ETV Bharat / state

किसानों को राहत, बुझेगी प्यास, लगातार बारिश से बढ़ा गंगरेल बांध का जलस्तर - गंगरेल बांध में बढ़ा पानी

मूसलाधार बारिश से महानदी का जल स्तर भी बढ़ गया है. इससे प्रदेश के सबसे बड़े जलाशय गंगरेल बांध (रविशंकर जलाशय) में पानी की आवक तेजी से बढ़ रही है.

प्रदेश के सबसे बड़े जलाशय गंगरेल बांध का जलस्तर बढ़ा
author img

By

Published : Aug 2, 2019, 11:14 AM IST

धमतरीः बस्तर और कांकेर में बीते सात दिनों की मूसलाधार बारिश से कई नदी-नाले उफान पर हैं. प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र में हुई, लगातार बारिश से महानदी का जल स्तर भी बढ़ गया है. इससे प्रदेश के सबसे बड़े जलाशय गंगरेल बांध (रविशंकर जलाशय) में पानी की आवक तेजी से बढ़ रही है. यदि लगातार इसी तरह बारिश होती रही तो जलाशय 15 दिनों में लबालब हो जाएगा. वर्तमान स्थिति में जलाशय में 14500 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है.

प्रदेश के सबसे बड़े जलाशय गंगरेल बांध का जलस्तर बढ़ा

जलाशय में बढ़ी पानी की मात्रा
प्रदेश में हो रही लगातार बारिश से बांधों में पानी की आवक भी बढ़ गई है. एक सप्ताह पहले बांधों में लगभग सूखे की स्थिति बनी हुई थी. वहीं अब मूसलाधार बारिश से अब जलाशयों को जल स्तर अचानक बढ़ गया है. धमतरी जिले के गंगरेल बांध में सिर्फ 18 फीसदी उपयोगी जल बचा हुआ था, लेकिन अब बारिश से पानी की अच्छी आवक के बाद 30 फीसदी तक जल भराव हो चुका है. पानी की आवक का अनुपात ऐसा ही रहा तो सप्ताह भर में 32 टीएमसी क्षमता वाला गंगरेल बांध लबालब हो जाएगा.

आने लगे पर्यटक
बांध में जलभराव की खबर से लोग खुश हैं. साथ ही पर्यटकों का आना भी शुरू हो गया है. गंगरेल बांध के चारों ओर नजर घुमाने से दूर तक पानी, हरे-भरे जंगल, पहाड़, शुद्ध-ताजी हवा और शांत माहौल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. जैसे-जैसे बांध में पानी भर रहा है पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है.

मिली राहत
बांध में जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के किसानों के माथे से चिंता की रेखा मिटने लगी है. उनकी आशा भी बढ़ी है. किसानों के अलावा राजधानी रायपुर के साथ दुर्ग-भिलाई जैसे प्रदेश के आधा दर्जन जिलों की प्यास भी गंगरेल बांध से ही बुझती है. वर्तमान में अभी दुर्ग-भिलाई के लिए लगभग 148 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

धमतरीः बस्तर और कांकेर में बीते सात दिनों की मूसलाधार बारिश से कई नदी-नाले उफान पर हैं. प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र में हुई, लगातार बारिश से महानदी का जल स्तर भी बढ़ गया है. इससे प्रदेश के सबसे बड़े जलाशय गंगरेल बांध (रविशंकर जलाशय) में पानी की आवक तेजी से बढ़ रही है. यदि लगातार इसी तरह बारिश होती रही तो जलाशय 15 दिनों में लबालब हो जाएगा. वर्तमान स्थिति में जलाशय में 14500 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है.

