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डीजीपी अवस्थी स्पंदन अभियान के तहत पुलिसकर्मियों से हुए रू-ब-रू

छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने शनिवार को दुर्ग के एसटीएफ और फर्स्ट बटालियन का दौरा किया. इस दौरान वे स्पंदन अभियान के तहत पुलिस जवानों से रू-ब-रू हुए और उनकी समसमयाओं को जानने के साथ ही उनसे सुझाव मांगे.

Police Department's spandan campaign
पुलिस विभाग का स्पंदन अभियान
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Published : Jul 5, 2020, 3:47 PM IST

Updated : Jul 5, 2020, 6:15 PM IST

दुर्ग : छत्तीसगढ़ के DGP डीएम अवस्थी शनिवार को दुर्ग जिले के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने एसटीएफ और फर्स्ट बटालियन का दौरा किया और प्रदेश भर में चल रहे स्पंदन अभियान के तहत पुलिस जवानों से सीधे चर्चा की. उन्होंने पुलिस परिवार के लोगों से उनकी परेशानियां जानी और सुझाव मांगे. इसके बाद उन्होंने सैनिक स्पंदन सम्मेलन के माध्यम से पुलिस विभाग के जवानों को भी प्रेरित किया.

डीजीपी डीएम अवस्थी का दौरा

डीजीपी डीएम अवस्थी भिलाई पहुंचे, जहां उन्होंने बटालियन में वृक्षारोपण किया. डीजीपी ने रायगढ़ में हुई लूट की घटना के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने पर सभी जवानों और अधिकरियों की पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि जानकारी लगते ही जिले के एसपी और जवानों ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो काबिल-ए- तारीफ है. उन्होंने कहा कि, इसके लिए वे खुद उन सभी जवानों को सम्मानित करेंगे.

उच्च अधिकारियो से समस्या साझा करने की सलाह

डीजीपी ने कहा कि पुलिस विभाग हमेशा ही स्पंदन जैसे नए कार्यक्रम और अभियान आयोजित करती रही है. पुलिस के जवानों को हताश और निराश होने की जरूरत नहीं है. विभाग उनके साथ है आप अपनी समस्याएं उच्च अधिकारियों को बेझिझक बताएं. उन्होंने कहा कि, पुलिस परिवारों की सभी समस्याओं को सुनने और निराकरण करने के लिए वह खुद पहुंचे हैं. दरअसल ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक स्वयं किसी जिले में जाकर पुलिस परिवारों से सीधे चर्चा कर रहे हों.

‘लोन वर्राटू’ अभियान की सफलता की उम्मीद

बस्तर संभाग में नक्सलियों के सरेंडर के लिए चलाए जा रहे अभियान ‘लोन वर्राटू’ पर डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि यह अभियान नक्सल क्षेत्रों में स्थानीय नक्सलियों के घर वापसी के लिए चलाया जा रहा है और अन्य अभियानों की तरह यह भी अभियान सफल होगा.

पढ़ें:-दंतेवाड़ा: 2 इनामी सहित 7 नक्सलियों ने किया सरेंडर, नक्सलवाद को कहा बाय-बाय

बता दें ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत पुलिस विभाग ने नक्सलियों को संगठन छोड़कर मुख्यधारा में लौटने के लिए आव्हान किया है. वहीं सरेंडर नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत नौकरी भी दिए जाने का प्रावधान है. अगर गांव में ही रहकर खेती बाड़ी करना चाहते हैं तो वे इसके लिये स्वतंत्र हैं. इस दौरान उनकी सुरक्षा का भी ख्याल रखा जायेगा.

दुर्ग : छत्तीसगढ़ के DGP डीएम अवस्थी शनिवार को दुर्ग जिले के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने एसटीएफ और फर्स्ट बटालियन का दौरा किया और प्रदेश भर में चल रहे स्पंदन अभियान के तहत पुलिस जवानों से सीधे चर्चा की. उन्होंने पुलिस परिवार के लोगों से उनकी परेशानियां जानी और सुझाव मांगे. इसके बाद उन्होंने सैनिक स्पंदन सम्मेलन के माध्यम से पुलिस विभाग के जवानों को भी प्रेरित किया.

डीजीपी डीएम अवस्थी का दौरा

डीजीपी डीएम अवस्थी भिलाई पहुंचे, जहां उन्होंने बटालियन में वृक्षारोपण किया. डीजीपी ने रायगढ़ में हुई लूट की घटना के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने पर सभी जवानों और अधिकरियों की पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि जानकारी लगते ही जिले के एसपी और जवानों ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो काबिल-ए- तारीफ है. उन्होंने कहा कि, इसके लिए वे खुद उन सभी जवानों को सम्मानित करेंगे.

उच्च अधिकारियो से समस्या साझा करने की सलाह

डीजीपी ने कहा कि पुलिस विभाग हमेशा ही स्पंदन जैसे नए कार्यक्रम और अभियान आयोजित करती रही है. पुलिस के जवानों को हताश और निराश होने की जरूरत नहीं है. विभाग उनके साथ है आप अपनी समस्याएं उच्च अधिकारियों को बेझिझक बताएं. उन्होंने कहा कि, पुलिस परिवारों की सभी समस्याओं को सुनने और निराकरण करने के लिए वह खुद पहुंचे हैं. दरअसल ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक स्वयं किसी जिले में जाकर पुलिस परिवारों से सीधे चर्चा कर रहे हों.

‘लोन वर्राटू’ अभियान की सफलता की उम्मीद

बस्तर संभाग में नक्सलियों के सरेंडर के लिए चलाए जा रहे अभियान ‘लोन वर्राटू’ पर डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि यह अभियान नक्सल क्षेत्रों में स्थानीय नक्सलियों के घर वापसी के लिए चलाया जा रहा है और अन्य अभियानों की तरह यह भी अभियान सफल होगा.

पढ़ें:-दंतेवाड़ा: 2 इनामी सहित 7 नक्सलियों ने किया सरेंडर, नक्सलवाद को कहा बाय-बाय

बता दें ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत पुलिस विभाग ने नक्सलियों को संगठन छोड़कर मुख्यधारा में लौटने के लिए आव्हान किया है. वहीं सरेंडर नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत नौकरी भी दिए जाने का प्रावधान है. अगर गांव में ही रहकर खेती बाड़ी करना चाहते हैं तो वे इसके लिये स्वतंत्र हैं. इस दौरान उनकी सुरक्षा का भी ख्याल रखा जायेगा.

Last Updated : Jul 5, 2020, 6:15 PM IST
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