दुर्ग: जिले में कोरोना की रफ्तार पर लॉकडाउन ने थोड़ी लगाम कस दी है. पिछले एक-दो हफ्ते में दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण 22 फीसदी कम हुआ है. एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिविटी रेट में गिरावट देखी जा रही है. 10 अप्रैल को 2596 लोगों का एंटीजन टेस्ट किया, जिसमें 1259 पॉजिटिव आए यह आंकड़ों का 48 प्रतिशत था. वहीं 17 अप्रैल को 3215 लोगों की टेस्टिंग एंटीजन के माध्यम से हुई. इसमें 815 पॉजिटिव आए. यह कुल आंकड़ों का 26 प्रतिशत है. बीते चार दिनों एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिविटी रेट 30, 32, 33 और 26 प्रतिशत रहा है.
लॉकडाउन में घटा संक्रमण
6 अप्रैल को जब लॉकडाउन लगाया गया था. इस दिन 2659 टेस्ट हुए थे. जिसमें 529 पाजिटिव हुए. यह कुल मरीजों का 20 प्रतिशत था. 7 अप्रैल को यह आंकड़ा 34 प्रतिशत रहा. इसके बाद 8 और 9 अप्रैल को संक्रमण दर 40 और 41 प्रतिशत रहा. 9 और 10 अप्रैल को पॉजिटिविटी रेट 48 प्रतिशत था. इससे यह पता चलता है कि लॉकडाउन ने इसकी गति पर रोक लगाई. यदि लाकडाउन नहीं लगाया जाता तो यह प्रतिशत कई गुना बढ़ जाता.
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कोरोना के लक्षण दो-तीन दिन में उभरते हैं
दुर्ग सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह कहते हैं कि आपके मन में यह प्रश्न मन में उभर सकता है कि लाकडाउन के दो-तीन दिनों में ही बेहतर नतीजे एंटीजन टेस्ट में क्यों नहीं दिखे. इसका कारण यह है कि कोरोना वायरस संक्रामक बीमारी है और इसके लक्षण दो-तीन दिनों तक उभरते हैं. एकदम से लॉकडाउन के बाद संक्रमण नहीं रूकता, इसमें थोड़ा समय लगता है. इसके साथ ही कारण यह भी है कि इस वेब में पूरे परिवार पर संक्रमण का असर देखा गया है. परिवार के एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर थोड़ा भी ध्यान नहीं रखने पर पूरे परिवार के संक्रमण की आशंका बनती है. अधिकतर मामलों में यही हुआ. इन आंकड़ों से साफ जाहिर है कि लाकडाउन की टाइमिंग बिल्कुल सही थी और इसके नतीजे प्रभावी रहे हैं.