ETV Bharat / state

Padmashree Usha Barle Join BJP : बीजेपी में शामिल होते ही ऊषा बारले ने अमित शाह को बताया राम, बोली शबरी के जैसे मैंने राह तकी,अब जीवन का हुआ उद्धार

Padmashree Usha Barle Join BJP छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध पंडवानी गायिका पद्मश्री ऊषा बारले ने बीजेपी ज्वाइन की है. केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने ऊषा बारले को पार्टी का गमछा पहनाकर बीजेपी में शामिल करवाया.जिसके बाद अब ऊषा बारले को चुनाव लड़वाने के कयास लगाए जा रहे हैं. इस मौके पर उषा बाड़ले ने अमित शाह को राम के जैसा बता दिया. chhattisgarh assembly election 2023

Padmashree Usha Barle Join BJP
पद्मश्री ऊषा बारले का बीजेपी में हुआ प्रवेश
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 1, 2023, 5:22 PM IST

पद्मश्री ऊषा बारले बीजेपी में हुईं शामिल

दुर्ग : छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक और बड़ा नाम जुड़ गया है. प्रसिद्ध पंडवानी गायिका और पद्मश्री डॉ उषा बारले ने बीजेपी ज्वाइन की है. केंद्रीय मंत्री और प्रदेश सहप्रभारी मनसुख मंडाविया ने ऊषा बारले को एक कार्यक्रम में बीजेपी में शामिल करवाया. बीजेपी प्रवेश से पहले ऊषा बारले ने मनसुख मांडविया को राखी बांधी. इसके बाद ऊषा बाड़ले ने बीजेपी का गमछा पहनकर पार्टी का दामन थामा. इस दौरान मनसुख मंडाविया के साथ-साथ दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल, राज्यसभा सांसद सरोज पांडे समेत अन्य नेता भी मौजूद थे.

चुनाव में भी आजमा सकती हैं हाथ :आपको बता दें कि उषा बारले अनुसूचित जाति वर्ग से आती हैं. दुर्ग जिले में अहिवारा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.फिलहाल अहिवारा से उषा बारले को टिकट देने की संभावना भी दिख रही है.बीजेपी प्रवेश के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी ऊषा बारले को अहिवारा विधानसभा से चुनाव लड़वा सकती है.

अमित शाह ने भी की थी मुलाकात : 21 जून को देश के गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह भी ऊषा बारले के निवास पहुंचे थे.इस दौरान मंत्री अमित शाह ने परिवार से मुलाकात की थी. इसके दौरान उनके घर में ही छत्तीसगढ़ी पकवान भी खाए थे .तभी से ये कयास लगने लगे थे कि आने वाले दिनों में बीजेपी ऊषा बारले को पार्टी में शामिल कर सकती है.

''अमित शाह जी मेरे घर आए थे.जो उनके लिए माता शबरी को भगवान राम के मिलने जैसा था.जैसे शबरी ने बरसों तक भगवान राम की राह तकी थी.ठीक उसी तरह से वो अमित शाह की राह तक रहीं थी.अमित शाह से मुलाकात होने के बाद मानो जीवन का उद्धार हो गया है.पार्टी जिस जगह से चुनाव लड़वाएगी मैं लड़ने को तैयार हूं,और जीतकर सीट लाकर दूंगी '' ऊषा बारले,बीजेपी नेता

कौन हैं ऊषा बारले ? : ऊषा बारले कापालिक शैली की पंडवानी गायिका हैं. 2 मई 1968 को भिलाई में जन्मी उषा बारले ने सात साल की उम्र से ही पंडवानी सीखनी शुरू कर दी थी. बाद में उन्होंने तीजन बाई से इस कला की रंगमंच की बारीकियां भी सीखीं. उषा बारले छत्तीसगढ़ के अलावा न्यूयॉर्क, लंदन, जापान में अपना जौहर दिखा चुकी हैं. उषा बारले ने अब तक करीब 12 से ज्यादा देशों में पंडवानी की प्रस्तुति दी है. उषा बारले ने गुरु घासीदास की जीवनी को पंडवानी शैली में सबसे पहले प्रस्तुत किया था.

President Murmu Expresses Concern: राष्ट्रपति मुर्मू ने छात्रों में बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति पर जताई चिंता, कहा- कभी न हों निराश, रुचि के क्षेत्र में करें प्रयास
President Draupadi Murmu Chhattisgarh Visit: रतनपुर महामाया मंदिर में दर्शन करने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी द्रौपदी मुर्मू, जानिए कब और किसने कराया था इस मंदिर का निर्माण ?
India China Border Dispute: राहुल के बाद टीएस सिंहदेव ने चीन को लेकर पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा- प्रधानमंत्री का मौन अस्वीकार्य

कहां-कहां मिला सम्मान ? : साल 2006 में गणतंत्र दिवस के मौके पर कार्यक्रम पेश करने पर ऊषा बारले को नई दिल्ली में प्रथम स्थान मिला था. इसके बाद पंडवानी गायन के लिए अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में सम्मानित किया गया. छत्तीसगढ़ शासन ने ऊषा बारले को 2007 में सम्मानित किया. दाऊ महासिंह चंद्राकर सम्मान से भिलाई इस्पात संयंत्र ने सम्मानित किया. गिरौदपुरीधाम में गुरु विजय कुमार के हाथों 6 बार स्वर्ण पदक से सम्मानित हो चुकी हैं. इसके अलावा ऊषा बारले को मिनीमाता सम्मान ,छत्तीसगढ़ लोक कला महोत्सव में भुईयां सम्मान, चक्रधर सम्मान (रायगढ़), यूपी के कानपुर में मालवा सम्मान मिल चुका है.

