भिलाई : सीआरपीएफ और भिलाई इस्पात संयंत्र के बीच जमीन का मामला नहीं सुलझ सका है. सीआरपीएफ ने 250 एकड़ जमीन बीएसपी से साल 1971 में ली थी.इसके लिए बकायदा सीआरपीएफ ने बीएसपी प्रबंधन को रकम भी अदा की थी.लेकिन सीआरपीएफ की जमीन पर अवैध तरीके से नेहरु नगर समेत कई कॉलोनियां बस गईं. इस मामले में तत्कालीन विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण यानी साडा और बीएसपी प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है.जिसके कारण सीआरपीएफ को उनकी जमीन पर अब तक कब्जा नहीं मिल पाया है.
इस मामले को लेकर गुरुवार शाम निगम कार्यालय भिलाई में एक महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय बैठक हुई. सीआरपीएफ के अफसरों के मुताबिक पंजीयक और निगम का कहना है कि सीआरपीएफ ने जमीन बीएसपी से खरीदी थी.इसलिए पूरी 250 एकड़ जमीन का सीमांकन बीएसपी मैनेजमेंट करवा करे. लेकिन बैठक में निगम और सीआरपीएफ के कहने के बाद भी बीएसपी के अफसर सीमांकन करने के लिए राजी नहीं हुए.जिसके कारण बैठक बेनतीजा रही.
''बीएसपी से 250 एकड़ जमीन 2 लाख 19 हजार 236 रूपए 53 पैसे में ली गई. इस पूरी राशि का भुगतान 23 फरवरी 1971 को किया गया. इसके बाद बीएसपी ने 18 अप्रैल 1972 को सीआरपीएफ को 232.02 एकड़ जमीन सौंपी. लेकिन इस जमीन पर अवैध कॉलोनी विकसित हो गई. इसमें तत्कालीन मध्यप्रदेश शासन से 24 अप्रैल 1991 को एक अप्रूवल की बात साडा की ओर से कई गई थी.लेकिन साडा का दावा गलत है क्योंकि अवैध कॉलोनियां साडा और बीएसपी प्रबंधन के कारण हीं बसी है.'' बलराम बेहरा,डीआईजी, सीआरपीएफ
सीआरपीएफ ने बीएसपी से पूछे सवाल : सीआरपीएफ ने बीएसपी प्रबंधन से सवाल पूछे थे. जिसमें ये कहा गया है कि बीएसपी प्रबंधन ने जो राशि सीआरपीएफ से ली वो किस खाते में गई.इसके बाद सीआरपीएफ की जमीन को अवैध तरीके से बेचकर करोड़ों का लाभ किसने कमाया है.लेकिन इन सवालों का जवाब भी ना तो साडा के पास था और ना ही बीएसपी प्रबंधन के पास इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई जिसके बाद बीएसपी के अफसर बैठक छोड़कर निकल गए.आपको बता दें कि नगर निगम भिलाई ने भी सीआरपीएफ की जमीन पर पानी की टंकी बना दी है. इसी जगह पर अभी सीआरपीएफ की एक टुकड़ी 5 अक्टूबर 18 से काबिज है.
कौन-कौन बैठक में था शामिल : इस बैठक में सीआरपीएफ की ओर से डीआईजी बलराम बेहरा, कमांडेंट अनुपम श्रीवास्तव, इंस्पेक्टर ग्लैडविन जॉन, एएसआई (मंत्रालय) काजल हजारी, नगर निगम भिलाई की ओर से अशोक द्विवेदी अतिरिक्त कमिश्नर, रमाकांत साहू उप कमिश्नर और प्रीति सिंह राजस्व और भिलाई स्टील प्लांट की ओर से सुब्रत प्रहराज जनरल मैनेजर, शुरोजित मल्लिक उपमहाप्रबंधक और अनुपम शिवप्पा सहायक महाप्रबंधक उपस्थित थे.