दुर्ग: डीआरएम संजीव कुमार आज सुबह 10 बजे सड़क मार्ग से भिलाई रेलवे स्टेशन पहुंचे. उनके साथ रायपुर रेल मंडल के कईं वरिष्ठ अधिकारी भी आये. डीआरएम ने यहां पहुंचते ही स्टेशन प्रबंधक कार्यालय के ऊपर प्रथम तल पर स्थित रिले रुम का अवलोकन किया. इस दौरान उन्होंने सर्किट, इंटरलॉकिंग, डाटा लॉगर, रिले, प्वाइंट ऑपरेशन, माइक्रो लॉक के बारे में एसएंडटी विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली.
भिलाई में रिले रुम का निरीक्षण: डीआरएम ने रिले रुम में मशीनों को चलायमान बनाए रखने और रखरखाव की मौजूदा व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों को चेतावनी दी है. उन्होंने रिले रुम की साफ सफाई को हमेशा बरकरार रखने का निर्देश दिया. इसके बाद डीआरएम संजीव कुमार इंजीनियरिंग और एस एंड टी विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर पैदल चलते हुए मुख्य रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया. उन्होंने स्टेशन से रायपुर की दिशा में एक नंबर प्लेटफॉर्म से होते हुए गांधी नगर के मुस्लिम कब्रिस्तान तक तीनों रेलवे ट्रैक और सिग्नल सिस्टम का जायजा लिया.
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भिलाई रेलवे स्टेशन परिसर का अवलोकन: डीआरएम ने वापस आकर स्टेशन परिसर का अवलोकन किया और फिर दुर्ग की दिशा में डबरा पारा नहर तक रेलवे ट्रैक और सिग्नल सिस्टम का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक सुधार करने का निर्देश दिया. इस अवसर पर मुख्य स्टेशन प्रबंधक हिमांशु कुमार, वरिष्ठ मंडल अभियंता टीआरडी अनुराग तिवारी, वरिष्ठ मंडल अभियंता बिजली सामान्य रमेश पोफली, मंडल सुरक्षा अधिकारी आरके विश्वाल, वरिष्ठ तकनीशियन महेंद्र पाठक, आरपीएफ भिलाई की ओसी पूर्णिमा राय बंजारे सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे.
वाटर सप्लाई विभाग की गंभीरता की पोल खुली: रेल यात्रियों को उपलब्ध कराने के लिए वाटर सप्लाई विभाग की गंभीरता की पोल आज डीआरएम संजीव कुमार के दौरे के वक्त खुल गई. डीआरएम ने पहुंचते ही अधिकारियों के साथ सीधे रिले रुम का रुख किया. इस दौरान रिले रुम के सीढ़ी के करीब बने वाटर बूथ की गंदगी को साफ किया जा रहा था. इसके लिए सफाई कर्मचारी को बाहर से पानी लाता देख एक अधिकारी ने पूछा तो पता चला कि वाटर बूथ के नल से पानी निकल ही नहीं रहा है.
थोड़ी देर में पता चला कि प्लेटफार्म नंबर एक पर जीआरपी थाने के पास का वाटर बूथ और वाटर फ्रीजर को छोड़ स्टेशन के किसी भी वाटर बूथ के नल से पानी नहीं निकल रहा है. इसके बाद वाटर सप्लाई विभाग के वहां मौजूद अधिकारी कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए, लेकिन निरीक्षण के दौरान डीआरएम ने वाटर बूथ के नल को चलाकर नहीं देखा. जिससे वाटर सप्लाई विभाग के अधिकारी किसी भी तरह की कार्रवाई से बच निकलने में कामयाब हो गए.