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धमतरी में बुलडोजर बाबा और पूर्व सरपंच का कनेक्शन - धमतरी में फर्जी पट्टा बनाने का मामला

धमतरी के कुरूद ब्लॉक के गोबरा गांव में ग्रामीणों ने पूर्व सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. ग्रामीणों ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की (Villagers protested against Sarpanch in Dhamtari ) है.

fake lease case
फर्जी पट्टा बनाने का मामला
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Published : Jul 7, 2022, 6:47 PM IST

धमतरी: धमतरी जिले के कुरूद ब्लॉक अंतर्गत गोबरा गांव में पूर्व सरपंच के खिलाफ ग्रामीण आक्रोशित है. पूर्व सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. ग्रामीण प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. ग्राम पंचायत गोबरा के पूर्व सरपंच के द्वारा साल 2008-09 में बांटे गये भू-अधिकार पत्र वितरित करने को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत की है. ग्रामीण पट्टा को फर्जी बता रहे है. यह मामला तब उजागर हुआ जब कुरूद तहसीलदार द्वारा अवैध अतिक्रमण मानकर मकान तोड़ने की बात कही गई.(Villagers protested against Sarpanch in Dhamtari )

धमतरी में ग्रामीणों ने किया सरपंच का विरोध

ये है पूरा मामला: धमतरी जिले के कुरूद विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत गोबरा के ग्रामीण कलेक्टरेट पहुंचे. ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर कहा कि वे सभी पिछले 30 वर्षों से गोबरा के जमीन में काबिज हैं. उक्त जमीन पर मकान निर्माण कर रहे हैं. तब कुछ ग्रामीणों द्वारा तहसीलदार के पास शिकायत की गई. जबकि गांव में 80 से 85 लोग अतिक्रमण कर मकान बना रहे हैं. इन ग्रामीणों का कहना है कि तत्कालीन सरपंच ने उन्हें भूअधिकार पत्र ढाई डिसमिल का दिया था. भू अधिकार पत्र वर्ष 2008-09 में दिया गया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्रियों और सरपंच की फोटो लगी हुई है. जिसमें कुछ नियम भी लिखे गये हैं. ग्रामीणों ने कुछ अधिकारियों को पंचायत द्वारा दिये गये पट्टे को दिखाया, तब पता चला कि सरपंच को इस तरह पट्टा देने का अधिकार नहीं है. पंचायत द्वारा जारी किये गये पट्टा वैध है या अवैध, यह जांच का विषय है.

435 लोगों को दिया गया था पट्टा: जांच होने पर ही आगे कार्रवाई हो सकती है. बहरहाल गांव के करीबन 435 लोगों को पट्टा दिया गया था. जिसकी कुछ राशि भी जमा कराई गई थी. ग्रामीणों का कहना है कि जानकारी लेने पर उन्हें उल्टा धमकाया भी जाता है. इसकी शिकायत प्रशासन और पुलिस के सामने करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि पहले इस मामले की पूरी जांच हो और लोगों के मकान को न तोड़ा जाये.

यह भी पढ़ें: जब वनाचंल इलाके में पहली बार पहुंचे कोई शिक्षा मंत्री, ऐसे किया गया स्वागत

कलेक्टर ने दिया आश्वासन: इस मामले में संयुक्त कलेक्टर ऋषिकेश तिवारी का कहना है कि गोबरा के ग्रामीणों की शिकायत मिली है कि पूर्व सरपंच द्वारा पट्टा वितरण किया गया है. जिसके सत्यापन के संबंध में एसडीएम तहसीलदार को जांच के लिए प्रेषित किया गया है. जांच में जो भी तथ्य सामने आएगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी.

धमतरी: धमतरी जिले के कुरूद ब्लॉक अंतर्गत गोबरा गांव में पूर्व सरपंच के खिलाफ ग्रामीण आक्रोशित है. पूर्व सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. ग्रामीण प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. ग्राम पंचायत गोबरा के पूर्व सरपंच के द्वारा साल 2008-09 में बांटे गये भू-अधिकार पत्र वितरित करने को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत की है. ग्रामीण पट्टा को फर्जी बता रहे है. यह मामला तब उजागर हुआ जब कुरूद तहसीलदार द्वारा अवैध अतिक्रमण मानकर मकान तोड़ने की बात कही गई.(Villagers protested against Sarpanch in Dhamtari )

धमतरी में ग्रामीणों ने किया सरपंच का विरोध

ये है पूरा मामला: धमतरी जिले के कुरूद विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत गोबरा के ग्रामीण कलेक्टरेट पहुंचे. ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर कहा कि वे सभी पिछले 30 वर्षों से गोबरा के जमीन में काबिज हैं. उक्त जमीन पर मकान निर्माण कर रहे हैं. तब कुछ ग्रामीणों द्वारा तहसीलदार के पास शिकायत की गई. जबकि गांव में 80 से 85 लोग अतिक्रमण कर मकान बना रहे हैं. इन ग्रामीणों का कहना है कि तत्कालीन सरपंच ने उन्हें भूअधिकार पत्र ढाई डिसमिल का दिया था. भू अधिकार पत्र वर्ष 2008-09 में दिया गया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्रियों और सरपंच की फोटो लगी हुई है. जिसमें कुछ नियम भी लिखे गये हैं. ग्रामीणों ने कुछ अधिकारियों को पंचायत द्वारा दिये गये पट्टे को दिखाया, तब पता चला कि सरपंच को इस तरह पट्टा देने का अधिकार नहीं है. पंचायत द्वारा जारी किये गये पट्टा वैध है या अवैध, यह जांच का विषय है.

435 लोगों को दिया गया था पट्टा: जांच होने पर ही आगे कार्रवाई हो सकती है. बहरहाल गांव के करीबन 435 लोगों को पट्टा दिया गया था. जिसकी कुछ राशि भी जमा कराई गई थी. ग्रामीणों का कहना है कि जानकारी लेने पर उन्हें उल्टा धमकाया भी जाता है. इसकी शिकायत प्रशासन और पुलिस के सामने करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि पहले इस मामले की पूरी जांच हो और लोगों के मकान को न तोड़ा जाये.

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कलेक्टर ने दिया आश्वासन: इस मामले में संयुक्त कलेक्टर ऋषिकेश तिवारी का कहना है कि गोबरा के ग्रामीणों की शिकायत मिली है कि पूर्व सरपंच द्वारा पट्टा वितरण किया गया है. जिसके सत्यापन के संबंध में एसडीएम तहसीलदार को जांच के लिए प्रेषित किया गया है. जांच में जो भी तथ्य सामने आएगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी.

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