दुर्ग: कोरोना की दूसरी लहर से दुर्ग जिले में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ते जा रहा है. जिले में ये आंकड़ा 20 से ज्यादा पहुंच चुका है. इसके चलते श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करने के लिए लोग लगातार पहुंच रहे हैं. इस बीच कई सामाजिक संस्थाएं अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंच रहे लोगों को प्रक्रिया में लगने वाले सामान उपलब्ध करा रहे हैं.
लॉकडाउन होने की वजह से अंतिम संस्कार में जो सामग्री लगती है उसे खरीदने के लिए परिजन दर-दर भटक रहे हैं. उस पीड़ा को समझते हुए शहर की बोल बम सेवा एंव कल्याण समिति ने सोमवार को मुक्तिधाम जाकर अंतिम संस्कार करने वाले परिजनों को कर्मकांड का सामान उपलब्ध कराया.
खैरागढ़ में कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार कर रहे सफाईकर्मी
परिजनों को हो रही परेशानी
बोल बम सेवा समिति के अध्यक्ष दया सिंह अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के दंश से बचने के लिए जिले में लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में जिनकी मौत कोविड की वजह से हो रही है उन्हें कफन भी नसीब नहीं हो रहा है. उनके सगे-संबंधी भी मुक्तिधाम नहीं पहुंच पा रहे हैं. इसमें ज्यादातर गरीबों को दिक्कत हो रही है. ऐसे में हमारी संस्था उनके लिए कफन का कपड़ा, मटकी, चंदन लकड़ी, गंगाजल, घी, चावल इत्यादि साम्रगी उपलब्ध करा रही है.
अंत्येष्टि के लिए लोगों का आ रहा फोन
दया सिंह बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से दुकानें बंद हैं. मृतक के परिजनों को अंतिम संस्कार के सामानों के लिए भटकना पड़ रहा है. कई परिजनों का फोन आ रहा है वह कह रहे हैं कि अंत्येष्टि का सामान नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से परंपराओ के तहत उनका अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. इन परिस्थितियों में हमारी संस्था उन लोगों तक वो सारी चीजें उपलब्ध करा रही है जो अंतिम संस्कार में लगता है.