धमतरी: आज अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस है. इस अवसर पर हम आपको एक ऐसी बच्ची से मिलवाने जा रहे हैं, जिसने छोटी सी उम्र में अपनी सुरीली आवाज से सभी को अपना दीवाना बना लिया है. हम बात कर रहे डोंगरडुला नगरी की रहने वाली ओजस्वी साहू से. इन्होंने अपनी आवाज से छत्तीसगढ़ी गीतों को एक नई पहचान दी है.
धमतरी के एक छोटे से गांव में रहने वाली ओजस्वी ने महज 11 साल की उम्र में कई बड़े मुकाम हासिल कर लिए हैं. ओजस्वी ने छत्तीसगढ़ी में कई ऐसे गीत गाए हैं, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है. ओजस्वी की इस मधुर आवाज को सोशल मीडिया में खूब सराहा जा रहा है.
परिवार का मिला स्पोर्ट
छत्तीसगढ़ी गीतों को एक नई आवाज देने वाली बाल गायिका ओजस्वी बताती हैं कि उसने गाना गाने की शुरुआत स्कूल के समय में की. स्कूल में उसने एक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और पहला स्थान प्राप्त किया. ओजस्वी कहती है कि किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए परिवार का स्पोर्ट होना बेहद जरूरी है. परिवार के सहयोग के कारण ही आज वो इतनी आगे बढ़ी हैं. ओजस्वी बताती है कि उसके पिता उनके गाने सेलेक्ट करते हैं, जिन पर वह रियाज करती हैं और मां पूर्णिमा उसे गाने की प्रेक्टिस कराती हैं.
दिया ये संदेश
ओजस्वी बताती है कि शुरू में उसे छत्तीसगढ़ी गाने पसंद नहीं थे लेकिन अब छत्तीसगढ़ी गाना गाने में इंटरेस्ट आने लगा है. ओजस्वी ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ETV भारत के माध्यम से विश्व की सभी बालिकाओं को मैसेज दिया है. उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को अपने दिल की करनी चाहिए. कोई भी काम कड़ी मेहनत और लगन से करें, तभी सफलता मिलेगी.
समाज के लिए एक प्रेरणा बनी ओजस्वी
ओजस्वी की आवाज अब प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंच रही है और कई मंचों पर अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति दे रही है. गायिकी के लिए उन्हें कई सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. नन्ही ओजस्वी ने न सिर्फ प्रदेश का मान बढ़ाया है बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणा बनी है.