दुर्ग: अक्सर देखा जाता है कि सड़क दुर्घटना का कारण लापरवाही ही होती है. बावजूद इसके लोग लापरवाही कर दुर्घटनाओं को खुला न्यौता देते हैं. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में भी लोग सड़क पर चलते समय लापरवाही बरत रहे हैं. यही कारण है कि लोगों की लापरवाही उनके जान पर बन आती है. जिले में इन दिनों हर दिन सड़क दुर्घटना होती रहती है. इन दुर्घटना में लोगों की मौत भी हो रही है.
हर माह 16 लोगों की हो रही सड़क हादसे में मौत: आंकड़ों पर अगर हम गौर करें तो दुर्ग जिले में 11 माह में लगभग 294 लोगों की मौत हुई है. इनमें सबसे ज्यादा बाइक चालकों की मौत हुई. अधिकांश ने हेलमेट नहीं पहना था. बाइक चलाते समय हेलमेट नहीं लगाकर लोग यातयात के नियमों का उल्लंघन करते हैं. इसके बाद दुर्घटना होने पर लोगों के जान पर बन आती है. जिले में सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में हर साल सैकड़ों लोगों की जान जा रही हैं. सड़क दुर्घटनाओं में मां-बेटे, पति-पत्नी की मौत हो रही हैं. जनवरी से लेकर नवंबर में हुए हादसों पर गौर करें तो हर माह औसतन लगभग 16 से अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओ में हो रही हैं.
यातायात पुलिस लगातार वाहन चालकों पर कार्रवाई कर रही है. जनवरी से लेकर अब तक 294 लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई है. पिछले साल 2022 में 323 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी. इस साल सड़क दुर्घटना के ग्राफ में गिरावट देखने को मिला है. लोगों से अपील की गई है कि लोग नशे की हालत में वाहन न चलाएं. नशे में धुत होकर वाहन चलाने पर कार्रवाई हो रही है. तीन सवारी, बिना हेलमेट, बिना कागजात सभी पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है. वाहन चालकों को ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया जा रहा है. -सतीश ठाकुर, ट्रैफिक डीएसपी
लापरवाही के कारण हो रहे हादसे: प्रतिमाह औसतन 80 हादसे जिले में होते हैं. इसमें 60 लोग घायल हो रहे हैं. वहीं, सड़क दुर्घटना में मौत के बाद उस पर आश्रित पूरा परिवार बिखर जाता है. जिले में सड़क हादसे भी सबसे ज्यादा लापरवाही के कारण होते हैं. सड़कों पर तेज गति से वाहन चालने, बिना हेलमेट के सफर करने और सीट बेल्ट नहीं लगाने से हादसे होते हैं. जिले में यातायात नियमों का पालन करने में वाहन चालक लापरवाही कर रहे हैं. सड़क से गुजरने वाली हर 10 में से नौ बाइक सवार बिना हेमलेट के होते हैं.
लापरवाह वाहन चालक नहीं बरतते सावधानी: अक्सर देखा जाता है कि बाइक पर तीन लोग सवार होकर सफर करते हैं. बच्चे भी बड़े वाहन दौड़ा रहे हैं. हादसे से कोई सबक लेने को तैयार नहीं. नियमों के प्रति लोगों की लापरवाही के कारण यातायात पुलिस भी चालानी कार्रवाई करती है. बावजूद इसके लोग अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे. लोग जुर्माना तो भरने को तैयार हैं लेकिन यातायात के नियमों का पालन करने को तैयार नहीं हैं.