दुर्ग: टमाटर का सीजन आते ही किसान अपनी फसल को लेकर असमंजस में हैं. थोक मंडी में टमाटर का रेट एक से दो रुपये प्रति किलो होने से किसानों के लिए यह घाटे का सौदा बन गया है. हालांकि मई में लोकल फसल समाप्त होने के बाद टमाटर के रेट में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन इस समय टमाटर की फसल किसानों को रूला रही है. किसान दो रुपये प्रति किलो में टमाटर बेचने को मजबूर हैं.
टमाटरों का गढ़ कहे जाने वाले धमधा क्षेत्र में टमाटर की बंपर पैदावार से किसान खुश तो हैं, लेकिन टमाटर का भाव नहीं मिलने से मायूस भी. टमाटर की खेती कर रहे किसानों का बुरा हाल है. हालात ये है कि उत्पादन ज्यादा हो रहा है और मांग कम हो रही है. पिछले साल की तुलना में धमधा में इस बार बंपर पैदावार हुई है. कई जगह टमाटर फेंके जा रहे हैं और अधिकतर जगह बिक नहीं रहे.
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उत्पादन ज्यादा, मांग कम
धमधा के किसानों ने बताया कि टमाटर की फसल को रोजाना मंडी पहुंचाना होता है. उन्हें रोज खेत से तोड़ना भी होता है, मजदूरों की दिहाड़ी और वाहन का किराया भी नहीं निकल पाता. लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रही है. शुरुआत में टमाटर के अच्छे दाम मिले थे, लेकिन उत्पादन ज्यादा होने के कारण टमाटर के दामो में भारी गिरावट आ गई है.