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पति और सास की कोरोना से मौत के बाद दुर्ग के सोनी परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़

छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर ने हजारों घर उजाड़ दिए हैं. किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि कोई ऐसी जानलेवा लहर आएगी, जिससे वे अपनों को खो देंगे. दुर्ग के चिखली निवासी चिखली निवासी सोनी परिवार मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है. पहले सास और पति की मौत के बाद सबकुछ उजड़ गया है.

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पति और सास की कोरोना से मौत के बाद दुर्ग के सोनी परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़
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Published : Jun 2, 2021, 8:42 PM IST

दुर्ग: कोरोना वायरस की दूसरी लहर (coronavirus second wave) ने छत्तीसगढ़ में कहर बरपाया है (corona in chhattisgarh). खासकर दुर्गवासियों के लिए अप्रैल का महीना दुखदायी रहा है. प्रदेश में सबसे ज्यादा संक्रमण और मौत इस दौरान दुर्ग जिले (corna in durg) में हुई. कोरोना ने कई हंसते-खेलते परिवार को तबाह कर दिया है. चिखली निवासी सोनी परिवार पर तो मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. पहले सास फिर पति की मौत के बाद सबकुछ उजड़ गया है. परिवार में अब कमाने वाला कोई नहीं है. बेबसी और कर्ज के बोझ से पूरा परिवार परेशान है. ETV भारत ने सोनी परिवार की बहू रजिंदर कौर से बातचीत की.

पति और सास की कोरोना से मौत के बाद दुर्ग के सोनी परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़

पहले सास, 24 घंटे बाद पति की मौत

दुर्ग में बाकी लोगों की तरह चिखली निवासी सोनी परिवार के घर भी कोरोना ने दस्तक दी. सबसे पहले घर की महिला मुखिया परमजीत कौर कोरोना संक्रमित हुईं. 15 अप्रैल को उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया, लेकिन उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. परमजीत कौर की बहू रजिंदर कौर ने ETV भारत को बताया कि सासु मां की मौत के 24 घंटे बाद परिवार का पालन पोषण करने वाले उनके पति जगदीप सिंह सोनी की तबियत बिगड़ गई. उन्हें भी अस्पताल लेकर गए, लेकिन बेड नहीं मिला. किसी तरह जिला अस्पताल पहुंचे, वहां दो घंटे तक ऑक्सीजन चढ़ा कर रखा गया. उसके बाद ऑक्सीजन निकालर डॉक्टर ने दूसरे अस्पताल शिफ्ट करने को कह दिया. इस दौरान अस्पतालों के चक्कर काटते रहे. फिर रायपुर लेकर पहुंचे तब तक काफी देरी हो चुकी थी. जिसके चलते उनके पति की भी मौत हो गई. एक झटके में ही हंसता खेलता पूरा परिवार बिखर गया.

इन बच्चों को मिलेगा 'महतारी दुलार योजना' का लाभ, ऐसे करना होगा आवेदन

16 लाख के लोन पर घर

रजिंदर बताती है कि वे जिस घर पर रहती हैं उसे उनके पति ने लोन लेकर बनाया था. पति के ऊपर ही परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी थी. पति ने बैंक से 16 लाख रुपए का लोन लेकर मकान बनाया था. उनके गुजर जाने के बाद से लोन नहीं पटा पा रहे हैं. बैंक वाले लगातार घर आकर परेशान कर रहे हैं. रजिंदर ने बताया कि पति की मौत के बाद पूरी जिम्मेदारी उनके कांधे पर है, लेकिन वह ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं. ऐसे में बच्चों की परवरिश के साथ इतनी बड़ी रकम पटाना किसी चुनौती से कम नहीं है.

दो बच्चों की भी जिम्मेदारी

सास और पति के गुजर जाने के बाद दो छोटे बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी रजिंदर के कंधे पर हैं. उनके दो बच्चे हैं. एक 16 साल की बेटी है. दूसरा 14 साल का बेटा. पिता के जाने के बाद दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है. बच्चों की पढ़ाई और आगे के गुजारे के लिए रजिंदर चिंतित हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने भी कोरोना काल में एक बड़ा फैसला किया है. कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना-2021 योजना का ऐलान किया है. इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा और स्कॉलरशिप भी दिया जाएगा, लेकिन उन बच्चों का क्या होगा जिनके घर से कमाने वाला चला गया हो, जिनको बैंक के कर्जदार परेशान कर रहे हों. ऐसे लोगों के लिए भी राज्य सरकार को कोई मदद करनी चाहिए. बहरहाल रजिंदर कौर को इस समय दरकार है मदद की ताकि वे अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.

