ETV Bharat / state

चॉक और पेंसिल पर भानुप्रताप कुंजाम ने छोड़ी कला की छाप

चॉक और पेंसिल पर कलाकारी कर कलाकार भानुप्रताप कुंजाम ने कला के क्षेत्र में हर असंभव काम को संभव करके दिखाया है.

कलाकृति
कलाकृति
author img

By

Published : Mar 14, 2020, 10:32 PM IST

Updated : Mar 14, 2020, 11:11 PM IST

धमतरी: चॉक और पेंसिल पर इतनी खूबसूरत कलाकारी आपने देखी है. इस सुंदर कला को बनाने वाले कलाकार भानुप्रताप कुंजाम की कला के दीवाने पूरे क्षेत्र में हैं. इसे कुंजाम का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि इतनी बारीक कलाकारी करने वाले भानुप्रताप कुंजाम को ज्यादा लोग नहीं जानते. लेकिन ETV भारत न सिर्फ आपको इस खूबसूरत कला से रू-ब-रू करा रहा है, बल्कि इस कलाकार से भी परिचय करा रहा है.

पैकेज

भानुप्रताप ने चाक और पेंसिल के साथ-साथ दवाईयों पर भी बेहतरीन कला को उकेरकर एक सुंदर तस्वीर में मढ़ दिया है. 21 वर्षीय कलाकार भानुप्रताप कुंजाम मुकुंदपुर गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अब तक चॉक पर अलग-अलग तरह की लगभग 100 आकृतियों को गढ़ा है. कुंजाम इतने से ही खुश नहीं हुए उन्होंने पेंसिल पर भी अपनी कला को उकेरना शुरू कर दिया है.

कलाकारी से हैरत लोगों को हैरत में डाला

पेंसिल की नोक पर बारीक कलाकारी करना शुरू कर दिया और लगातार अपनी कलाकारी से लोगों को हैरत में डाल रहे हैं. लेकिन वनांचल में रहने और प्रचार-प्रसार से दूर रहने के कारण भानुप्रताप उस मुकाम को हासिल नहीं कर पा रहे हैं, जिसके वे सच्चे हकदार हैं.

असंभव को संभव करके दिखाया

जब ETV भारत ने कलाकार भानुप्रताप कुंजाम से बात की तो उन्होंने बताया कि जब वे बारहवीं कक्षा में पढ़ते थे, तब उन्होंने किसी अखबार में पढ़ा था कि चॉक और पेंसिल में कलाकृति बनाना लगभग नामुमकिन सा है. तभी से उन्होंने अपने मन में ठान लिया कि वे असंभव को संभव करके रहेंगे.

कलाकृति
कलाकृति

अपने अनुभव को ETV भारत से शेयर करते हुए बताया कि पहले चॉक में विभिन्न आकृतियों को उभारने में काफी वक्त लगता था, अब उन्हें महज 10 से 15 मिनट में आकृतियों को उकेर देते हैं.

भानु राज्य सेवा में जाना चाहते हैं

बीएससी की पढ़ाई पूरी कर चुके भानु के माता-पिता मजदूरी करते हैं. भानु पीएससी की तैयारी कर राज्य सेवा में जाना चाहते हैं. लेकिन खाली समय में वे पूरा ध्यान अपनी कला को और बेहतर करने में लगे रहते हैं. चॉक, पेंसिल, साबुन के अलावा अस्पताल से मिलने वाली टेबलेटों पर भी विभिन्न तरह की आकृतियां उकेर रहे हैं.

भानुप्रताप जैसे कलाकार सुदूर ग्रामीण अंचल में होने के कारण उस मुकाम को हासिल नहीं कर पा रहे हैं, जिसके वे सच्चे हकदार हैं. जरूरत है इनकी कला को लोगों तक पहुंचाने की, जिससे वे ग्रामीण अंचल के कलाकारों को उचित मंच मिले.

धमतरी: चॉक और पेंसिल पर इतनी खूबसूरत कलाकारी आपने देखी है. इस सुंदर कला को बनाने वाले कलाकार भानुप्रताप कुंजाम की कला के दीवाने पूरे क्षेत्र में हैं. इसे कुंजाम का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि इतनी बारीक कलाकारी करने वाले भानुप्रताप कुंजाम को ज्यादा लोग नहीं जानते. लेकिन ETV भारत न सिर्फ आपको इस खूबसूरत कला से रू-ब-रू करा रहा है, बल्कि इस कलाकार से भी परिचय करा रहा है.

पैकेज

भानुप्रताप ने चाक और पेंसिल के साथ-साथ दवाईयों पर भी बेहतरीन कला को उकेरकर एक सुंदर तस्वीर में मढ़ दिया है. 21 वर्षीय कलाकार भानुप्रताप कुंजाम मुकुंदपुर गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अब तक चॉक पर अलग-अलग तरह की लगभग 100 आकृतियों को गढ़ा है. कुंजाम इतने से ही खुश नहीं हुए उन्होंने पेंसिल पर भी अपनी कला को उकेरना शुरू कर दिया है.

कलाकारी से हैरत लोगों को हैरत में डाला

पेंसिल की नोक पर बारीक कलाकारी करना शुरू कर दिया और लगातार अपनी कलाकारी से लोगों को हैरत में डाल रहे हैं. लेकिन वनांचल में रहने और प्रचार-प्रसार से दूर रहने के कारण भानुप्रताप उस मुकाम को हासिल नहीं कर पा रहे हैं, जिसके वे सच्चे हकदार हैं.

असंभव को संभव करके दिखाया

जब ETV भारत ने कलाकार भानुप्रताप कुंजाम से बात की तो उन्होंने बताया कि जब वे बारहवीं कक्षा में पढ़ते थे, तब उन्होंने किसी अखबार में पढ़ा था कि चॉक और पेंसिल में कलाकृति बनाना लगभग नामुमकिन सा है. तभी से उन्होंने अपने मन में ठान लिया कि वे असंभव को संभव करके रहेंगे.

कलाकृति
कलाकृति

अपने अनुभव को ETV भारत से शेयर करते हुए बताया कि पहले चॉक में विभिन्न आकृतियों को उभारने में काफी वक्त लगता था, अब उन्हें महज 10 से 15 मिनट में आकृतियों को उकेर देते हैं.

भानु राज्य सेवा में जाना चाहते हैं

बीएससी की पढ़ाई पूरी कर चुके भानु के माता-पिता मजदूरी करते हैं. भानु पीएससी की तैयारी कर राज्य सेवा में जाना चाहते हैं. लेकिन खाली समय में वे पूरा ध्यान अपनी कला को और बेहतर करने में लगे रहते हैं. चॉक, पेंसिल, साबुन के अलावा अस्पताल से मिलने वाली टेबलेटों पर भी विभिन्न तरह की आकृतियां उकेर रहे हैं.

भानुप्रताप जैसे कलाकार सुदूर ग्रामीण अंचल में होने के कारण उस मुकाम को हासिल नहीं कर पा रहे हैं, जिसके वे सच्चे हकदार हैं. जरूरत है इनकी कला को लोगों तक पहुंचाने की, जिससे वे ग्रामीण अंचल के कलाकारों को उचित मंच मिले.

Last Updated : Mar 14, 2020, 11:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.