भिलाई : तमाम एप और वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. सबसे ज्यादा फ्रॉड उन मामलों में हो रहा है जिसमें पैसों का लेनदेन होता है. ऐसा ही एक मामला भिलाई में तब सामने आया, जब महिला होटल की बुकिंग करा रही थी. महिला से एक दो नहीं करीब चार बार रकम ट्रांसफर करवाई गई. जब तक महिला समझ पाती तब तक ठगी हो चुकी थी.
कैसे बनाया शिकार ?: भिलाई के तालपुरी में रहने वाले रिटायर्ड बीएसपी कर्मी की बहू होटल में कमरा बुक करने के लिए इंटरनेट पर सर्च कर रही थी. इसी दौरान उन्हें होटल सिल्वर सैंड बिच रिसोर्ट दमन का एड मिला. उन्होंने वेबसाइट के एड में दर्ज मोबाइल नंबर पर संपर्क किया. महिला का फोन कुलदीप नाम के व्यक्ति ने उठाया. फिर उसने होटल में कमरा बुक करने के लिए पहले रिसोर्ट की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा. इसके बाद कुलदीप ने महिला के वाट्सएप नंबर पर एकाउंट डिटेल भेजी. इसके बाद कुलदीप ने महिला से एकाउंट में बुकिंग एमाउंट भेजने के लिए बोला.महिला ने अपने बैंक खाते से पहले रजिस्ट्रेशन के लिए 2000 रुपए एकाउंट में डाले.फिर 19241 रुपए कमरा बुक करने के लिए ट्रांसफर किए. इसके बाद महिला ने कुलदीप से संपर्क किया. तो उसने रकम नहीं मिलने की बात कही. इसके बाद महिला ने दोबारा 19241 रुपये ट्रांसफर किए. फिर से फोन पर कुलदीप से संपर्क किया. फिर उसने एमाउंट नहीं मिलने की बात कही.इस तरह महिला ने चार बार में आरोपी कुलदीप के खाते में 78964 रुपए ट्रांसफर कर दिये.
कैसे हुआ ठगी का खुलासा ?: चार बार रकम ट्रांसफर करने के बाद भी जब होटल में कमरा बुक नहीं हुआ, तो महिला को ठगी का अंदेशा हुआ. फिर उसने सिल्वर सैंड बिच रिसोर्ट दमन की वेबसाइट को इंटरनेट पर खोजा.उसने वेबसाइट में दिए गए नंबर पर संपर्क किया गया तो रिसोर्ट से बताया गया कि बुकिंग के लिए कोई रकम नहीं मिली है. तब जाकर महिला को उसके साथ हुई ठगी के बारे में पता चला. इसके बाद पूरे मामले की भिलाई नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई.
"तालपुरी निवासी राजीव मल्होत्रा ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 11 जुलाई को उनकी बहू इंटरनेट से दमन में होटल बुक करने के लिए सर्च कर रही थी. तभी उसे इंटरनेट पर होटल सिल्वर सैंड बिच रिसोर्ट दमन का एड मिला. उसने एड में दर्ज मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, तो कुलदीप नाम के व्यक्ति से बात हुई. इस आरोपी ने प्रार्थी की बहू को झांसा देकर होटल बुकिंग के नाम पर 78964 की धोखाधड़ी कर लिया. मामले में आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जा रही है." - राजेश साहू, टीआई, भिलाई नगर
एड से होते है शिकार: साइबर विशेषज्ञों से जब इस बारे में बात की गई तो पता चला कि साइबर फ्रॉड करने के लिए विज्ञापन एक बड़ा हथियार बना हुआ है. इन विज्ञापनों में सस्ते सामान और सस्ते में बुकिंग की जानकारी दी जाती है. जो कि वास्तविक बुकिंग रकम से काफी कम होती है. जो लोग इंटरनेट के माध्यम से बुकिंग कराते हैं. उनको जानकारी नहीं होती है. वो एड पर भरोसा कर लेते हैं. एड में दिए गए नंबरों पर संपर्क करके ठगी का शिकार हो जाते हैं.
क्या करना चाहिए ? : साइबर विशेषज्ञों की राय में सबसे पहले सस्ते की मानसिकता को छोड़ना चाहिए. अगर आप सस्ता सामान चाहते हैं तो भी संबंधित सामान या होटल की वेबसाइट से संपर्क करना चाहिए. ना कि एड पर दिए गए नंबरों पर.हमेशा वेबसाइट के यूआरएल को चैक करना ही बेहतर होता है.