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SPECIAL: कोरोना काल में सोशल मीडिया बना वरदान, वीडियो देख महिलाएं बना रहीं डेकोरेटिव आइटम्स

धमतरी में महिलाएं और लड़कियां मेकरम धागे से हैंडमेड डेकोरेटिव आइटम्स बना रही हैं. कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन का इन महिलाओं ने पूरा उपयोग किया और सोशल मीडिया की मदद से मेकरम धागे से सामान बनाने के गुर सीख लिए. घर सजाने के साथ ही ये महिलाएं पैसे भी कमा रही हैं.

macrame market dhamtari
धमतरी में मेकरम से सजावट के सामान बना रहीं महिलाएं
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Published : Sep 3, 2020, 10:54 AM IST

Updated : Sep 3, 2020, 1:15 PM IST

धमतरी: कला से जुड़े लोगों के लिए विपरीत परिस्थितियां भी कई बार अवसर ले आती हैं. कोरोना संकट ने जहां पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है, वहीं इसके मद्देनजर किए गए लॉकडाउन से लेकर आज तक की अवधि में कई छिपी प्रतिभाएं सामने आईं. धमतरी की महिलाओं और लड़कियों ने इस संकट काल में घरों में रहकर कला को नया स्वरूप दिया. यहां मेकरम धागों के इस्तेमाल से महिलाएं और लड़कियों ने घर सजाने के लिए कई सुंदर कलाकृतियां बनाई हैं.

वीडियो देख महिलाएं बना रहीं डेकोरेटिव आइटम्स

महिलाएं मेकरम धागे को बुनकर वॉल हैंगिग, मिरर होल्डर, मोबाइल कवर, हैंड बैग, झूमर सहित कई मनमोहक चीजें बना रहीं हैं. लॉकडाउन के दौरान घर पर बोर होती महिलाओं ने नई तरकीब निकाली. कई लड़कियों और महिलाओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से मेकरम धागे से बनी चीजों को बनाने का तरीका सीखा और अलग-अलग वैरायटी के सुंदर सामान बना डाले. ये कलाकृतियां उपयोगी होने के साथ ही घर को सजाने में भी मददगार हैं.

dhamtari macrame thread
सोशल मीडिया पर सीखें मेकरम धागे से सामान बनाने के गुर

सोशल मीडिया पर वीडियो देख सीखा हुनर

एक वार्ड में कई घरों की महिलाएं और लड़कियां मेकरम धागे से सामान बनाने का काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि यू-ट्यूब देखकर धीरे-धीरे उन सभी ने बहुत सारी डिजाइन्स सीखीं. कई सारी उपयोगी चीजों को भी बनाना सीखा. एक-दो लोगों ने इसे बनाना शुरू किया और फिर देखते ही देखते हर किसी ने इसे सीखने की इच्छा जताई. करीब 3 महीने से लगे लॉकडाउन के दौरान सभी ने सैकड़ों मेकरम के हस्तनिर्मित डेकोरेटिव आइटम्स बना डाले. उन्होंने बताया कि शुरू में इन्हें बनाने के लिए जब वे इसे सीखा करती थीं, तो उन्हें कई परेशानियां भी हुईं. सामान का नुकसान भी हुआ, लेकिन अब बहुत कुछ सीख चुकी हैं.

ladies making wall hangings from macrame
महिलाएं मेकरम धागे से बना रहीं सुंदर कलाकृतियां

कम खर्च में बन जाते हैं हैंडमेड सामान

महिलाएं बताती हैं कि डेकोरेटिव आइटम्स और उपयोगी चीजों को बनाने में मेकरम धागे के साथ रंग-बिरंगे मोतियों, मेटल रिंग और डिजाइनर लकड़ी सहित कुछ छोटी चीजों की जरूरत होती है. वे बताती हैं कि एक डेकोरेटिव आइटम को बनाने में करीब 300 से 500 रुपए तक का खर्च आता है. साइज और डिजाइन की बारीकी के मुताबिक पैसे कम-ज्यादा लग सकते हैं.

dhamtari news
दुकान से मेकरम धागा खरीदतीं महिलाएं

लोग करते हैं डिमांड

ये महिलाएं न सिर्फ अपने घरों को संवारने का काम कर रही हैं, बल्कि इन बनाए हुए डिजाइन्स को बेचकर पैसे भी कमा रही हैं. ज्यादातर घरों में साज-सजावट के लिए रेडीमेड चीजों का उपयोग कर लिया जाता है, लेकिन धमतरी की महिलाएं बीते 4 महीनों से हैंडमेड सजावट की चीजें बना रही हैं, जिसकी लोगों में डिमांड है.

पढ़ें- आपदा को अवसर बदल इन युवाओं ने ऑनलाइन बेची भगवान गणेश की मूर्तियां

इस पर थ्रेड हाउस संचालकों का कहना है कि अनलॉक में छूट मिलने के बाद होम डेकोरेशन के सामानों की बिक्री में तेजी आई है. महिलाएं और युवतियों ने बड़े पैमाने पर इनकी खरीदारी की है. अब तक मेकरम धागों के लाखों पैकेट की बिक्री की जा चुकी है.

