दुर्ग: सोमवार को भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. इस दौरान विधायक देवेंद्र यादव ने ईडी के पीआरओ पर बड़ा आरोप लगाया है. विधायक देवेन्द्र यादव का आरोप है कि "ईडी के पीआरओ द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मेरी संपत्ति को अटैच किए जाने की जो जानकारी दी गई. वह पूरी तरह से गलत है." उनका कहना है कि ईडी के अधिकारियों ने उनके किसी भी तरह की संपत्ति को अटैच नहीं किया है."
"मेरी छवि को धूमिल करने का षडयंत्र": विधायक देवेंद्र यादव ने कहा है कि "पहले प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई कार्रवाई पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित थी. भारतीय जनता पार्टी ने उनकी राजनीति छवि को धूमिल करने का षडयंत्र रचा है. ईडी की कार्रवाई में कुछ भी नहीं मिला है. अब ईडी के जनसंपर्क अधिकारी की तरफ से उनकी संपत्ति को कुर्क करने की बात को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया है, जो की पूर्णतया गलत है. मेरे पास 2018 के विधानसभा चुनाव में जो हलफनामा दिया गया है, सिर्फ पैतृक संपत्ति के रूप में वही है. वही मकान भी मां के नाम पर है. न तो कोई महंगी गाड़ी है और न ही कोई कीमती आभूषण हैं."
बीजेपी पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप: देवेंद्र यादव ने कहा कि "बीजेपी अपने फायदे के लिए ईडी का दुरुपयोग कर रही है. मुझे परेशान किया जा रहा है. ईडी को अब तक कुछ हासिल नहीं हुआ है. यह सिर्फ उनके द्वारा डराने की कोशिश है. लेकिन हम डरने वालों में से नहीं हैं."
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कुल 90 अचल संपत्तियों को कुर्क किया: प्रवर्तन निदेशालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस बात की जानकारी दी है कि अस्थाई रूप से छत्तीसगढ़ में कुल 90 अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया है. ये संपत्ति आईएएस अधिकारी रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव, बिलाईगढ़ विधायक चंद्रदेव राय, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरपी सिंह, विनोद तिवारी, रामगोपाल अग्रवाल सहित कई अन्य लोगों के पास से मिली है. जिसमें वाहन, कीमती आभूषण और 51.40 करोड़ रुपयों की नगदी बरामद की गई है.
ईडी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस संबंध में खुलासा किया गया है. इससे पहले विधायक देवेंद्र यादव 7 मार्च को ईडी दफ्तर में पेश हुए थे. 22 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने देवेन्द्र यादव के निवास पर छापेमारी की कार्रवाई की थी.