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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवसः ओजस्वी के सुरों की तान ने बढ़ाई छत्तीसगढ़ी गीतों की शान

आज अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ओजस्वी साहू की सुरीली आवाज में आप भी छत्तीसगढ़ी गाने सुनें. ओजस्वी ने छत्तीसगढ़ी में कई ऐसे गीत गाए हैं, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है.

ओजस्वी साहू
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Published : Oct 11, 2019, 6:08 PM IST

धमतरी: आज अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस है. इस अवसर पर हम आपको एक ऐसी बच्ची से मिलवाने जा रहे हैं, जिसने छोटी सी उम्र में अपनी सुरीली आवाज से सभी को अपना दीवाना बना लिया है. हम बात कर रहे डोंगरडुला नगरी की रहने वाली ओजस्वी साहू से. इन्होंने अपनी आवाज से छत्तीसगढ़ी गीतों को एक नई पहचान दी है.

ओजस्वी के सुरों की तान ने बढ़ाई छत्तीसगढ़ी गीतों की शान

धमतरी के एक छोटे से गांव में रहने वाली ओजस्वी ने महज 11 साल की उम्र में कई बड़े मुकाम हासिल कर लिए हैं. ओजस्वी ने छत्तीसगढ़ी में कई ऐसे गीत गाए हैं, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है. ओजस्वी की इस मधुर आवाज को सोशल मीडिया में खूब सराहा जा रहा है.

परिवार का मिला स्पोर्ट
छत्तीसगढ़ी गीतों को एक नई आवाज देने वाली बाल गायिका ओजस्वी बताती हैं कि उसने गाना गाने की शुरुआत स्कूल के समय में की. स्कूल में उसने एक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और पहला स्थान प्राप्त किया. ओजस्वी कहती है कि किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए परिवार का स्पोर्ट होना बेहद जरूरी है. परिवार के सहयोग के कारण ही आज वो इतनी आगे बढ़ी हैं. ओजस्वी बताती है कि उसके पिता उनके गाने सेलेक्ट करते हैं, जिन पर वह रियाज करती हैं और मां पूर्णिमा उसे गाने की प्रेक्टिस कराती हैं.

दिया ये संदेश
ओजस्वी बताती है कि शुरू में उसे छत्तीसगढ़ी गाने पसंद नहीं थे लेकिन अब छत्तीसगढ़ी गाना गाने में इंटरेस्ट आने लगा है. ओजस्वी ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ETV भारत के माध्यम से विश्व की सभी बालिकाओं को मैसेज दिया है. उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को अपने दिल की करनी चाहिए. कोई भी काम कड़ी मेहनत और लगन से करें, तभी सफलता मिलेगी.

समाज के लिए एक प्रेरणा बनी ओजस्वी
ओजस्वी की आवाज अब प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंच रही है और कई मंचों पर अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति दे रही है. गायिकी के लिए उन्हें कई सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. नन्ही ओजस्वी ने न सिर्फ प्रदेश का मान बढ़ाया है बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणा बनी है.

धमतरी: आज अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस है. इस अवसर पर हम आपको एक ऐसी बच्ची से मिलवाने जा रहे हैं, जिसने छोटी सी उम्र में अपनी सुरीली आवाज से सभी को अपना दीवाना बना लिया है. हम बात कर रहे डोंगरडुला नगरी की रहने वाली ओजस्वी साहू से. इन्होंने अपनी आवाज से छत्तीसगढ़ी गीतों को एक नई पहचान दी है.

ओजस्वी के सुरों की तान ने बढ़ाई छत्तीसगढ़ी गीतों की शान

धमतरी के एक छोटे से गांव में रहने वाली ओजस्वी ने महज 11 साल की उम्र में कई बड़े मुकाम हासिल कर लिए हैं. ओजस्वी ने छत्तीसगढ़ी में कई ऐसे गीत गाए हैं, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है. ओजस्वी की इस मधुर आवाज को सोशल मीडिया में खूब सराहा जा रहा है.