पढ़ें- SPECIAL: आपदा बनी अवसर, राजनांदगांव की काजल के कोरोना काल में आत्मनिर्भर बनने की कहानी

महिलाएं कहती हैं कि उनकी प्रतिभा को कोई प्लेटफॉर्म मिलना चाहिए, जिससे वे इन सजावट की चीजों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा पाएं. वे बताती हैं कि हैंडमेड चीजों को लोग हाथोंहाथ खरीद लेते हैं, अगर उन्हें कोई मंच मिलेगा तो वह इसके जरिए अपनी आमदनी बढ़ा सकती हैं.

धमतरी: कला से जुड़े लोगों के लिए विपरीत परिस्थितियां भी कई बार अवसर ले आती हैं. कोरोना संकट ने जहां पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है, वहीं इसके मद्देनजर किए गए लॉकडाउन से लेकर आज तक की अवधि में कई छिपी प्रतिभाएं सामने आईं. धमतरी की महिलाओं और लड़कियों ने इस संकट काल में घरों में रहकर कला को नया स्वरूप दिया. यहां मेकरम धागों के इस्तेमाल से महिलाएं और लड़कियों ने घर सजाने के लिए कई सुंदर कलाकृतियां बनाई हैं.

वीडियो देख महिलाएं बना रहीं डेकोरेटिव आइटम्स

महिलाएं मेकरम धागे को बुनकर वॉल हैंगिग, मिरर होल्डर, मोबाइल कवर, हैंड बैग, झूमर सहित कई मनमोहक चीजें बना रहीं हैं. लॉकडाउन के दौरान घर पर बोर होती महिलाओं ने नई तरकीब निकाली. कई लड़कियों और महिलाओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से मेकरम धागे से बनी चीजों को बनाने का तरीका सीखा और अलग-अलग वैरायटी के सुंदर सामान बना डाले. ये कलाकृतियां उपयोगी होने के साथ ही घर को सजाने में भी मददगार हैं.

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सोशल मीडिया पर सीखें मेकरम धागे से सामान बनाने के गुर

सोशल मीडिया पर वीडियो देख सीखा हुनर

एक वार्ड में कई घरों की महिलाएं और लड़कियां मेकरम धागे से सामान बनाने का काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि यू-ट्यूब देखकर धीरे-धीरे उन सभी ने बहुत सारी डिजाइन्स सीखीं. कई सारी उपयोगी चीजों को भी बनाना सीखा. एक-दो लोगों ने इसे बनाना शुरू किया और फिर देखते ही देखते हर किसी ने इसे सीखने की इच्छा जताई. करीब 3 महीने से लगे लॉकडाउन के दौरान सभी ने सैकड़ों मेकरम के हस्तनिर्मित डेकोरेटिव आइटम्स बना डाले. उन्होंने बताया कि शुरू में इन्हें बनाने के लिए जब वे इसे सीखा करती थीं, तो उन्हें कई परेशानियां भी हुईं. सामान का नुकसान भी हुआ, लेकिन अब बहुत कुछ सीख चुकी हैं.

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महिलाएं मेकरम धागे से बना रहीं सुंदर कलाकृतियां

कम खर्च में बन जाते हैं हैंडमेड सामान

महिलाएं बताती हैं कि डेकोरेटिव आइटम्स और उपयोगी चीजों को बनाने में मेकरम धागे के साथ रंग-बिरंगे मोतियों, मेटल रिंग और डिजाइनर लकड़ी सहित कुछ छोटी चीजों की जरूरत होती है. वे बताती हैं कि एक डेकोरेटिव आइटम को बनाने में करीब 300 से 500 रुपए तक का खर्च आता है. साइज और डिजाइन की बारीकी के मुताबिक पैसे कम-ज्यादा लग सकते हैं.

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दुकान से मेकरम धागा खरीदतीं महिलाएं

लोग करते हैं डिमांड

ये महिलाएं न सिर्फ अपने घरों को संवारने का काम कर रही हैं, बल्कि इन बनाए हुए डिजाइन्स को बेचकर पैसे भी कमा रही हैं. ज्यादातर घरों में साज-सजावट के लिए रेडीमेड चीजों का उपयोग कर लिया जाता है, लेकिन धमतरी की महिलाएं बीते 4 महीनों से हैंडमेड सजावट की चीजें बना रही हैं, जिसकी लोगों में डिमांड है.

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इस पर थ्रेड हाउस संचालकों का कहना है कि अनलॉक में छूट मिलने के बाद होम डेकोरेशन के सामानों की बिक्री में तेजी आई है. महिलाएं और युवतियों ने बड़े पैमाने पर इनकी खरीदारी की है. अब तक मेकरम धागों के लाखों पैकेट की बिक्री की जा चुकी है.

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महिलाएं कहती हैं कि उनकी प्रतिभा को कोई प्लेटफॉर्म मिलना चाहिए, जिससे वे इन सजावट की चीजों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा पाएं. वे बताती हैं कि हैंडमेड चीजों को लोग हाथोंहाथ खरीद लेते हैं, अगर उन्हें कोई मंच मिलेगा तो वह इसके जरिए अपनी आमदनी बढ़ा सकती हैं.

Last Updated : Sep 3, 2020, 1:15 PM IST
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