धमतरी: जिले में पुलिस कर्मियों को डिग्री की ऐसी ललक लगी है कि ये अपनी ड्यूटी तक भूल गए और पढ़ाई में मशगूल हो गए. दरअसल, जिले में यातायात पुलिस के दो कर्मचारियों ने शिक्षा से लगाव की मिसाल पेश की है. एक सिपाही 13 साल बाद ग्रेजुएशन शुरू कर रहा है, तो एक हवलदार 21 साल बाद बीए का फॉर्म भर रहा है.
यातायात डीएसपी खुद ले चुके हैं 8 डिग्रियां: दरअसल धमतरी यातायात डीएसपी खुद 8 डिग्रियां ले चुके हैं. अब वो 9वीं की तैयारी कर रहे हैं. शिक्षा के लिए अपने अफसर का जज्बा देख अब छोटे कर्मचारी भी डिग्री पाने के लिए ऑन ड्यूटी पढ़ाई कर रहे हैं. धमतरी में यातायात पुलिस में कॉन्स्टेबल गनपत डिंडोल्कर और हेड कॉन्स्टेबल कमल किशोर साहू इस साल कॉलेज की पढ़ाई शुरू करेंगे. कमल किशोर ने 21 साल पहले 12वीं के बाद पुलिस की नौकरी लगते ही पढ़ाई छोड़ दी थी. ऐसे ही गनपत ने भी 13 साल पहले नौकरी लगते ही 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी.
मेधावी छात्र रहे हैं दोंनों: ये दोनों अपने समय के मेधावी छात्र रहे हैं. लेकिन नौकरी लगने के बाद पढ़ाई को जरूरी नहीं समझा या यूं कहें कि पढ़ने का वक्त ही नहीं मिला. लेकिन इस साल दोनों ने ग्रैजुएशन पूरी करने का मन बना लिया है. गनपत बीकॉम करने वाले हैं तो कमल ने बीए करने का फैसला किया है. सरकारी नौकरी लगने के बाद आखिर कौन फिर से डिग्रियों के पीछे भागना पसंद करता है. ये शिक्षा और ज्ञान के प्रति इनका जज्बा है कि अब ये फिर से पढ़ाई पूरी करने जा रहे हैं. पुलिस के ये दोनों कर्मचारी अपने अधिकारी से प्रभावित होकर ये फैसला लिए हैं.
डीएसपी हैं शिक्षा प्रेमी: जिले में यातायात को संभाल रहे डीएसपी मणि शंकर चंद्रा खुद पढ़ाई-लिखाई और शिक्षा के इतने प्रेमी है कि उन्होंने कभी अपनी पढ़ाई बन्द ही नहीं की. डीएसपी बन जाने के बावजूद वो पढ़ते रहे. परीक्षाएं देते रहें. आज उनके पास एमए, एमएससी, बीजेएमसी से लेकर एमबीए तक की 8 डिग्रियां है. अभी भी डीएसपी चंद्रा पीएचडी की परीक्षा देने वाले हैं. चंद्रा की मानें तो ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता है.
यातायात डीएसपी की डिग्री:
- बीएससी मेथमेटिक्स
- एमएससी इलेक्ट्रॉनिक्स
- पीजी डिप्लोमा इन ह्यूमन राइट्स
- बैचरल ऑफ जनरलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन
- एम इन हिस्ट्री सोशियोलॉजी, पब्लिश एडमिनेस्ट्रेशन, पॉलिटिकल साइंस
- एमबीए(एचआर एंड मार्केटिंग मैनेजमेंट)
- पीजीडीसीए
- पीएचडी (एचआरएम)