दरअसल, विजय बघेल और प्रतिमा चंद्राकर रिश्ते में मुंहबोले भाई-बहन हैं. नामांकन दाखिल करने पहुंचे विजय बघेल ने अपनी बड़ी दीदी प्रतिमा चंद्राकर के पैर छुए और उनसे आशीर्वाद लिया. वहीं विजय बघेल ने भी अपनी बड़ी बहन को जीत की शुभकामना दी.
दोनों ने एक दूसरे को चुनावी मतभेद भुलाकर अपनी ओर से जीत की शुभकामनाएं दी. इसके बाद दोनों ने अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल करने निकले. मौके पर विजय बघेल ने कहा कि, राजनीति अपने स्थान पर है और रिश्ते अपने स्थान पर है. इसलिए उन्होंने अपनी बहन से जीत का आशीर्वाद लिया है.