दुर्ग: कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन के बढ़ते वक्त और पाबंदियों में मिली छूट के कारण मजदूर वापस अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं. इस दौरान जिला पुलिस मानवता की मिसाल पेश कर रही है. दुर्ग पुलिस ने सहायता केंद्र बनाकर मजदूरों के लिए जरूरी सामानों का विरतण शुरू किया है.
पुलिस लॉकडाउन का पालन कराने के लिए मेहनत कर रही है. वहीं पूरे देश से पुलिस की मानवीय तस्वीरें सामने आई हैं. ऐसे में दुर्ग पुलिस का भी एक मददगार चेहरा सामने आया है. बता दें कि दो दिन से अंजोरा बायपास पर मजदूरों को तपती धूप से बचाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव और सराफा कारोबारियों के सहयोग से गमछा और चप्पल दिए जा रहे हैं, ताकि मजदूर इस चिलचिलाती धूप से अपने सिर और पैरों का बचाव कर सकें.
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लॉकडाउन घोषित होने के बाद से मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया था. जिसके बाद मजदूर किसी भी स्थिति में घर पहुंचना चाहते हैं. शासन-प्रशासन की लाख कोशिशें भी उन्हें रोक नहीं पा रही हैं. मजदूर पैदल या साइकिल से ही अपने घर की ओर रवाना होने लगे हैं.
जागरूक कर रही पुलिस
जिले में पैदल आने-जाने वाले मजदूरों को पुलिस के आला अधिकारी सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना महामारी से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक कर रहे हैं. तेज गर्मी में भी विभिन्न राज्यों से छत्तीसगढ़ पहुंच रहे मजदूरों की सहायता के लिए दुर्ग पुलिस ने शहर प्रवेश पर गमछा और चप्पल का वितरण किया है.
जिले के एसएसपी अजय यादव के नेतृत्व में दूसरे राज्यों से पलायन कर रहे और अपने राज्य लौट रहे मजदूरों की सुविधाओं का खास ख्याल रखा जा रहा है. उन्हें जगह-जगह भोजन, पानी और फल तक उपलब्ध कराया जा रहा है.