दुर्ग: कोरोना वायरस की दूसरी लहर (coronavirus second wave) ने छत्तीसगढ़ में कहर बरपाया है (corona in chhattisgarh). खासकर दुर्गवासियों के लिए अप्रैल का महीना दुखदायी रहा है. प्रदेश में सबसे ज्यादा संक्रमण और मौत इस दौरान दुर्ग जिले (corna in durg) में हुई. कोरोना ने कई हंसते-खेलते परिवार को तबाह कर दिया है. चिखली निवासी सोनी परिवार पर तो मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. पहले सास फिर पति की मौत के बाद सबकुछ उजड़ गया है. परिवार में अब कमाने वाला कोई नहीं है. बेबसी और कर्ज के बोझ से पूरा परिवार परेशान है. ETV भारत ने सोनी परिवार की बहू रजिंदर कौर से बातचीत की.

पति और सास की कोरोना से मौत के बाद दुर्ग के सोनी परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़

पहले सास, 24 घंटे बाद पति की मौत

दुर्ग में बाकी लोगों की तरह चिखली निवासी सोनी परिवार के घर भी कोरोना ने दस्तक दी. सबसे पहले घर की महिला मुखिया परमजीत कौर कोरोना संक्रमित हुईं. 15 अप्रैल को उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया, लेकिन उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. परमजीत कौर की बहू रजिंदर कौर ने ETV भारत को बताया कि सासु मां की मौत के 24 घंटे बाद परिवार का पालन पोषण करने वाले उनके पति जगदीप सिंह सोनी की तबियत बिगड़ गई. उन्हें भी अस्पताल लेकर गए, लेकिन बेड नहीं मिला. किसी तरह जिला अस्पताल पहुंचे, वहां दो घंटे तक ऑक्सीजन चढ़ा कर रखा गया. उसके बाद ऑक्सीजन निकालर डॉक्टर ने दूसरे अस्पताल शिफ्ट करने को कह दिया. इस दौरान अस्पतालों के चक्कर काटते रहे. फिर रायपुर लेकर पहुंचे तब तक काफी देरी हो चुकी थी. जिसके चलते उनके पति की भी मौत हो गई. एक झटके में ही हंसता खेलता पूरा परिवार बिखर गया.

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16 लाख के लोन पर घर

रजिंदर बताती है कि वे जिस घर पर रहती हैं उसे उनके पति ने लोन लेकर बनाया था. पति के ऊपर ही परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी थी. पति ने बैंक से 16 लाख रुपए का लोन लेकर मकान बनाया था. उनके गुजर जाने के बाद से लोन नहीं पटा पा रहे हैं. बैंक वाले लगातार घर आकर परेशान कर रहे हैं. रजिंदर ने बताया कि पति की मौत के बाद पूरी जिम्मेदारी उनके कांधे पर है, लेकिन वह ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं. ऐसे में बच्चों की परवरिश के साथ इतनी बड़ी रकम पटाना किसी चुनौती से कम नहीं है.

दो बच्चों की भी जिम्मेदारी

सास और पति के गुजर जाने के बाद दो छोटे बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी रजिंदर के कंधे पर हैं. उनके दो बच्चे हैं. एक 16 साल की बेटी है. दूसरा 14 साल का बेटा. पिता के जाने के बाद दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है. बच्चों की पढ़ाई और आगे के गुजारे के लिए रजिंदर चिंतित हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने भी कोरोना काल में एक बड़ा फैसला किया है. कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना-2021 योजना का ऐलान किया है. इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा और स्कॉलरशिप भी दिया जाएगा, लेकिन उन बच्चों का क्या होगा जिनके घर से कमाने वाला चला गया हो, जिनको बैंक के कर्जदार परेशान कर रहे हों. ऐसे लोगों के लिए भी राज्य सरकार को कोई मदद करनी चाहिए. बहरहाल रजिंदर कौर को इस समय दरकार है मदद की ताकि वे अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.

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