धमतरी: भूपेश सरकार ने किसानों से किए वादे के मुताबिक 21 मार्च को धान खरीदी की चौथी किस्त की राशि किसानों के खातों में डाल दी है. लेकिन चौथी किस्त की राशि से किसान नेता खुश नजर नहीं आ रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार ने चौथी किस्त की राशि में 15 से 20 प्रतिशत की कटौती कर दी है. इस मामले में अब सियासत भी देखी जा रही है. बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान की बोनस राशि देने के लिए प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की. योजना का शुभारंभ पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई को किया गया. इस योजना के तहत 2019-20 के तहत कुल 5 हजार 628 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया था. साथ ही ये तय किया गया था कि 4 किस्तों में किसानों को राशि दी जाएगी.
21 मई को जारी हुई थी पहली किस्त
पहली किस्त योजना के शुभारंभ के साथ ही किसानों को जारी की गई. इसके बाद दूसरी किस्त राजीव गांधी की जयंती के मौके पर 20 अगस्त को दी गई. इसी तरह तीसरी किस्त की राशि 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मौक पर जारी की गई. अब चौथी किस्त की राशि 2020 का वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले 21 मार्च 2021 को जारी कर दी गई है.
किसानों के खाते में आई राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त
किसान नेता नाखुश
प्रदेश के कई जिलों के साथ धमतरी जिले में भी किसानों के खाते में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त की राशि डाली गई है. जिले में इस योजना के तहत 1 लाख 2 हजार 498 किसानों के खातों में अंतिम किस्त की करीब 56 करोड़ 43 लाख 93 हजार की राशि डाली गई है. लेकिन जिले के अफसर बोनस में कटौती की जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं. क्योंकि अभी तक किसी भी किसान ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है. चौथी किस्त की राशि से अब किसान नेता खुश नहीं हैं. क्योंकि उनका मानना है कि ये राशि अधूरी है. सरकार ने जो राशि भेजी है उसमें 15 से 20 प्रतिशत तक की कटौती की गई है. सरकार को बोनस की राशि समान किस्तो में दी जानी चाहिए थी.
पूर्व मंत्री ने भी लगाए आरोप
इधर धान बोनस की किस्त को लेकर बीजेपी ने प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. भाजपा से पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया है कि बोनस की चौथी किस्त में 20 से 30 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है. किसानों को चौथी किस्त में जो राशि मिली है वह तीसरी किस्त की राशि से 20 से 30 प्रतिशत कम है. उन्होंने इसे राज्य सरकार की वादाखिलाफी बताते हुए इस कटौती को किसानों के साथ अन्याय करार दिया है.
'केंद्र सरकार के असहयोग के बाद भी बांटा बोनस'
इस पर मंत्री कवासी लखमा ने पलटवार भी किया. उन्होंने कहा कि किसानों के बोनस में कोई कटौती नहीं की गई है. उनका कहना है कि भाजपा जान बूझकर अफवाह फैला रही है. कवासी लखमा के मुताबिक केंद्र सरकार के अहसयोग के बावजूद राज्य सरकार ने किसानों को बोनस बांटा है.