परिवार का मिला स्पोर्ट
छत्तीसगढ़ी गीतों को एक नई आवाज देने वाली बाल गायिका ओजस्वी बताती हैं कि उसने गाना गाने की शुरुआत स्कूल के समय में की. स्कूल में उसने एक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और पहला स्थान प्राप्त किया. ओजस्वी कहती है कि किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए परिवार का स्पोर्ट होना बेहद जरूरी है. परिवार के सहयोग के कारण ही आज वो इतनी आगे बढ़ी हैं. ओजस्वी बताती है कि उसके पिता उनके गाने सेलेक्ट करते हैं, जिन पर वह रियाज करती हैं और मां पूर्णिमा उसे गाने की प्रेक्टिस कराती हैं.

दिया ये संदेश
ओजस्वी बताती है कि शुरू में उसे छत्तीसगढ़ी गाने पसंद नहीं थे लेकिन अब छत्तीसगढ़ी गाना गाने में इंटरेस्ट आने लगा है. ओजस्वी ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ETV भारत के माध्यम से विश्व की सभी बालिकाओं को मैसेज दिया है. उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को अपने दिल की करनी चाहिए. कोई भी काम कड़ी मेहनत और लगन से करें, तभी सफलता मिलेगी.

समाज के लिए एक प्रेरणा बनी ओजस्वी
ओजस्वी की आवाज अब प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंच रही है और कई मंचों पर अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति दे रही है. गायिकी के लिए उन्हें कई सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. नन्ही ओजस्वी ने न सिर्फ प्रदेश का मान बढ़ाया है बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणा बनी है.

Intro:अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर हम आपको एक ऐसी बालिका से मिलाने जा रहे है जिनकी आवाज यूट्यूब और सोशल मीडिया पर खूब सुनी और सराही जा रही है वो नाम ओजस्वी साहू है जिन्होंने अपनी सुरीली आवाज से लोगों का दिल जीत लिया है.वही आरु ने अपनी आवाज से छत्तीसगढ़ी गीतों को एक नई पहचान दी है.


Body:ग्राम डोंगरडुला नगरी की रहने वाली ओजस्वी उम्र महज 11 साल है लेकिन इतने कम उम्र में उन्होंने बड़े मुकाम हासिल कर लिए है. आज उनके हजारो प्रसंशक है जो उनके आवाज के दीवाने है.छत्तीसगढ़ी में गाए उनके गीत बेहद सुरीले है इस वजह से उनकी मधुर आवाज फेसबुक,यूट्यूब सहित अन्य सोशल मीडिया में गूंज रही है.

छत्तीसगढ़ी गीतों को एक नई आवाज देने वाली बाल गायिका ओजस्वी साहू बताती है कि गायिकी की शुरुआत स्कूल से हुई जब एक कार्यक्रम में वह गाना गाई तो उन्हें प्रथम स्थान मिला.इसके बाद घर मे सभी ने उनका सहयोग किया.फिर धीरे धीरे आगे बढ़ती चली गई.पिता शीतकुमार साहू उनके गाने सलेक्ट करते है जिन पर वह रियाज करती है वही माँ पूर्णिमा उन्हें गाने की प्रेक्टिस कराती है.आरु बताती है पहले उन्हें छत्तीसगढ़ी गाने पसंद नही थे पर अब उन्हें बहुत अच्छा लगता है यहां तक कि जब गाना गाती है तो सबको बताती है और गाने की बारे में पूछती रहती है. आरु अन्य बालिकाओ को ये संदेश दे रही है कोई भी काम कड़ी मेहनत और लगन से करे तभी सफलता मिलेगी.वही इन कामों मेबफैमली का सहयोग करना चाहिए.
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Conclusion:आरू अब प्रदेश के कोने कोने तक पहुंच रही है और कई मंचों में अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति दे रही है गायिका के लिए उन्हें कई सम्मान से भी नवाजा जा चुका है.बहरहाल आरु की मधुर आवाज फेसबुक,सोशल मीडिया में होने गूँजने लगी है.नन्ही बालिका को ना केवल गायिका से पहचान मिली है बल्कि उसने धमतरी जिले का मान भी बढ़ाई है.

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
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