धमतरी: छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहार पोला (पोरा) की खूब रौनक धमतरी में भी देखने को मिली. पोरा का पर्व क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. घर-घर में नंदी बैल की पूजा हुई. इस बीच पुलिसकर्मियों ने भी इस त्योहार को उत्साह से मनाया.
कोरोना ड्यूटी के बीच अपने तनाव को दूर करने के लिए धमतरी पुलिस ने भी पोला तिहार का आयोजन किया और इसका खूब लुत्फ उठाया. पुलिस जवानों ने अपने उच्चाधिकारियों के साथ सड़क पर उतरकर लोगों को सुरक्षा संबंधी हिदायतें भी दीं. कोरोना संकट में पुलिस लगातार अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. ड्यूटी के दौरान ही वे पोला पर्व के मौके पर पुलिसकर्मी भी बच्चों की तरह बैलों की रेस लगाते दिखे.
पढ़ें- VIDEO: पोला पर्व की धूम, ढोलक पर थाप देकर जमकर थिरके सीएम बघेल
बैलों की पूजा-अर्चना का दिन
बता दें कि इस दिन बैलों की पूजा की जाती है. वहीं बच्चे मिट्टी से बनी बैलगाड़ी और बर्तनों से खेलते हैं. रुद्री पुलिस लाइन में सभी थानों के प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मी जमा हुए. बकायदा पुलिस अधिकारियों ने बैल को सजाकर उनकी पूजा की. जिले के एसपी बीपी राजभानू ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए पुलिस के साथ पब्लिक को भी जागरूक होना है. उन्होंने कहा कि लोगों और पुलिस को साथ में मिलकर काम करने की जरूरत है. लोग सुरक्षा नियमों का पालन करेंगे तो हम कोरोना से जल्द जीत जाएंगे.
![police jawan also celebrated pola tihar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-dmt-01-police-pola-utsav-shots-cg10011_18082020224739_1808f_1597771059_148.jpg)
क्या है पोला मनाने के पीछे की मान्यता
पोला छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस दिन मिट्टी के खिलौने जरूर खरीदे जाते हैं. कहा जाता है कि बैल और मिट्टी के बर्तन लोगों को एक तरह से साल में एक बार सामाजिक होने का अहसास दिलाते हैं. बैलों को बच्चे लेकर घूमते हैं, जिसका संकेत खेती करना होता है. मिट्टी के बरतन लड़कियों के लिए होते हैं, जो गृहस्थी की प्रेरणा देते हैं.
![police jawan also celebrated pola tihar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-dmt-01-police-pola-utsav-shots-cg10011_18082020224739_1808f_1597771059_664.jpg)