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दुर्ग: साइबर क्राइम के खिलाफ पुलिस सख्त, भिलाई में बनाया गया सेंट्रल इंडिया का पहला साइबर लेन - साइबर क्राइम जागरूकता अभियान

बढ़ती ऑनलाइन ठगी की वारदातों को देखते हुए भिलाई के हार्ट प्वाइंट में साइबर लेन तैयार किया गया है. सेंट्रल इंडिया का यह पहला परमानेंट साइबर लेन है जो भिलाई के सिविक सेंटर में तैयार किया गया है.

Cyber lane in durg
सेंट्रल इंडिया का पहला साइबर लेन
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Published : Nov 3, 2020, 2:55 PM IST

दुर्ग: सोशल मीडिया जहां एक तरफ हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, वहीं दूसरी ओर इससे काफी नुकसान भी हो रहा है. फेसबुक, ऑनलाइन शॉपिंग जैसे प्लेटफॉर्म लोगों की जानकारी को सुरक्षित नहीं रख पा रहा है. जिससे साइबर अपराधों में वृद्धि हो रही है. बढ़ती ऑनलाइन ठगी की वारदातों को देखते हुए भिलाई के हार्ट प्वाइंट में साइबर लेन तैयार किया गया है. सेंट्रल इंडिया का यह पहला परमानेंट साइबर लेन है जो भिलाई के सिविक सेंटर में तैयार किया गया है.

साइबर क्राइम के खिलाफ पुलिस सख्त

साइबर लेन में एटीएम क्लोनिंग, ओटीपी, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, वाट्सअप, ऑनलाइन बैंकिंग के दौरान होने वाली ठगी और फर्जीवाड़े से बचने के लिए दुर्ग पुलिस ने साइबर संगी अभियान के तहत जानकारी दे रही है. अगर कोई व्यक्ति इसकी पूरी डिटेल फोन पर चाहता है तो उसके लिए क्यूआर कोड भी रखा गया है. अगर लोग इस साइबर लेन की जानकारी पूरी रखते हैं, तो आने वाले समय में ठगी और फर्जीवाड़ा से आसानी से बचा जा सकता है.

40 हजार से ज्यादा लोग अभियान से जुड़े
दुर्ग पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर ने बताया कि मध्यभारत की यह पहली परमानेंट स्ट्रक्चर साइबर लेन है जो सार्वजनिक जगह पर बनाई गई है. साइबर लेन लोगों के लिए बनाई गई है, ताकि वे समझ सकें कि सोशल मीडिया को किस तरह हैंडल करना है. इसे चलाने में क्या-क्या सावधानी रखनी है और अगर कोई साइबर क्राइम का शिकार हो गया है तो उसे खुद को सेफ करने के लिए क्या कदम उठाना है. 15 अगस्त 2019 से साइबर संगी कैंपेन की शुरुआत की गई है जिसमे एक दिन में ही 50 हजार से ज्यादा लोगों को जोड़ा गया जबकि 26 जनवरी 2020 को ओटीपी को लेकर अभियान चलाया गया और इस दौरान 40 हजार से ज्यादा लोग इस अभियान से जुड़े.

पढ़ें: कोरिया: 24 लाख रुपये की ठगी के आरोप में नाइजीरियन गिरफ्तार, फर्जी प्रोफाइल बनाकर लड़कियों से लूटता था पैसे

आरोपी अब सीधे लूटपाट करने के बजाए लोगों को बातों में उलझा कर हाईटेक तरीके से पैसे की चोरी कर रहे हैं. आज की तारीख में अधिकांश लोगों के पास एंड्रॉयड मोबाइल है. मोबाइल का लिंक बैंक खाते और सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है, जिसका फायदा ऑनलाइन ठगी करने वाले उठा रहे हैं. इसके अलावा लोगों को साइबर क्राइम की कम जानकारी होना भी ऑनलाइन ठगी की वारदातों को बढ़ावा दे रहा है. छत्तीसगढ़ पुलिस साइबर क्राइम को लेकर काफी अलर्ट हो गई है. अपराधियों पर कड़ी नजर रख रही है. इससे पहले भी साइबर अपराध के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस ने साइबर मितान अभियान चलाया था. इसके अलावा नया रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में प्रदेश के पहले साइबर थाने का निर्माण किया गया है. इस थाने का लोकार्पण 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया.


छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी के केस

  • दुर्ग में रहने वाली महिला के खाते से लाखों रुपए गायब हुए.
  • बलौदाबाजार में किसान के खाते से 85 हजार रुपए पार.
  • रायपुर में SP और DSP के नाम से सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर पैसे मांगने का मामला
  • बिलासपुर में रेल कर्मचारी के खाते से 50 हजार रुपए पार

ऐसे हो सकता है बचाव

  • किसी भी हालत में अपनी पर्सनल इनफॉरमेशन कभी अपने मोबाइल में सेव न करें न ही रजिस्टर करें.
  • ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त कभी भी जेनरेट होने वाली ओटीपी (OTP) किसी से शेयर न करें.
  • अपना पर्सनल यूजर आईडी किसी अन्य मोबाइल या कंप्यूटर में न खोलें.
  • किसी से भी अपनी पर्सनल सूचना शेयर न करें.
  • ऑनलाइन पेमेंट या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय हमेशा सतर्क रहें.
  • व्हाट्सएप मैसेज या नॉर्मल मैसेज में आए अननोन लिंक पर क्लिक न करें.
  • ऑथराइज एप्लीकेशन पर ही ट्रांजेक्शन करें.

