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भिलाई के मैत्री बाग में नन्हें शावकों की पहली झलक, केज से निकाला गया बाहर

First Glimpse Of Two Cubs Of White Tiger दुर्ग के मैत्री बाग में शुक्रवार को सफेद बाघ के दो नन्हें शावकों की पहली झलक देखने को मिली. इन दोनों नन्हें शावकों को मां रोमा ने सितंबर में जन्म दिया था. जिसके बाद विशेषज्ञों की निगरानी में इनकी देखरेख की जा रही थी. आज तीन महीने बाद मैत्री बाग प्रबंधन ने दोनों शावकों को केज से बाहर निकाला है. Maitri Bagh Zoo in Bhilai

First glimpse of two cubs
नन्हें शावकों की पहली झलक
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 5, 2024, 6:44 PM IST

Updated : Jan 5, 2024, 10:03 PM IST

नन्हें शावकों की पहली झलक

दुर्ग भिलाई: भिलाई इस्पात संयंत्र के मैत्री बाग में सफेद बाघ के कुनबे में दो नए मेहमान शामिल हो गए हैं. मैत्री बाग में सफेद बाघिन रोमा ने एक साथ 2 शावकों को जन्म दिया था. जिसके बाद दोनों शावकों को डॉक्टरों को निगरानी में रखा गया था. तीन माह तक देखभाल के बाद अब इनको केज से बाहर निकाला गया है. आज आम जनता को इन दोनों चंचल शावकों की पहली झलक देखने को मिली है.

8 सितंबर को हुआ नन्हें शावकों का जन्म: भिलाई के मैत्री बाग में सफेद बाघिन रोमा ने 8 सितंबर को नन्हें शावकों को जन्म दिया. दोनों नन्हें शावकों के आने से मैत्री बाग में सफेद बाघों की संख्या 10 हो गई है. इसके पहले सफेद बाघिन रक्षा ने 28 अप्रैल 2023 को 3 नन्हें शावकों को जन्म दिया था.

"पर्यटकों के लिए आज दो नन्हे शावकों को बाहर निकाला है. इन दो नर शासकों का नामकरण सेल की स्थापना दिवस के दिन किया जाएगा." - डॉ एन के जैन, प्रभारी, मैत्री बाग भिलाई

मां के साथ एक अंधेरे कमरे में रखा: पशु चिकित्सा मानदंडों के अनुसार, स्तनपान और अन्य स्वास्थ्य मापदंडों की निगरानी के लिए जन्म के बाद शावकों को मां के साथ एक अंधेरे कमरे में रखा गया. युवा शावकों की देखभाल करते समय बाघिन मां सतर्क और गुप्त रहना पसंद करती है. इसलिए घूमने और रहने के लिए गुफा जैसा माहौल एक अलग बाड़े में तैयार किया गया. बाघिन और नन्हें शावकों को कम रौशनी में रखा गया. शावक 4 माह बाद पूरी तरहे से मांस खाना सीख जाएंगे. बाघ के बच्चे तापमान के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं. दिसंबर एवं जनवरी के महीनों में सर्दी के मौसम को देखते हुए मां और शावकों को ठंड से बचाने विशेष व्यवस्था की गई है. मां और शावकों के बाड़े में हीटर लगाए गए हैं.

मैत्री बाग में हैं सबसे अधिक सफेद बाघ: आपको बता दें कि भिलाई मैत्री बाग सफेद बाघों की सबसे अधिक संख्या के साथ भारत के शीर्ष चिड़ियाघरों में से एक है. साल 1997 में सफेद टाइगर तरुण एवं तापसी की जोड़ी को नंदनकानन चिड़ियाघर ओडिशा से भिलाई स्थित मैत्री बाग जू लाया गया था. तब से मैत्री बाग चिड़ियाघर में सफेद शेर का कुनबा फलफूल रहा है. मैत्री बाग जू ने देश के 05 अन्य चिडियाघरों, जिनमें जवाहर लाल नेहरु जूलोजिकल पार्क बोकारो, लखनऊ जूलोजिकल गार्डन, राजकोट जूलोजिकल पार्क राजकोट, इंदिरा गांधी प्राणी संग्रहालय इंदौर और जूलोजिकल एंड रेस्क्यू सेंटर मुकुंदपुर सतना मध्यप्रदेश में 12 से अधिक सफेद शेरों को भेजा जा चुका है. वर्तमान में मैत्री बाग चिड़ियाघर में 10 सफेद बाघ हैं.

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8 सितंबर को हुआ नन्हें शावकों का जन्म: भिलाई के मैत्री बाग में सफेद बाघिन रोमा ने 8 सितंबर को नन्हें शावकों को जन्म दिया. दोनों नन्हें शावकों के आने से मैत्री बाग में सफेद बाघों की संख्या 10 हो गई है. इसके पहले सफेद बाघिन रक्षा ने 28 अप्रैल 2023 को 3 नन्हें शावकों को जन्म दिया था.

"पर्यटकों के लिए आज दो नन्हे शावकों को बाहर निकाला है. इन दो नर शासकों का नामकरण सेल की स्थापना दिवस के दिन किया जाएगा." - डॉ एन के जैन, प्रभारी, मैत्री बाग भिलाई

मां के साथ एक अंधेरे कमरे में रखा: पशु चिकित्सा मानदंडों के अनुसार, स्तनपान और अन्य स्वास्थ्य मापदंडों की निगरानी के लिए जन्म के बाद शावकों को मां के साथ एक अंधेरे कमरे में रखा गया. युवा शावकों की देखभाल करते समय बाघिन मां सतर्क और गुप्त रहना पसंद करती है. इसलिए घूमने और रहने के लिए गुफा जैसा माहौल एक अलग बाड़े में तैयार किया गया. बाघिन और नन्हें शावकों को कम रौशनी में रखा गया. शावक 4 माह बाद पूरी तरहे से मांस खाना सीख जाएंगे. बाघ के बच्चे तापमान के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं. दिसंबर एवं जनवरी के महीनों में सर्दी के मौसम को देखते हुए मां और शावकों को ठंड से बचाने विशेष व्यवस्था की गई है. मां और शावकों के बाड़े में हीटर लगाए गए हैं.

मैत्री बाग में हैं सबसे अधिक सफेद बाघ: आपको बता दें कि भिलाई मैत्री बाग सफेद बाघों की सबसे अधिक संख्या के साथ भारत के शीर्ष चिड़ियाघरों में से एक है. साल 1997 में सफेद टाइगर तरुण एवं तापसी की जोड़ी को नंदनकानन चिड़ियाघर ओडिशा से भिलाई स्थित मैत्री बाग जू लाया गया था. तब से मैत्री बाग चिड़ियाघर में सफेद शेर का कुनबा फलफूल रहा है. मैत्री बाग जू ने देश के 05 अन्य चिडियाघरों, जिनमें जवाहर लाल नेहरु जूलोजिकल पार्क बोकारो, लखनऊ जूलोजिकल गार्डन, राजकोट जूलोजिकल पार्क राजकोट, इंदिरा गांधी प्राणी संग्रहालय इंदौर और जूलोजिकल एंड रेस्क्यू सेंटर मुकुंदपुर सतना मध्यप्रदेश में 12 से अधिक सफेद शेरों को भेजा जा चुका है. वर्तमान में मैत्री बाग चिड़ियाघर में 10 सफेद बाघ हैं.

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Last Updated : Jan 5, 2024, 10:03 PM IST
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