धमतरी: जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए कवायद तेज कर दी है. जिले में तेज बारिश होते ही महानदी, खारून, पैरी, बाल्का और सोंढूर नदियों के तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाता है, जिससे निपटने के लिए धमतरी जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है. नदियों के उफान पर आते ही तटवर्ती गांवों में मुनादी करानी पड़ती है, लिहाजा बारिश से पहले ही जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है.
जिला प्रशासन के मुताबिक जिले में 77 बाढ़ प्रभावित गांव हैं, जिसमें धमतरी ब्लॉक के 20, कुरुद और मगरलोड के 52 सहित नगरी ब्लॉक के 5 गांव महानदी के बाढ़ से प्रभावित होते हैं, जिले में सर्वाधिक खतरा उस समय मंडराने लगता है, जब गंगरेल बांध से महानदी में पानी छोड़ा जाता है. जिले में कुछ गांव ऐसे भी हैं, जो बारिश में गंगरेल से पानी छोड़े जाने के बाद पूरी तरह से टापू में तब्दील हो जाते हैं.
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गोताखोर और बचाव दल अलर्ट
प्रशासन के अनुसार, बीते साल गंगरेल बांध से भारी मात्रा में सभी 14 गेट खोलकर महानदी में पानी छोड़ने के कारण तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा था, हालांकि किसी भी गांव तक नदी का पानी नहीं पहुंचा, फिर भी जिला प्रशासन ने अपनी तरफ से मुनादी कराकर लोगों को अलर्ट रहने की ताकीद की थी. गोताखोर और बचाव दलों को हर स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट रखा गया था. इस साल भी ज्यादा बारिश हुई, तो बांधों से पानी छोड़ने पर तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगेगा.
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77 गांवों में राहत शिविर लगाने की तैयारी
आपदा के मद्देनजर जिला प्रशासन ने सभी आवश्यक व्यवस्था जैसे स्वास्थ्य व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल, आपदा प्रबंधन इन गांव में कर लेने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सभी बाढ़ आपदा से प्रभावित होने वाले 77 गांवों में राहत शिविर लगाने के लिए भवन का चिन्हांकन किया जा रहा है. बारिश में पहुंचविहीन गांवों में खाद्यान्न के भंडारण की तैयारी की जा रही है. वहीं इन गांवों में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए मितानिनों को आवश्यक दवाईयां रखने की सलाह दी गई है.
बाढ़ आपदा से निपटने प्रशासन ने कसी कमर
बता दें कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जब भी बांधों से पानी छोड़ें, इसके पहले सूचना दें, ताकि गांव में अलर्ट जारी किया जा सके. जिला प्रशासन की मानें तो बाढ़ से निपटने के लिए टीम गठित करने सहित तमाम तैयारी की गई है. हालांकि मौसम के मिजाज ने अभी करवट नहीं ली है. गंगरेल बांध का जलस्तर भी फिलहाल ठीक है, लेकिन जिला प्रशासन ने बाढ़ आपदा के नुकसान को रोकने के लिए कमर कस ली है.