दुर्ग: सोशल मीडिया जहां एक तरफ हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, वहीं दूसरी ओर इससे काफी नुकसान भी हो रहा है. फेसबुक, ऑनलाइन शॉपिंग जैसे प्लेटफॉर्म लोगों की जानकारी को सुरक्षित नहीं रख पा रहा है. जिससे साइबर अपराधों में वृद्धि हो रही है. बढ़ती ऑनलाइन ठगी की वारदातों को देखते हुए भिलाई के हार्ट प्वाइंट में साइबर लेन तैयार किया गया है. सेंट्रल इंडिया का यह पहला परमानेंट साइबर लेन है जो भिलाई के सिविक सेंटर में तैयार किया गया है.

साइबर क्राइम के खिलाफ पुलिस सख्त

साइबर लेन में एटीएम क्लोनिंग, ओटीपी, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, वाट्सअप, ऑनलाइन बैंकिंग के दौरान होने वाली ठगी और फर्जीवाड़े से बचने के लिए दुर्ग पुलिस ने साइबर संगी अभियान के तहत जानकारी दे रही है. अगर कोई व्यक्ति इसकी पूरी डिटेल फोन पर चाहता है तो उसके लिए क्यूआर कोड भी रखा गया है. अगर लोग इस साइबर लेन की जानकारी पूरी रखते हैं, तो आने वाले समय में ठगी और फर्जीवाड़ा से आसानी से बचा जा सकता है.

40 हजार से ज्यादा लोग अभियान से जुड़े
दुर्ग पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर ने बताया कि मध्यभारत की यह पहली परमानेंट स्ट्रक्चर साइबर लेन है जो सार्वजनिक जगह पर बनाई गई है. साइबर लेन लोगों के लिए बनाई गई है, ताकि वे समझ सकें कि सोशल मीडिया को किस तरह हैंडल करना है. इसे चलाने में क्या-क्या सावधानी रखनी है और अगर कोई साइबर क्राइम का शिकार हो गया है तो उसे खुद को सेफ करने के लिए क्या कदम उठाना है. 15 अगस्त 2019 से साइबर संगी कैंपेन की शुरुआत की गई है जिसमे एक दिन में ही 50 हजार से ज्यादा लोगों को जोड़ा गया जबकि 26 जनवरी 2020 को ओटीपी को लेकर अभियान चलाया गया और इस दौरान 40 हजार से ज्यादा लोग इस अभियान से जुड़े.

पढ़ें: कोरिया: 24 लाख रुपये की ठगी के आरोप में नाइजीरियन गिरफ्तार, फर्जी प्रोफाइल बनाकर लड़कियों से लूटता था पैसे

आरोपी अब सीधे लूटपाट करने के बजाए लोगों को बातों में उलझा कर हाईटेक तरीके से पैसे की चोरी कर रहे हैं. आज की तारीख में अधिकांश लोगों के पास एंड्रॉयड मोबाइल है. मोबाइल का लिंक बैंक खाते और सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है, जिसका फायदा ऑनलाइन ठगी करने वाले उठा रहे हैं. इसके अलावा लोगों को साइबर क्राइम की कम जानकारी होना भी ऑनलाइन ठगी की वारदातों को बढ़ावा दे रहा है. छत्तीसगढ़ पुलिस साइबर क्राइम को लेकर काफी अलर्ट हो गई है. अपराधियों पर कड़ी नजर रख रही है. इससे पहले भी साइबर अपराध के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस ने साइबर मितान अभियान चलाया था. इसके अलावा नया रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में प्रदेश के पहले साइबर थाने का निर्माण किया गया है. इस थाने का लोकार्पण 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया.


छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी के केस

  • दुर्ग में रहने वाली महिला के खाते से लाखों रुपए गायब हुए.
  • बलौदाबाजार में किसान के खाते से 85 हजार रुपए पार.
  • रायपुर में SP और DSP के नाम से सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर पैसे मांगने का मामला
  • बिलासपुर में रेल कर्मचारी के खाते से 50 हजार रुपए पार

ऐसे हो सकता है बचाव

  • किसी भी हालत में अपनी पर्सनल इनफॉरमेशन कभी अपने मोबाइल में सेव न करें न ही रजिस्टर करें.
  • ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त कभी भी जेनरेट होने वाली ओटीपी (OTP) किसी से शेयर न करें.
  • अपना पर्सनल यूजर आईडी किसी अन्य मोबाइल या कंप्यूटर में न खोलें.
  • किसी से भी अपनी पर्सनल सूचना शेयर न करें.
  • ऑनलाइन पेमेंट या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय हमेशा सतर्क रहें.
  • व्हाट्सएप मैसेज या नॉर्मल मैसेज में आए अननोन लिंक पर क्लिक न करें.
  • ऑथराइज एप्लीकेशन पर ही ट्रांजेक्शन करें.
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