धमतरी: गणेश उत्सव के आने में कुछ दिन शेष है, लेकिन कोरोनाकाल का साया इस साल भी गणेश उत्सव पर मंडरा रहा है. मूर्तिकारों को गणेश उत्सव के लिए मूर्तियों का ऑर्डर मई और जून महीने से ही मिलना शुरू हो जाते था. इस साल अब तक मूर्तिकारों के पास अब तक बड़ी मूर्तियां के ऑर्डर नहीं आए हैं.
बीते साल हुए नुकसान को ध्यान में रखकर घाटे से बचने के लिए इस साल मूर्तिकार सिर्फ छोटी ही मूर्तियां बना रहे हैं. कुछ मूर्तिकार ने 4 फीट तक बड़ी प्रतिमाओं को बनाकर आधा छोड़ दिया है, ताकि ऑर्डर मिलने पर उसे जल्द बनाया जा सके. भगवान गणेश की 8 से 10 फीट तक की मूर्तियां बनती थी, लेकिन अब ढ़ाई से 3 फीट तक की ही मूर्तियां बनाई जा रही है.
प्रतिमाएं बनाकर चलाते हैं घर का खर्च: मूर्तिकार
मूर्तिकार मुरली कुंभकार, गगन कुंभकार, शंकर कुंभकार, रामस्वरूप कुंभकार ने बताया कि सरकारी गाइडलाइन जारी नहीं होने से मूर्तियां बनाने का काम धीमी गति से चल रहा है. बड़ी मूर्तियां बनाने के लिए ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं. मूर्तियां बनाकर ही घर का खर्च चलाते हैं, बीते साल कारीगरों को मेहनताना भी पूरा नहीं दे पाए थे. इस साल भी गणेश मूर्तियों को बनाने में कोई फायदा नहीं दिख रहा है.
मूर्तिकारों की आजीविका पर कोरोना का खतरा
38 दिन बाद गणेश उत्सव है. इसके लिए मूर्तिकारों ने प्रतिमाओं को आकार देना शुरू कर दिया है. मूर्तिकारों की आजीविका पर कोरोना का खतरा बीते 2 साल से मंडरा रहा है. धमतरी में करीब 500 मूर्तिकार हैं, लेकिन कोरोना की वजह से धार्मिक आयोजन पर पाबंदी है. ऐसे में मूर्तिकार सिर्फ घर में बैठाने के लिए छोटी गणेश की प्रतिमाएं बना रहे हैं. बहरहाल नुकसान झेल रहे मूर्तिकारों ने शासन से नियमों में राहत देने की मांग की है.