धमतरी: धमतरी सूबे का वो ईलाका है जो बारह महीने हरियाली की चादर ओढ़े रहता है. पर मौजूदा वक्त में इलाके के ज्यादातर गांवों में फसल पूरी तरह चौपट हो गया है. इस साल पर्याप्त बारिश होने के कारण क्षेत्र के किसान भरपूर पैदावार होने की उम्मीद लगाये बैठे थे. उन्हें उम्मीद थी कि इस बार दीवाली उन्हीं की रहेग लेकिन बारिश ने उनका दिवाला ही निकाल दिया. खासतौर पर उन किसानों के लिए यह बड़ा झटका है जिन्होंने जमीन रेगहा और कर्ज लेकर खरीफ फसल ली है.
लगातार बारिश से फसलों का नुकसान
बम्पर पैदावार से किसानो की के चेहरे खिल उठे थे. उनकी खुशियो का कोई ठिकाना नही था. पर अचानक मौसम के करवट बदलते ही उनकी उम्मीदों पर मानो डाका पड़ गया. पिछले दिनो हुई लगातार बारिश से खड़ी फसलो को काफी नुकसान पहुंचा है. पक चुके दाने कीचड़ मे समा गए. बेमौसम बरसात ने कीटप्रकोप का भी खतरा बढ़ा दिया है. जो सीधे-सीधे किसानो की कमाई पर हमले से कम नहीं. किसान मायूस है किसानों की माने तो कूदरत के इस कहर ने उन्हे कही का नही छोड़ा.
5 से 6 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद होने का अनुमान
जिलें में पिछले दो साल से मानसून लौटने के बाद धान कटाई के समय बेमौसम बारिश हो रही है. इस साल भी फसल कटाई से ठीक पहले ये सिलसिला शुरू हो गया. जिससे किसानों में अब मायूसी देखी जा रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में इस साल तकरीबन 1 लाख 45 हेक्टेयर में धान और दलहन तिलहन की फसल लगाई गई है. बैमौसम हुई इस बारिश में करीब 5 से 6 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद होने का अनुमान है. इसे देखते हुए कृषि महकमा मैदानी सर्वे कर प्रकरण तैयार करने में जुटा है. बताया जा रहा है रिपोर्ट तैयार होने के बाद किसानो को क्षतिपूर्ति के लिए बीमा का फायदा दिलाया जाएगा.
हर संभव मदद करेंगे: मंत्री लखमा
फसलो को जो नुकसान हुआ है उससे प्रशासन भी वाकिफ है. जिले के प्रभारी मंत्री ने सरकार की ओर से किसानों को हरसंभव मदद दिलाने की बात कही है. बहरहाल त्यौहार के ठीक पहले इस बेमौसम बरसात ने किसानो के सामने अंधेरा छा गया है. उनकी उम्मीदे दम तोड़ने लगी हैं. ऐसे मे हुकूमत और अमले को मदद के लिए आगे आना होगा तभी उनकी तकलीफ दूर होगी.