प्रदेश के सबसे बड़े जलाशय गंगरेल बांध का जलस्तर बढ़ा

जलाशय में बढ़ी पानी की मात्रा
प्रदेश में हो रही लगातार बारिश से बांधों में पानी की आवक भी बढ़ गई है. एक सप्ताह पहले बांधों में लगभग सूखे की स्थिति बनी हुई थी. वहीं अब मूसलाधार बारिश से अब जलाशयों को जल स्तर अचानक बढ़ गया है. धमतरी जिले के गंगरेल बांध में सिर्फ 18 फीसदी उपयोगी जल बचा हुआ था, लेकिन अब बारिश से पानी की अच्छी आवक के बाद 30 फीसदी तक जल भराव हो चुका है. पानी की आवक का अनुपात ऐसा ही रहा तो सप्ताह भर में 32 टीएमसी क्षमता वाला गंगरेल बांध लबालब हो जाएगा.

आने लगे पर्यटक
बांध में जलभराव की खबर से लोग खुश हैं. साथ ही पर्यटकों का आना भी शुरू हो गया है. गंगरेल बांध के चारों ओर नजर घुमाने से दूर तक पानी, हरे-भरे जंगल, पहाड़, शुद्ध-ताजी हवा और शांत माहौल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. जैसे-जैसे बांध में पानी भर रहा है पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है.

मिली राहत
बांध में जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के किसानों के माथे से चिंता की रेखा मिटने लगी है. उनकी आशा भी बढ़ी है. किसानों के अलावा राजधानी रायपुर के साथ दुर्ग-भिलाई जैसे प्रदेश के आधा दर्जन जिलों की प्यास भी गंगरेल बांध से ही बुझती है. वर्तमान में अभी दुर्ग-भिलाई के लिए लगभग 148 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

Intro:बीते दिनो बस्तर हूए मूसलाधार बारिश ने सूबे के कई नदी नालो को उफान पर ला दिया है.बस्तर और कांकेर जिले में हुई मूसलाधार बारिश से महानदी का जलस्तर बढ़ रहा है.बीते 7 दिन की लगातार बारिश से प्रदेश के अबसे बड़े बांध गंगरेल बाँध मे तेजी से आवक बढ़ रही है.अगर हालात यही रहेगा तो बांध 15 दिनो मे लबालब हो जायेगा.हालियासूरत में गंगरेल बाँध में लगभग 14500 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है.

Body:प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से बांधो में पानी की आवक भी बढ़ गई है.सप्ताह भर जिन बांधो में लगभग सूखे की स्थिति बन गई थी.लेकिन अब बारिश ने खबरों का रंग बदल दिया है.अच्छी खबर ये है कि धमतरी के गंगरेल बांध में अच्छी आवक के बाद 30 फीसदी तक जल भराव हो चुका है. चार दिन पहले तक इसी बांध में सिर्फ 18 फीसदी उपयोगी जल बचा था बारिश इसी तरह होती रही तो बांधो की सेहत भी दुरुस्त होगी. बारिश और पानी की आवक अनुपात ऐसा ही बना रहा सप्ताह भर में 32 टीएमसी क्षमता वाले गंगरेल बांध लबालब हो जाएगा.जलभराव की खबर से लोग खुश हैं तो वही किसानों की चिंता भी कम हुई है और साथ ही साथ सैलानियों का आना भी शुरू हो गया है.गंगरेल बांध में नजरों की दूरी तक फैला पानी,हरे भरे पहाड़ जंगल,शुद्ध ताजी हवा और शांत माहौल पर्यटकों के लिए ताजगी बजाने जैसा है.जैसे जैसे बांध में पानी भरता जाएगा यहां पर्यटकों की चीज ही बढ़ती जाएगी.Conclusion:गौरतलब है कि गंगरेल बांध के पानी से प्रदेश के आधा दर्जन जिलो की प्यास बुझती है.वही दुर्ग भिलाई और रायपुर इसी पानी के भरोसे चलता है और गंगरेल बांध मे मौजूदा वक्त मे 30 फिसदी पानी भर चुका है वही दुर्ग भिलाई के लिए लगभग 148 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

बाईट...रजत बंसल,कलेक्टर धमतरी

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी


ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.