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REALITY CHEAK: भिलाई में 50 फीसदी स्टूडेंट्स के साथ लग रही क्लास - भिलाई में कोचिंग सेंटर

स्टूडेंट्स के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद स्कूल खोलने को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए. ऐसे में ETV भारत ने एजुकेशन हब भिलाई के कोचिंग सेंटरों में व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

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कोचिंग सेंटरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
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Published : Feb 25, 2021, 10:03 PM IST

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलो में कमी आने के बाद तमाम स्कूल, कोचिंग और लाइब्रेरी खुल गए हैं. करीब 11 महीने बाद 15 फरवरी से स्कूलों में फिर से रौनक दिखने लगी है. लेकिन राजनांदगांव में बच्चों समेत स्कूल के कुछ स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद रायपुर और बिलासपुर में भी 3-3 स्टूडेंट्स कोरोना संक्रमित पाए गए. अलग-अलग जिलों में स्टूडेंट्स के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद स्कूल खोलने को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए. ऐसे में ETV भारत ने एजुकेशन हब भिलाई के कोचिंग सेंटरों का जायजा लिया और देखा कि कोचिंग संस्थाओं में किस तरह से कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है.

कोचिंग सेंटरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

एजुकेशन हब भिलाई में न केवल दुर्ग जिले के बल्कि प्रदेशभर के बच्चे पढ़ाई करने आते हैं. ऐसे में कोरोना की वजह से कोचिंग संस्थानों ने छात्रों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया है. बिना मास्क के छात्रों को कोचिंग के अंदर जाने की परमिशन नहीं है. छात्रों को मास्क या रुमाल लगाकर ही क्लास में आने की अनुमति है.

हर क्लास के बाद किया जाता है सैनिटाइज

नीट की तैयारी कर रहे हैं अमितेश सिंह बताते हैं कि कोचिंग सेंटर में कोरोना गाइडलाइन के नियमों का पालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जब वे लोग आते हैं तो पहले वे अपने हाथों को सैनिटाइज करते हैं. उसके बाद दूरी मेंटेन करते हुए क्लास में बैठते है. एक क्लास खत्म होने के बाद क्लास रूम को सैनिटाइज किया जाता है.

रायपुर: कोरोना के खतरे को देखते हुए शासन-प्रशासन मुस्तैद

सर्दी खांसी वालों को छुट्टी

कोचिंग संस्थानों में जिस भी स्टूडेंट्स को सर्दी खांसी रहती है, उन्हें छुट्टी दे दी जा रही है. इसके साथ ही बच्चों को भी कोरोना के लिए सावधानी बरतने की समझाइश दी जा रही है. कोचिंग के संचालक बताते हैं कि यहां जिला प्रशासन की तमाम गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. छात्रों के लिए प्रवेश से पहले सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. पहले छात्र खुद को सैनिटाइज करते हैं, उसके बाद ही उन्हें अंदर प्रवेश दिया जाता है

अलग-अलग पालियों में लगाई जा रही क्लास

प्रशासन का निर्देश है कि 50 फीसदी छात्रों के साथ ही क्लास लगाई जाए. इसके बाद से दो पालियों में चलने वाली क्लासेस अलग-अलग पालियों में चल रही है. स्कूल कॉलेज के साथ ही पीएससी की क्लासेस भी इसी तरह संचालित हो रही है. कई कोचिंग संस्थाएं जहां 100 की स्ट्रैंथ होती थी, उसे कोरोना महामारी की वजह जे 30-40 कर दिया गया है.

फैक्ट फाइल

  • शहर में कोचिंग संख्या : 200 से ज्यादा
  • हॉस्टल और पीजी की संख्या : 100 से ज्यादा
  • मेस की संख्या : 100 से ज्यादा
  • कोचिंग स्टूडेंट्स : 20 हजार से ज्यादा
  • छोटे बड़े स्किल ट्रेनिंग सेंटर : 100 से ज्यादा
  • लाइब्रेरी की संख्या : 5

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलो में कमी आने के बाद तमाम स्कूल, कोचिंग और लाइब्रेरी खुल गए हैं. करीब 11 महीने बाद 15 फरवरी से स्कूलों में फिर से रौनक दिखने लगी है. लेकिन राजनांदगांव में बच्चों समेत स्कूल के कुछ स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद रायपुर और बिलासपुर में भी 3-3 स्टूडेंट्स कोरोना संक्रमित पाए गए. अलग-अलग जिलों में स्टूडेंट्स के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद स्कूल खोलने को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए. ऐसे में ETV भारत ने एजुकेशन हब भिलाई के कोचिंग सेंटरों का जायजा लिया और देखा कि कोचिंग संस्थाओं में किस तरह से कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है.

कोचिंग सेंटरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

एजुकेशन हब भिलाई में न केवल दुर्ग जिले के बल्कि प्रदेशभर के बच्चे पढ़ाई करने आते हैं. ऐसे में कोरोना की वजह से कोचिंग संस्थानों ने छात्रों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया है. बिना मास्क के छात्रों को कोचिंग के अंदर जाने की परमिशन नहीं है. छात्रों को मास्क या रुमाल लगाकर ही क्लास में आने की अनुमति है.

हर क्लास के बाद किया जाता है सैनिटाइज

नीट की तैयारी कर रहे हैं अमितेश सिंह बताते हैं कि कोचिंग सेंटर में कोरोना गाइडलाइन के नियमों का पालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जब वे लोग आते हैं तो पहले वे अपने हाथों को सैनिटाइज करते हैं. उसके बाद दूरी मेंटेन करते हुए क्लास में बैठते है. एक क्लास खत्म होने के बाद क्लास रूम को सैनिटाइज किया जाता है.

रायपुर: कोरोना के खतरे को देखते हुए शासन-प्रशासन मुस्तैद

सर्दी खांसी वालों को छुट्टी

कोचिंग संस्थानों में जिस भी स्टूडेंट्स को सर्दी खांसी रहती है, उन्हें छुट्टी दे दी जा रही है. इसके साथ ही बच्चों को भी कोरोना के लिए सावधानी बरतने की समझाइश दी जा रही है. कोचिंग के संचालक बताते हैं कि यहां जिला प्रशासन की तमाम गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. छात्रों के लिए प्रवेश से पहले सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. पहले छात्र खुद को सैनिटाइज करते हैं, उसके बाद ही उन्हें अंदर प्रवेश दिया जाता है

अलग-अलग पालियों में लगाई जा रही क्लास

प्रशासन का निर्देश है कि 50 फीसदी छात्रों के साथ ही क्लास लगाई जाए. इसके बाद से दो पालियों में चलने वाली क्लासेस अलग-अलग पालियों में चल रही है. स्कूल कॉलेज के साथ ही पीएससी की क्लासेस भी इसी तरह संचालित हो रही है. कई कोचिंग संस्थाएं जहां 100 की स्ट्रैंथ होती थी, उसे कोरोना महामारी की वजह जे 30-40 कर दिया गया है.

फैक्ट फाइल

  • शहर में कोचिंग संख्या : 200 से ज्यादा
  • हॉस्टल और पीजी की संख्या : 100 से ज्यादा
  • मेस की संख्या : 100 से ज्यादा
  • कोचिंग स्टूडेंट्स : 20 हजार से ज्यादा
  • छोटे बड़े स्किल ट्रेनिंग सेंटर : 100 से ज्यादा
  • लाइब्रेरी की संख्या : 5
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