दुर्ग/भिलाई: भिलाई स्टील प्लांट में हादसा हुआ है. ब्लास्ट फर्नेस 7 में कैपिटल रिपेयरिंग के दौरान यह हादसा हुआ है. इस हादसे में एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि दूसरा मजदूर बुरी तरह घायल है. दूसरा मजदूर 90 फीसदी तक झुलस गया है. जिसे बेहतर इलाज के लिए सेक्टर 9 के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
फर्नेस में फंसने से मजदूर राहुल उपाध्याय की मौत: पुरैना निवासी राहुल उपाध्याय की फर्नेस में फंसने से मौत हो गई. फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने राहुल को निकालने के लिए जान जोखिम में डाल दिया वह 45 फीट नीचे उतरे लेकिन बुरी तरह झुलसने से राहुल उपाध्याय की मौत हो चुकी थी. राहुल के शव को किसी तरह बांधकर निकाला जा सका.
मृतक के परिजन पहुंचे प्लांट: इस हादसे के बाद राहुल उपाध्याय के परिजनों को जैसे ही सूचना मिली वह प्लांट के मेन गेट के पास पहुंच गए. इस हादसे में घायल दूसरे मजदूर को भिलाई के सेक्टर 9 अस्पताल में भर्ती कराया गया है. भिलाई स्टील प्लांट के मेन मेडिकल पोस्ट के बाहर बीएसपी कर्मचारियों और अधिकारियों की भीड़ जुट गई है. दोनों कर्मचारी प्रगित कंस्ट्रक्शन और अमन कंस्ट्रक्शन से कर्मचारी बताए जा रहे हैं.
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वेल्डिंग कार्य के दौरान हुआ हादसा: मजदूरों के मुताबिक प्रगति कंस्ट्रक्शन और अमन कंस्ट्रक्शन के चार ठेका मजदूर वेल्डिंग कार्य में लगे थे. तभी हादसा हुआ है. शिवाजीनगर निवासी 25 वर्षीय ठेका मजदूर परमेश्वर को मेन मेडिकल पोस्ट में प्राथमिक उपचार के बाद सेक्टर-9 अस्पताल में रेफर कर दिया गया है. ब्लास्ट फर्नेस7 के चैंबर में यानी 15 फीट नीचे वेल्डिंग का काम परमेश्वर सिक्का और राहुल उपाध्याय कर रहे थे तभी यह हादसा हुआ. अचानक से आग लगने की वजह से परमेश्वर सेफ्टी बोल्ट खोलकर बाहर आ गया. तब तक वह झुलस चुका था. वहीं राहुल उपाध्याय सेफ्टी बेल्ट नहीं खोल सका. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. फर्नेस के अंदर आग लगने से धुंआ फैल गया था. काफी मशक्कत के बाद राहुल का शव निकाला गया.
मजदूर यूनियन ने भिलाई स्टील प्लांट में मजदूरों की सुरक्षा की मांग की: ठेका मजदूरों की मौत पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं. सीटू ठेका यूनियन के महासचिव योगेश कुमार सोनी का कहना है कि "हादसों में ठेका मजदूर चपेट में आ रहे हैं. देखा गया है कि करीब 70 प्रतिशत ठेका मजदूर ही हादसों का शिकार हो रहे हैं. कहीं न कहीं कोई चूक हो रही है. समुचित ट्रेनिंग का अभाव साफ नजर आता है. खतरनाक काम करने वाले ठेका मजदूरों को जिस तरह से ट्रेनिंग की जरूरत है, वह नहीं दी जाती है. इस वजह से वह लगातार हादसों का शिकार हो रहे हैं".
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बीएसपी प्रबंधन पर उठे सवाल: मजदूर यूनियन में इस हादसे के बाद काफी गुस्सा देखा जा रहा है. सीटू ठेका यूनियन ने बीएसपी प्रबंधन पर सवाल खड़े किए हैं. सीटू ठेका यूनियन के महासचिव कहा है कि "आखिरकार ठेका मजदूरों की जान जोखिम में कब तक डाली जाएगी. SAIL (Steel Authority of India) की तमाम इकाइयों में ठेका श्रमिकों के दुर्घटना में शिकार होने की तादाद ज्यादा है. लगभग आधे से ज्यादा कुशल, अकुशल कार्य ठेका श्रमिकों के कंधों पर है. कम वेतन और अधिक मुनाफे के लिए ठेकेदार पुराने अनुभवी मजदूरों की छंटनी कर नए श्रमिकों से काम लेते हैं. इसकी वजह से आए दिन लगातार हादसों का खतरा बढ़ रहा है"