दुर्ग/रायपुर: आजादी का अमृत महोत्सव और हर घर तिरंगा अभियान देश में जोर शोर से जारी है. राजनीतिक दलों में भी देश प्रेम को दिखाने की होड़ चल रही है. बीजेपी हर घर तिरंगा अभियान का नारा बुलंद कर रही है तो कांग्रेस भारत जोड़ो पदयात्रा से लोगों को आजादी का दिवस मनाने के लिए प्रेरित कर रही है. लेकिन इस बीच स्वतंत्रता दिवस पर सियासत भी चरम पर है. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने रायपुर और दुर्ग में मीडिया से बात करते हुए आरएसएस और बीजेपी पर हमला बोला है. सीएम भूपेश बघेल ने बंटवारे के लिए विनायक दामोदर सावरकर और मोहम्मद अली जिन्ना को जिम्मेदार ठहराया है. सीएम बघेल ने कहा कि "देश के विभाजन के लिए गांधी या नेहरू नहीं बल्कि सावरकर और मोहम्मद अली जिन्ना जिम्मेदार हैं" सीएम ने यह बाते दुर्ग के पाटन में भारत जोड़ो पदयात्रा के समापन पर कही. Big statement of CM bhupesh Baghel
देश के विभाजन के लिए सावरकर और जिन्ना जिम्मेदार: सीएम भूपेश बघेल ने आरएसएस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि कि टू नेशन थ्योरी यानी की दो राष्ट्र के सिद्धांत का प्रस्ताव सावरकर ने दिया था. इसी प्रस्ताव का मोहम्मद अली जिन्ना ने समर्थन किया था. बीजेपी और आरएसएस के लोग विभाजनकारी हैं. सीएम बघेल ने सवाल पूछते हुए कहा कि आरएसएस की देश की आजादी की लड़ाई में क्या भूमिका थी. आरएसएस का गठन 1925 में हुआ था. ये लोग अभी भी अंग्रेजों की आलोचना नहीं करते, बल्कि ये लोग गांधी की आलोचना करते हैं" सीएम बघेल ने आगे कहा कि आज के दिन देश का बंटवारा हुआ था. देश के विभाजन के लिए गांधी या नेहरू नहीं बल्कि सावरकर जिम्मेदार हैं.
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भारत छोड़ो आंदोलन को कुचलने में लगे थे आरएसएस के लोग: सीएम बघेल ने आरोप लगाया कि आरएसएस के लोग भारत छोड़ो आंदोलन को कुचलने में लगे हुए थे. आज भी बहुत सारे लोग महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल को दोषी मानते हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मैं यह बोलता हूं कि आरएसएस 1925 में बना था. उस समय ये लोग क्या कर रहे थे जब भारत में स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में हर कोई अपना योगदान दे रहा था. साल 1942 में अंग्रेजो भारत छोड़ो नारे के तहत भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया. लेकिन इसमें भी आरएसएस के लोग श्यामा प्रसाद मुखर्जी से लेकर गोलवलकर तक यह सलाह दे रहे थे कि देश की आजादी के इस आंदोलन को कैसे कुचला जाए." "ये लोग अंग्रेजों की मुखबिरी करने का काम करते थे. 1925 में सावरकर ने हिंदू महासभा में बोलते हुए कहा कि इस देश के दो राष्ट्र बनने चाहिए. जिसका मोहम्मद अली जिन्ना ने समर्थन किया"