दुर्ग/भिलाई: भिलाई इस्पात संयंत्र के उद्यानिकी विभाग से संचालित मैत्रीबाग जू में काले हिरण का परिवार फल फूल रहा है. हाल के दिनों में यहां एक काले हिरण का जन्म हुआ है. इसी के साथ वर्तमान में काले हिरण की संख्या 17 हो गई है. यहां का मौसम और प्रकृति काले हिरण के अनुकूल होने की वजह से इनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
बोकारो जू से लाया गया था एक जोड़ा
मैत्रीबाग भिलाई के उप महाप्रबंधक एनके जैन ने बताया कि 2011 में झारखंड के बोकारो जू से काले हिरण का पहला जोड़ा लाया गया था. इसके बाद से लगातार इनके वंश में वृद्धि होती जा रही है. इस समय मैत्रीबाग में काले हिरण के 4 नर और 12 मादा है. अभी 10 दिन पहले ही एक बच्चे का जन्म हुआ है. इसे मिलाकर मैत्रीबाग में 17 काले हिरण हो गए हैं.
नजाकत से हो रही देखरेख
भारत रूस के बीच मैत्री के इस प्रतीक में भिलाई इस्पात संयंत्र के उद्यानिकी विभाग द्वारा काले हिरण को बड़ी नजाकत के साथ पाला-पोसा जा रहा है. मैत्री बाग प्रबंधक इनकी देखभाल काफी अच्छे से कर रहे हैं. समय पर भोजन और तबीयत बिगड़ने पर उपचार के साथ-साथ उनके रहने की व्यवस्था भी बेहतर की गई है, ताकि विलुप्त हो रही इस प्रजाति के बारे में लोगों को जानकारी हो.
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र
मैत्रीबाग में सफेद बाघ के बाद अगर कोई आकर्षण का केंद्र है तो वह काला हिरण है. इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. बताया जा रहा है कि देश के अन्य जू में भी काले हिरण को देने की योजना बनाई जा रही है. इसे देकर वहां से अन्य जानवरों को लाया जाएगा, जो यहां पर नहीं है.
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मैत्रीबाग में विभिन्न प्रजातियों के जानवर
मैत्रीबाग में 390 जानवर हैं. इसमें सबसे आकर्षण का केंद्र सात व्हाइट टाइगर हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. इसके अलावा यहां शेर, भालू, बंदर, मगरमच्छ, तेंदुआ समेत विभिन्न प्रजाति की पक्षियां भी हैं. यहां शानदार गार्डन के साथ ही नौकाविहार की भी व्यवस्था है. मैत्री बाग भारत और रूस के दोस्ती का प्रतीक है. यहां हर महीने हजारों की संख्या में दूर-दूर से पर्यटक आते हैं. अक्टूबर दिसंबर के बीच दो से ढाई लाख पर्यटक यहां आते हैं. फिलहाल कोरोना संक्रमण की वजह से मैत्रीबाग बंद है, लेकिन जल्द ही इसे खोला जाएगा.