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क्या केंद्र से पूछकर कांग्रेस सरकार ने अपना घोषणा पत्र तैयार किया था : विजय बघेल

धान खरीदी पर दुर्ग से बीजेपी सांसद विजय बघेल का कहना है कि, 'क्या केंद्र से पूछकर राज्य सरकार ने अपना घोषणा पत्र तैयार किया था.' सांसद बघेल ने कहा कि, 'सरकार की हालत खराब है. जब से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी है तब से प्रदेश कर्ज के तले दबा हुआ है.'

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Published : Nov 15, 2019, 11:56 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 12:06 AM IST

बीजेपी सांसद विजय बघेल

दुर्ग: 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. धान खरीदी के इस निर्णय के बाद अब राज्य और केंद्र सरकार आमने-सामने नजर आ रही है. वहीं इस पूरे मामले पर दुर्ग से बीजेपी सांसद विजय बघेल का कहना है कि, 'क्या केंद्र से पूछकर राज्य सरकार ने अपना घोषणा पत्र तैयार किया था.' सांसद बघेल ने कहा कि, 'सरकार की हालत खराब है. जब से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी है तब से प्रदेश कर्ज के तले दबा हुआ है.'

बीजेपी सांसद विजय बघेल

प्रदेश सरकार ने तय की थी धान खरीदी की राशि
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार अब तक धान खरीदी शुरू नहीं हुई है. दरअसल राज्य की कांग्रेस सरकार ने ये तय किया था कि किसानों का धान 2500 रुपए में खरीदा जाएगा, लेकिन केंद्र ने अब तक राज्य सरकार को इस पर कोई सहयोग नहीं किया है.

87 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य
राज्य सरकार ने इस बार 87 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. पिछले साल तक केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से अरवा और उसना चावल मिलाकर 24 लाख मीट्रिक टन चावल खरीद रही थी, जिसे राज्य सरकार 32 लाख टन करने की मांग कर रही थी, लेकिन केंद्र सरकार ने खरीदी का कोटा बढ़ाने के बजाय खरीदी पर ही रोक लगा दी है.

पढ़ें- धान खरीदी की तारीख बढ़ाने पर सरकार के खिलाफ भाजपा का आंदोलन

सीएम ने प्रधानमंत्री को लिखी थी चिट्ठी
छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी. इसमें धान खरीदी के लिए 2500 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय करना अगर केंद्र के लिए संभव न हो तो राज्य सरकार को इस मूल्य पर खरीदी के लिए केंद्र सरकार से सहमति देने का अनुरोध किया गया था. विकेंद्रीकृत खाद्यान्न उपार्जन योजना के तहत यह सहमति देने की गुजारिश की गई थी.

दुर्ग: 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. धान खरीदी के इस निर्णय के बाद अब राज्य और केंद्र सरकार आमने-सामने नजर आ रही है. वहीं इस पूरे मामले पर दुर्ग से बीजेपी सांसद विजय बघेल का कहना है कि, 'क्या केंद्र से पूछकर राज्य सरकार ने अपना घोषणा पत्र तैयार किया था.' सांसद बघेल ने कहा कि, 'सरकार की हालत खराब है. जब से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी है तब से प्रदेश कर्ज के तले दबा हुआ है.'

बीजेपी सांसद विजय बघेल

प्रदेश सरकार ने तय की थी धान खरीदी की राशि
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार अब तक धान खरीदी शुरू नहीं हुई है. दरअसल राज्य की कांग्रेस सरकार ने ये तय किया था कि किसानों का धान 2500 रुपए में खरीदा जाएगा, लेकिन केंद्र ने अब तक राज्य सरकार को इस पर कोई सहयोग नहीं किया है.

87 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य
राज्य सरकार ने इस बार 87 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. पिछले साल तक केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से अरवा और उसना चावल मिलाकर 24 लाख मीट्रिक टन चावल खरीद रही थी, जिसे राज्य सरकार 32 लाख टन करने की मांग कर रही थी, लेकिन केंद्र सरकार ने खरीदी का कोटा बढ़ाने के बजाय खरीदी पर ही रोक लगा दी है.

पढ़ें- धान खरीदी की तारीख बढ़ाने पर सरकार के खिलाफ भाजपा का आंदोलन

सीएम ने प्रधानमंत्री को लिखी थी चिट्ठी
छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी. इसमें धान खरीदी के लिए 2500 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय करना अगर केंद्र के लिए संभव न हो तो राज्य सरकार को इस मूल्य पर खरीदी के लिए केंद्र सरकार से सहमति देने का अनुरोध किया गया था. विकेंद्रीकृत खाद्यान्न उपार्जन योजना के तहत यह सहमति देने की गुजारिश की गई थी.

Intro: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर गहरा संकट मंडरा रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार के किसानों को धान का बोनस देने और 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।Body:धान खरीदी के इस निर्णय के बाद अब राज्य औऱ केंद्र सरकार आमने सामने नजर आ रही है वहीं इस पूरे मामले पर दुर्ग से बीजेपी सांसद विजय बघेल का कहना है कि क्या केंद्र से पूछकर राज्य सरकार ने अपना घोषणा पत्र तैयार किया था। सांसद बघेल ने कहा कि सरकार की हालत खराब है। जब से राज्य में कोंग्रेस की सरकार बनो है। प्रदेश कर्जे के तले दबा हुआ है। आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू जाती थी। लेकिन इस बात अब तक धाम खरीदी शुरू नही हुई है। दरअसल राज्य की कोंग्रेस सरकार ने सरकार ने तय किया था। ये की किसानों ला धान 2500 रुपए में खरीदा जाएगा। लेकिन केंद्र ने अब तक इस आशय में कोई सहयोग राज्य सरकार को नही किया है ।Conclusion:राज्य सरकार ने इस बार 87 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। आपको बता दे कि पिछले साल तक केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से अरवा और उसना चावल मिलाकर 24 लाख मीट्रिक टन चावल खरीद रही थी। जिसे राज्य सरकार 32 लाख टन करने की मांग कर रही थी। लेकिन केन्द्र सरकार ने खरीदी का कोटा बढ़ाने की बजाय खरीदी पर ही रोक लगा दी है। छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी। इसमें धान खरीदी के लिए 2500 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय करना अगर केंद्र के लिए संभव न हो तो राज्य सरकार को इस मूल्य पर खरीदी के लिए केंद्र सरकार से सहमति देने का अनुरोध किया गया था। विकेंद्रीकृत खाद्यान्न उपार्जन योजना के तहत यह सहमति देने की गुजारिश की गई था।बहरहाल धान खरीदी का मुद्दा अब अब सरकार के लिए नाक का सवाल बन चुका है।

बाईट- विजय बघेल,सांसद,दुर्ग लोकसभा

कोमेन्द्र सोनकर,दुर्ग
Last Updated : Nov 16, 2019, 12:06 AM IST
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