दुर्ग: इन दिनों भिलाई के उतई सीआईएसफ कैंप में सीआईएसफ आरक्षक भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट हो रहा है. चार अभ्यार्थियों के बदले शारीरिक परीक्षा में शामिल होने कुछ मुन्नाभाई उतई CISF कैम्प पहुंचे थे. उतई पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने फिजिकल टेस्ट के दौरान अभ्यर्थियों के परिचय पत्र और थंब इंप्रेशन से गिरोह के सभी सदस्यों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस में अंगूठे के निशान मेल नहीं खाने पर मामले का खुलासा हुआ है. सीआईएसएफ के अधिकारियों की शिकायत पर उतई पुलिस ने सभी को पकड़ा है.
कहां के रहनेवाले हैं आरोपी: CISF आरक्षक भर्ती परीक्षा में 6 मुन्ना भाइयों में से 2 दलाल और 4 फर्जी अभ्यर्थी शामिल हैं. एक आरोपी मध्यप्रदेश का रहने वाला है. पांच आरोपी उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं. इस घटना के सामने आने से सीआईएसएफ और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
सीआईएसएफ भर्ती में पैसों के बदले भर्ती का खेल: यह गैंग बड़े शातिराना ढंग से धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देता था. मध्यप्रदेश के मुरैना का रहने वाला आरोपी दुर्गेश सिंह तोमर सीआईएसफ में बिना परीक्षा दिए नौकरी लगाने के लिए लोगों से एक व्यक्ति के पांच लाख लिया करता था. वह फर्जी तरीके से लिखित परीक्षा में अपने किसी आदमी को एक लाख देकर बैठाता था. इस मामले में दुर्गेश सिंह तोमर ने 4 लोगों से नौकरी लगाने के लिए 20 लाख रुपए लिए थे. सीआईएसएफ की लिखित परीक्षा में एक ही व्यक्ति ने चार लोगों से एग्जाम को अलग-अलग तिथि पर देकर लिखित परीक्षा पास भी करवा लिया था.
ऐसा हुआ मामले का खुलासा: जब चारों आरोपी भिलाई के उतई सीआईएसफ कैंप में फिजिकल टेस्ट देने आए तब फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. चारों आरोपियों का जब बायोमैटक अटेंडेंस लिया गया तो लिखित परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी से इनका थंब मैच नहीं हुआ. सीआईएसएफ के अधिकारियों को शक हुआ. उन्होंने इनसे पूछताछ की तो इन्होंने कुछ भी नहीं बताया. सीआईएसफ के अधिकारियों ने जब उनका आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र देखा तो उनको शक हुआ. जिसके बाद सीआईएसएफ के अधिकारियों ने अभ्यर्थी से छत्तीसगढ़ी भाषा में बातचीत की लेकिन वह कुछ जवाब नहीं दे पाए. जबकि इन अभ्यर्थियों का आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र छत्तीसगढ़ का था. जब इन अभ्यर्थियों के आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र की जांच की गई तो यह भी फर्जी निकला. जिस पर सीआईएसएफ के अधिकारियों ने इस मामले की शिकायत उतई थाने में किया.
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पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले का किया खुलासा: दुर्ग पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया ''इस धोखाधड़ी के मामले में अबतक 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं इस भर्ती प्रक्रिया को एक रैकेट द्वारा संचालित किया जा रहा है. गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस जुट गई है.'' बहरहाल पुलिस सभी पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है. इस मामले में आगे और भी खुलासा होने की संभावना भी पुलिस ने जताई है.
पहले भी सीआईएसएफ भर्ती में हो चुकी है गड़बड़ी: उतई पुलिस ने 14 अगस्त 2019 को भी इस तरह के मामले का खुलासा किया था. जिसमे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के आरक्षक भर्ती परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया था. आरक्षक भर्ती प्रक्रिया अपने बदले दूसरे को लिखित परीक्षा दिलवाने वाले 32 मुन्ना भाइयों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.