवेट यूनिवर्सिटी का विकल्प ढूंढा. गूगल में सर्च के दौरान आंध्र प्रदेश की ओम श्री गायत्री विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी की वेबसाइट मिली. प्रणीत ने यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर गिरीनाथ शर्मा से बात की. उन्होंने प्रवेश के लिए सीट अलॉट कर दिया. जिसके बाद 14 लाख 42 हजार 140 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कराया. इसके बाद भी प्रणीत को प्रवेश नहीं मिला. इसके बाद नेतराम ने रकम वापस मांगी. यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर ने अबतक रकम को नहीं लौटाया है. जिससे परेशान होकर नेतराम ने पुलिस में शिकायत की.

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यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर पर धोखाधड़ी का आरोप
ओंगल यूनिवर्सिटी के संचालक गिरीनाथ शर्मा के खिलाफ उत्तर प्रदेश के एक छात्र ने भी रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है. एसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि एमबीबीएस की सीट अलॉट के नाम पर करीब 15 लाख की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. जांच के बाद आरोपी यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर को गिरफ्तार किया जाएगा.

Last Updated : Feb 9, 2021, 6:12 PM IST
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