दुर्ग: रायपुर में दो दिन पहले युवाओं ने बघेल सरकार के खिलाफ नग्न प्रदर्शन किया गया था. इस विरोध प्रदर्शन की हर ओर चर्चा हो रही है. दरअसल, फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले शासकीय कर्मचारियों को बर्खास्त करने की मांग को लेकर ये प्रदर्शन किया गया था. इन प्रदर्शनकारियों को जेल में बंद कर दिया गया है, जिनकी रिहाई को लेकर बसपा ने दुर्ग में धरना प्रदर्शन किया है. साथ ही राज्यपाल के नाम का ज्ञापन भी सौंपा है.
दुर्ग में बसपा का धरना: बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश महासचिव लता गेडाम के नेतृत्व में आज दुर्ग में धरना प्रदर्शन किया गया. भारी संख्या में बसपा के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया. बसपा की प्रदेश महासचिव लता गेडाम ने कहा कि "फर्जी जाति पत्र के आधार पर शासकीय नौकरी पाने वालों के खिलाफ निर्वस्त्र प्रदर्शन किया गया था. प्रदर्शन करने वाले युवाओं को निशर्त रिहा कर दिया जाए. फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले को तत्काल बर्खास्त करने की मांग को लेकर रायपुर में नग्न प्रदर्शन किया गया था. यदि सरकार युवाओं की मांग को पहले ही सुन लेती तो उन्हे निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने पर मजबूर नहीं होना पड़ता."
प्रदर्शनकारियों को रिहा करने की मांग: बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने साल 2000 से 2020 तक फर्जी जाति प्रमाण पत्र के कुल 758 प्रकरणों की शिकायतें राज्य सरकार से की थी, जिसमें 659 प्रकरणों की जांच हुई. जांच में 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. सभी 267 शासकीय कर्मचारी है, जिन पर कार्रवाई की मांग को लेकर रायपुर में युवाओं ने निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों को रास्ते में ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. फिलहाल सभी जेल में हैं. सभी को रिहा करने की मांग को लेकर बसपा ने आज दुर्ग में धरना प्रदर्शन किया है.
ये भी है मांग: बसपा की मांग है कि गिरफ्तार किए गए युवाओं को तुरंत रिहा किया जाए. साथ ही उनकर लगाए गए धाराओं को तत्काल निरस्त किया जाए. साथ ही फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को तुरंत बर्खास्त किया जाए.