धमतरीः बस्तर और कांकेर में बीते सात दिनों की मूसलाधार बारिश से कई नदी-नाले उफान पर हैं. प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र में हुई, लगातार बारिश से महानदी का जल स्तर भी बढ़ गया है. इससे प्रदेश के सबसे बड़े जलाशय गंगरेल बांध (रविशंकर जलाशय) में पानी की आवक तेजी से बढ़ रही है. यदि लगातार इसी तरह बारिश होती रही तो जलाशय 15 दिनों में लबालब हो जाएगा. वर्तमान स्थिति में जलाशय में 14500 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है.
जलाशय में बढ़ी पानी की मात्रा
प्रदेश में हो रही लगातार बारिश से बांधों में पानी की आवक भी बढ़ गई है. एक सप्ताह पहले बांधों में लगभग सूखे की स्थिति बनी हुई थी. वहीं अब मूसलाधार बारिश से अब जलाशयों को जल स्तर अचानक बढ़ गया है. धमतरी जिले के गंगरेल बांध में सिर्फ 18 फीसदी उपयोगी जल बचा हुआ था, लेकिन अब बारिश से पानी की अच्छी आवक के बाद 30 फीसदी तक जल भराव हो चुका है. पानी की आवक का अनुपात ऐसा ही रहा तो सप्ताह भर में 32 टीएमसी क्षमता वाला गंगरेल बांध लबालब हो जाएगा.
आने लगे पर्यटक
बांध में जलभराव की खबर से लोग खुश हैं. साथ ही पर्यटकों का आना भी शुरू हो गया है. गंगरेल बांध के चारों ओर नजर घुमाने से दूर तक पानी, हरे-भरे जंगल, पहाड़, शुद्ध-ताजी हवा और शांत माहौल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. जैसे-जैसे बांध में पानी भर रहा है पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है.
मिली राहत
बांध में जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के किसानों के माथे से चिंता की रेखा मिटने लगी है. उनकी आशा भी बढ़ी है. किसानों के अलावा राजधानी रायपुर के साथ दुर्ग-भिलाई जैसे प्रदेश के आधा दर्जन जिलों की प्यास भी गंगरेल बांध से ही बुझती है. वर्तमान में अभी दुर्ग-भिलाई के लिए लगभग 148 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.