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सालों से रेलवे की जमीन पर था बसेरा, अब अधूरे शासकीय आवास में बना रहे आशियाना

railway line project in Dhamtari: सालों से रेलवे की जमीन जो लोग रह रहे थे. सरकार ने उनको नया बसेरा देने का आश्वासन दिया था. हालांकि अब तक उनका घर बनकर तैयार नहीं हुआ है. अब ये लोग अधूरे घर को ही कपड़ों से घेर कर रह रहे हैं.

Problems of people displaced by railway
सालों से रेलवे की जमीन पर था बसेरा
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 15, 2024, 10:32 PM IST

अब अधूरे शासकीय आवास में बना रहे आशियाना

धमतरी: धमतरी में रेलवे की जमीन पर बरसों से रहने वाले परिवारों को अब नए बसेरा की चिंता सताने लगी है. रेलवे अब धमतरी-रायपुर के बीच बड़ी रेल लाइन बिछा रहा है. साथ ही पुराने स्टेशन को भी बड़ा बनाया जा रहा है. इसके साथ ही जो लोग रेलवे की जमीन पर बरसों से घर बना कर रह रहे थे, उन्हें भी नोटिस देकर जमीन खाली करने को कहा जा रहा है.

अधूरे मकान को बनाया आशियाना: बताया जा रहा है कि पहले शासन की ओर से तय किया गया था कि विस्थापितों को नया आवास दिया जाएगा. इसके लिए एक अटल आवास भी निर्माणाधीन है लेकिन ठेकेदार के भाग जाने के कारण निर्माण अधूरा है. अब विस्थापित परिवार इसी अधूरे मकान में आशियाना बनाने लगे है.

ठेकेदारों ने छोड़ा काम: दरअसल, नगर निगम धमतरी की सीमा क्षेत्र में रहने वाले भूमिहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ देने की पहल की गई थी. इसके लिए महिमा सागर वार्ड और विंध्यवासिनी वार्ड में 401 प्रधानमंत्री आवास का फ्लैट निर्माण काम आज भी पूरा नहीं हो पाया है. जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में दोनों ठेकेदारों ने काम करना बंद कर दिया. इसके बाद ठेकेदार काम छोड़कर भाग गए.

सालों से आवास की आस में बैठे हैं पीड़ित: बताया जा रहा है कि महिमा सागर वार्ड में 287 प्रधानमंत्री आवास निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर निकाला गया. कवर्धा के शंकरा इंटरप्राइजेज को ठेका मिला. प्रारंभ में एक साल तक कार्य प्रगति से चलता रहा. इसी तरह विंध्यवासिनी मंदिर के पीछे बन रहे 114 प्रधानमंत्री आवास के ठेकेदार ने भी काम बंद कर दिया है. प्रधानमंत्री आवास कब तक बनेगा? यह पूछने निगम में गरीब परिवार के लोग पहुंचते रहते हैं. कई भूमिहीन परिवार यहां आवास मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लेकिन काम ही आधा अधूरा पड़ा है.

कलेक्टर ने दिया आश्वासन: पीड़ित परिवारों की मानें तो बार-बार नोटिस मिलने से वे परेशान हो गए थे. बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगाने से वह परेशान हो गए थे. रेलवे द्वारा कार्रवाई की नोटिस मिलती थी, जिसके चलते वह अधूरे आवास में पहुंचकर खुद के खर्चे से आशियाना बना रहे हैं. इस मामले में धमतरी कलेक्टर ने जल्द सभी पक्षों से बात कर इस समस्या का हल निकाले जाने का आश्वासन दिया है.

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अधूरे मकान को बनाया आशियाना: बताया जा रहा है कि पहले शासन की ओर से तय किया गया था कि विस्थापितों को नया आवास दिया जाएगा. इसके लिए एक अटल आवास भी निर्माणाधीन है लेकिन ठेकेदार के भाग जाने के कारण निर्माण अधूरा है. अब विस्थापित परिवार इसी अधूरे मकान में आशियाना बनाने लगे है.

ठेकेदारों ने छोड़ा काम: दरअसल, नगर निगम धमतरी की सीमा क्षेत्र में रहने वाले भूमिहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ देने की पहल की गई थी. इसके लिए महिमा सागर वार्ड और विंध्यवासिनी वार्ड में 401 प्रधानमंत्री आवास का फ्लैट निर्माण काम आज भी पूरा नहीं हो पाया है. जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में दोनों ठेकेदारों ने काम करना बंद कर दिया. इसके बाद ठेकेदार काम छोड़कर भाग गए.

सालों से आवास की आस में बैठे हैं पीड़ित: बताया जा रहा है कि महिमा सागर वार्ड में 287 प्रधानमंत्री आवास निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर निकाला गया. कवर्धा के शंकरा इंटरप्राइजेज को ठेका मिला. प्रारंभ में एक साल तक कार्य प्रगति से चलता रहा. इसी तरह विंध्यवासिनी मंदिर के पीछे बन रहे 114 प्रधानमंत्री आवास के ठेकेदार ने भी काम बंद कर दिया है. प्रधानमंत्री आवास कब तक बनेगा? यह पूछने निगम में गरीब परिवार के लोग पहुंचते रहते हैं. कई भूमिहीन परिवार यहां आवास मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लेकिन काम ही आधा अधूरा पड़ा है.

कलेक्टर ने दिया आश्वासन: पीड़ित परिवारों की मानें तो बार-बार नोटिस मिलने से वे परेशान हो गए थे. बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगाने से वह परेशान हो गए थे. रेलवे द्वारा कार्रवाई की नोटिस मिलती थी, जिसके चलते वह अधूरे आवास में पहुंचकर खुद के खर्चे से आशियाना बना रहे हैं. इस मामले में धमतरी कलेक्टर ने जल्द सभी पक्षों से बात कर इस समस्या का हल निकाले जाने का आश्वासन दिया है.

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