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दुर्गः  मरीज के परिजन का आरोप, मौत के बाद भी अस्पताल करता रहा इलाज

मरीज के परिजन का आरोप है कि निजी अस्पताल मौत के बाद इलाज के नाम पर उसने रुपयों की उगाही करता रहा. वहीं अस्पताल प्रबंधन से इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

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Published : May 23, 2020, 7:22 PM IST

Updated : May 24, 2020, 10:46 AM IST

Private hospital accused of extorting money
निजी अस्पताल पर पैसा उगाही का आरोप

दुर्ग : कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों के कार्यों को जनता की सराहना मिल रही है, वहीं मरीज के परिजन ने नेहरू नगर स्थित एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर मानवता को शर्मसार करने वाला का आरोप लगाया है. परिजन का आरोप है कि मरीज की मौत होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने उसे वेंटिलेटर पर रखा. इस पर मामले में मृतक मरीज के परिजन ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी से निजी अस्पताल खिलाफ जांच की मांग की है.

राजनांदगांव निवासी सिराजुन निशा उम्र 62 वर्ष, जो कि पैर में दर्द की शिकायत लेकर 4 मई को अस्पताल पहुंची थी. जहां न्यूरोलॉजी से संबंधित डॉक्टर से सामान्य उपचार के बाद अपने घर चली गई. घर वापस जाने के बाद महिला की तबीयत लगातार बिगड़ने लगी , जिसके बाद दोबारा 13 मई को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया. जहां पर जांच के बाद महिला की आंतों में इंफेक्शन की बात रिपोर्ट में सामने आई. अस्पताल प्रबंधन ने महिला के परिजन को ऑपरेशन की सलाह दी. महिला के ऑपरेशन के बाद लगातार उसे वेंटिलेटर पर रखा गया. बीते 2-3 दिनों से मरीज के शरीर मे कोई भी सुधार न दिखने और शरीर से बदबू आने की बात परिजनों ने डॉक्टरों से कही, डॉक्टरों ने इस पर मरीज की हालत में सुधार आने की बात कही.

निजी अस्पताल पर उगाही का आरोप
शुक्रवार की रात परिजन मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने की बात कहकर अस्पताल प्रबंधन से डिस्चार्ज की मांग की, जिसे लेकर दोनों पक्षों में बहस भी हुई. जिसके बाद शनिवार को परिजन मरीज को दुर्ग के जिला अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतक के परिजन ने निजी अस्पताल पर उगाही करने के उद्देश्य से इलाज जारी रखने का आरोप लगाया है.

परिजनों पर हंगामा करने का आरोप

मामले में अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों का कहना था कि मरीज का इलाज करने में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं की गई. मरीज के परिजन की ओर से जो आरोप लगाया जा रहा है, वो बेबुनियाद है. अस्पताल प्रबंधन ने मरीज की जान बचाने के लिए हर संभव कोशिश की है. निजी अस्पताल के प्रबंधक ने कहा है कि मरीज की हालात अच्छी नहीं थी, बावजूद इसके परिजन उसे दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया, जिसकी वजह से शायद रास्ते पर ही उसकी मौत हो गई. प्रबंधक ने कहा कि जिला अस्पताल शिफ्ट करते वक्त अस्पताल प्रबंधन की तरफ से नर्स और आईसीयू के प्रमुख साथ में गए थे जिससे मरीज को सही सलामत पहुंचाया जा सके. अस्पताल प्रबंधन ने महिला के परिजन पर हंगामा करने और अभद्र व्यवहार करने आरोप लगाया है.

निजी अस्पताल पर पैसा उगाही का आरोप

दुर्ग : कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों के कार्यों को जनता की सराहना मिल रही है, वहीं मरीज के परिजन ने नेहरू नगर स्थित एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर मानवता को शर्मसार करने वाला का आरोप लगाया है. परिजन का आरोप है कि मरीज की मौत होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने उसे वेंटिलेटर पर रखा. इस पर मामले में मृतक मरीज के परिजन ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी से निजी अस्पताल खिलाफ जांच की मांग की है.

राजनांदगांव निवासी सिराजुन निशा उम्र 62 वर्ष, जो कि पैर में दर्द की शिकायत लेकर 4 मई को अस्पताल पहुंची थी. जहां न्यूरोलॉजी से संबंधित डॉक्टर से सामान्य उपचार के बाद अपने घर चली गई. घर वापस जाने के बाद महिला की तबीयत लगातार बिगड़ने लगी , जिसके बाद दोबारा 13 मई को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया. जहां पर जांच के बाद महिला की आंतों में इंफेक्शन की बात रिपोर्ट में सामने आई. अस्पताल प्रबंधन ने महिला के परिजन को ऑपरेशन की सलाह दी. महिला के ऑपरेशन के बाद लगातार उसे वेंटिलेटर पर रखा गया. बीते 2-3 दिनों से मरीज के शरीर मे कोई भी सुधार न दिखने और शरीर से बदबू आने की बात परिजनों ने डॉक्टरों से कही, डॉक्टरों ने इस पर मरीज की हालत में सुधार आने की बात कही.

निजी अस्पताल पर उगाही का आरोप
शुक्रवार की रात परिजन मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने की बात कहकर अस्पताल प्रबंधन से डिस्चार्ज की मांग की, जिसे लेकर दोनों पक्षों में बहस भी हुई. जिसके बाद शनिवार को परिजन मरीज को दुर्ग के जिला अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतक के परिजन ने निजी अस्पताल पर उगाही करने के उद्देश्य से इलाज जारी रखने का आरोप लगाया है.

परिजनों पर हंगामा करने का आरोप

मामले में अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों का कहना था कि मरीज का इलाज करने में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं की गई. मरीज के परिजन की ओर से जो आरोप लगाया जा रहा है, वो बेबुनियाद है. अस्पताल प्रबंधन ने मरीज की जान बचाने के लिए हर संभव कोशिश की है. निजी अस्पताल के प्रबंधक ने कहा है कि मरीज की हालात अच्छी नहीं थी, बावजूद इसके परिजन उसे दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया, जिसकी वजह से शायद रास्ते पर ही उसकी मौत हो गई. प्रबंधक ने कहा कि जिला अस्पताल शिफ्ट करते वक्त अस्पताल प्रबंधन की तरफ से नर्स और आईसीयू के प्रमुख साथ में गए थे जिससे मरीज को सही सलामत पहुंचाया जा सके. अस्पताल प्रबंधन ने महिला के परिजन पर हंगामा करने और अभद्र व्यवहार करने आरोप लगाया है.

Last Updated : May 24, 2020, 10:46 AM IST
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