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धमतरी : मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं डूबानवासी, शासन से लगाई गुहार

धमतरी के डूबानवासी अभी भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं. इसके लिए उन्होंने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनकी समस्याओं को संज्ञान में लेकर गांव में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाए.

Residents of Dunban are struggling with basic facilities in dhamtari
मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे डूबान वासी
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Published : Feb 14, 2020, 9:24 AM IST

Updated : Feb 14, 2020, 10:35 AM IST

धमतरी: धमतरी के डूबानवासी आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीणों ने इसके लिए शासन-प्रशासन से फरियाद लगाई थी, लेकिन आज तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं. घने जंगल में बसे इन परिवारों के सामने आज भी समस्याएं हैं, लेकिन शासन-प्रशासन ने कभी इनकी सुध नहीं ली. यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.

मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं डूबानवासी

नगरी ब्लॉक केकराडोंगरी गांव के ज्यादातर लोग मछली मारकर ही अपनी अजीविका चला रहे हैं. ग्रामीणों के पास इनके अलावा और कोई काम भी नहीं है. यहां ग्रामीण चाहते हैं कि उनके गांव में भी विकास हो पर ऐसा नहीं हो पाया. डैम के कारण ग्रामीणों की जमीन जयदाद पहले ही छीन गई और मुआयजा भी नहीं दिया गया. उम्मीद थी कि उनके जीवन में सुधार आएगा, लेकिन यह उम्मीदें धरी की धरी रह गई.

Residents of Dunban are struggling with basic facilities in dhamtari
मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे डूबान वासी

मूलभूत सुविधाओं का आभाव

इस गांव में आने जाने के लिए एकमात्र सड़क है, वह भी कच्ची. यहां के बच्चे कई किलोमीटर दूर स्कूल पढ़ने जाते हैं और आंगनबाड़ी भी दूर है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां बरसात के दिनों में बड़ी समस्या होती है. राशन के लिए 6 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. डूबान इलाका होने की वजह से यहां जंगली जानवरों सहित सांप, बिच्छू का खतरा भी बना रहता है.

Residents of Dunban are struggling with basic facilities in dhamtari
मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे डूबान वासी

शासन-प्रशासन से लगाई फरियाद

ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से फरियाद लगाई है कि उनकी समस्याओं को संज्ञान में लेकर गांव में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाए. वहीं प्रशासन के आलाधिकारियों ने मौके मुआयना कर ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिया है.

Residents of Dunban are struggling with basic facilities in dhamtari
मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे डूबानवासी

बता दें कि जिले में दुधावा डैम बनने के बाद कई परिवारों को अपने घर और खेत छोड़ने पड़े थे. खेत खलिहान छोड़ चुके इन परिवारों के सामने रोजी रोटी की संकट सामने आ गई थी. अजीविका का कोई साधन नहीं था और तब इन परिवारों ने मछली मारकर गुजर-बसर करना शुरू कर दिया था.

धमतरी: धमतरी के डूबानवासी आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीणों ने इसके लिए शासन-प्रशासन से फरियाद लगाई थी, लेकिन आज तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं. घने जंगल में बसे इन परिवारों के सामने आज भी समस्याएं हैं, लेकिन शासन-प्रशासन ने कभी इनकी सुध नहीं ली. यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.

मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं डूबानवासी

नगरी ब्लॉक केकराडोंगरी गांव के ज्यादातर लोग मछली मारकर ही अपनी अजीविका चला रहे हैं. ग्रामीणों के पास इनके अलावा और कोई काम भी नहीं है. यहां ग्रामीण चाहते हैं कि उनके गांव में भी विकास हो पर ऐसा नहीं हो पाया. डैम के कारण ग्रामीणों की जमीन जयदाद पहले ही छीन गई और मुआयजा भी नहीं दिया गया. उम्मीद थी कि उनके जीवन में सुधार आएगा, लेकिन यह उम्मीदें धरी की धरी रह गई.

Residents of Dunban are struggling with basic facilities in dhamtari
मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे डूबान वासी

मूलभूत सुविधाओं का आभाव

इस गांव में आने जाने के लिए एकमात्र सड़क है, वह भी कच्ची. यहां के बच्चे कई किलोमीटर दूर स्कूल पढ़ने जाते हैं और आंगनबाड़ी भी दूर है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां बरसात के दिनों में बड़ी समस्या होती है. राशन के लिए 6 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. डूबान इलाका होने की वजह से यहां जंगली जानवरों सहित सांप, बिच्छू का खतरा भी बना रहता है.

Residents of Dunban are struggling with basic facilities in dhamtari
मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे डूबान वासी

शासन-प्रशासन से लगाई फरियाद

ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से फरियाद लगाई है कि उनकी समस्याओं को संज्ञान में लेकर गांव में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाए. वहीं प्रशासन के आलाधिकारियों ने मौके मुआयना कर ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिया है.

Residents of Dunban are struggling with basic facilities in dhamtari
मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे डूबानवासी

बता दें कि जिले में दुधावा डैम बनने के बाद कई परिवारों को अपने घर और खेत छोड़ने पड़े थे. खेत खलिहान छोड़ चुके इन परिवारों के सामने रोजी रोटी की संकट सामने आ गई थी. अजीविका का कोई साधन नहीं था और तब इन परिवारों ने मछली मारकर गुजर-बसर करना शुरू कर दिया था.

Last Updated : Feb 14, 2020, 10:35 AM IST
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