दुर्ग: सोमवार को दुर्ग में कांग्रेस के 40 कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने सभी लोगों को भाजपा की सदस्यता दिलवाई. विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले ही सीएम भूपेश बघेल के गढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का टूटना पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है.
बीजेपी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 साल के कार्यकाल को देशभर में महाजनसंपर्क अभियान के रूप में मना रही है. इसी अभियान को राजनीतिक पंडित, भाजपा की 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी के रूप में भी देख रहे हैं.
नए साल से लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का सम्मान, सुरक्षा और प्रतिष्ठा बढ़ी है . 360 डिग्री देश का चौमुखी विकास हुआ है. प्रत्येक क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों से आज देश का युवा वर्ग प्रभावित होकर कांग्रेस को छोड़ने के लिए मजबूर हुआ है. राज्य में साढे 4 वर्षों से भ्रष्टाचार की सरकार से परेशान होकर नौजवान वर्ग भाजपा में प्रवेश करना चाहता है. महादेव सट्टा एक जैसे अवैध कारोबार का प्रचलन राज्य में बढ़ा है. जबकि भिलाई आईटीआई से लेकर आईआईटी तक बौद्धिक क्षमता बढ़ाने वाली, स्किल डेवलपमेंट बढ़ाने वाली संस्थाएं होने के बावजूद आज अवैध व्यापार, नशा एवं अवैध कारोबार की गिरफ्त में है. ऐसे कार्यों में शामिल लोगों को सत्तारूढ़ दल के द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है. कानून व्यवस्था में कार्य कर रहे थाना पुलिस स्वयं को असहाय महसूस कर रहे हैं. -प्रेम प्रकाश पांडे, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष
कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी : भाजपा में प्रवेश करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि "भिलाई में जितने भी काम हुए हैं पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे के कार्यकाल में हुए हैं. कांग्रेस के विधायक केवल फीता काटने का काम कर रहे हैं. भाजपा के कार्यकर्ताओं को केवल गुमराह करने का काम कांग्रेस कर रही है और डमी बना कर छोड़ देते हैं. इन्हीं सब से परेशान होकर हम लोगों ने भाजपा का दामन थामा है. वर्तमान में भिलाई में कांग्रेस, अब तक की सबसे दयनीय स्थिति से गुजर रहा है, जहां खुलेआम शहर में जुआ सट्टा चल रहा है. गली मोहल्ले में अवैध शराब बिक रही है, भिलाई में अपराध का स्तर इतना बढ़ गया है कि महिलाएं स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. मिलाई की पहचान शिक्षाधानी के रूप में होती थी. वहां के युवा आज जुआ सट्टा की गिरफ्त में हैं."
आने वाले 6 महीने में छत्तीतसगढ़ में विधानसभा के चुनाव होने हैं. वहीं 2024 में लोकसभा के चुनाव भी होने वाले हैं. ऐसे में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां कार्यकर्ताओं के जोड़तोड़ में लगी हुई है. कांग्रेस अपने विकासकार्यों के दम पर दोबारा सत्ता में आने का दावा कर रही है. वहीं भाजपा धर्मांतरण, कोल घोटाला, शराब घोटाले जैसे मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में उतर गई है.