पद्मश्री ऊषा बारले बीजेपी में हुईं शामिल

दुर्ग : छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक और बड़ा नाम जुड़ गया है. प्रसिद्ध पंडवानी गायिका और पद्मश्री डॉ उषा बारले ने बीजेपी ज्वाइन की है. केंद्रीय मंत्री और प्रदेश सहप्रभारी मनसुख मंडाविया ने ऊषा बारले को एक कार्यक्रम में बीजेपी में शामिल करवाया. बीजेपी प्रवेश से पहले ऊषा बारले ने मनसुख मांडविया को राखी बांधी. इसके बाद ऊषा बाड़ले ने बीजेपी का गमछा पहनकर पार्टी का दामन थामा. इस दौरान मनसुख मंडाविया के साथ-साथ दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल, राज्यसभा सांसद सरोज पांडे समेत अन्य नेता भी मौजूद थे.

चुनाव में भी आजमा सकती हैं हाथ :आपको बता दें कि उषा बारले अनुसूचित जाति वर्ग से आती हैं. दुर्ग जिले में अहिवारा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.फिलहाल अहिवारा से उषा बारले को टिकट देने की संभावना भी दिख रही है.बीजेपी प्रवेश के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी ऊषा बारले को अहिवारा विधानसभा से चुनाव लड़वा सकती है.

अमित शाह ने भी की थी मुलाकात : 21 जून को देश के गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह भी ऊषा बारले के निवास पहुंचे थे.इस दौरान मंत्री अमित शाह ने परिवार से मुलाकात की थी. इसके दौरान उनके घर में ही छत्तीसगढ़ी पकवान भी खाए थे .तभी से ये कयास लगने लगे थे कि आने वाले दिनों में बीजेपी ऊषा बारले को पार्टी में शामिल कर सकती है.

''अमित शाह जी मेरे घर आए थे.जो उनके लिए माता शबरी को भगवान राम के मिलने जैसा था.जैसे शबरी ने बरसों तक भगवान राम की राह तकी थी.ठीक उसी तरह से वो अमित शाह की राह तक रहीं थी.अमित शाह से मुलाकात होने के बाद मानो जीवन का उद्धार हो गया है.पार्टी जिस जगह से चुनाव लड़वाएगी मैं लड़ने को तैयार हूं,और जीतकर सीट लाकर दूंगी '' ऊषा बारले,बीजेपी नेता

कौन हैं ऊषा बारले ? : ऊषा बारले कापालिक शैली की पंडवानी गायिका हैं. 2 मई 1968 को भिलाई में जन्मी उषा बारले ने सात साल की उम्र से ही पंडवानी सीखनी शुरू कर दी थी. बाद में उन्होंने तीजन बाई से इस कला की रंगमंच की बारीकियां भी सीखीं. उषा बारले छत्तीसगढ़ के अलावा न्यूयॉर्क, लंदन, जापान में अपना जौहर दिखा चुकी हैं. उषा बारले ने अब तक करीब 12 से ज्यादा देशों में पंडवानी की प्रस्तुति दी है. उषा बारले ने गुरु घासीदास की जीवनी को पंडवानी शैली में सबसे पहले प्रस्तुत किया था.

President Murmu Expresses Concern: राष्ट्रपति मुर्मू ने छात्रों में बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति पर जताई चिंता, कहा- कभी न हों निराश, रुचि के क्षेत्र में करें प्रयास
President Draupadi Murmu Chhattisgarh Visit: रतनपुर महामाया मंदिर में दर्शन करने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी द्रौपदी मुर्मू, जानिए कब और किसने कराया था इस मंदिर का निर्माण ?
India China Border Dispute: राहुल के बाद टीएस सिंहदेव ने चीन को लेकर पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा- प्रधानमंत्री का मौन अस्वीकार्य

कहां-कहां मिला सम्मान ? : साल 2006 में गणतंत्र दिवस के मौके पर कार्यक्रम पेश करने पर ऊषा बारले को नई दिल्ली में प्रथम स्थान मिला था. इसके बाद पंडवानी गायन के लिए अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में सम्मानित किया गया. छत्तीसगढ़ शासन ने ऊषा बारले को 2007 में सम्मानित किया. दाऊ महासिंह चंद्राकर सम्मान से भिलाई इस्पात संयंत्र ने सम्मानित किया. गिरौदपुरीधाम में गुरु विजय कुमार के हाथों 6 बार स्वर्ण पदक से सम्मानित हो चुकी हैं. इसके अलावा ऊषा बारले को मिनीमाता सम्मान ,छत्तीसगढ़ लोक कला महोत्सव में भुईयां सम्मान, चक्रधर सम्मान (रायगढ़), यूपी के कानपुर में मालवा सम्मान मिल चुका है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.