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धमतरी के रुद्री बैराज में की गई मॉक ड्रिल

धमतरी जिले के रुद्री बैराज में बाढ़ आपदा राहत की मॉक ड्रिल की गई. एनडीआरएफ की ओडिशा बटालियन ने ड्रिल की और धमतरी के स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग और होम गार्ड इसमें शामिल हुए. इसमें अचानक भारी बारिश के बाद जब बांध के गेट खोलने पड़ जाए. और तटीय गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाए. ऐसी स्थिति के लिए मॉक ड्रिल की गई

धमतरी के रुद्री बैराज में की गई मॉक ड्रिल
धमतरी के रुद्री बैराज में की गई मॉक ड्रिल
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Published : Nov 4, 2022, 7:09 PM IST

धमतरी : रुद्री बैराज में यूं तो सैलानी घूमने आते हैं.लेकिन शुक्रवार को इस बैराज में अनोखा नजारा देखने को मिला. प्रशासनिक टीम और होमगार्ड के जवानों ने मुश्किल वक्त में कैसे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाए.इसका अभ्यास किया. लोग डूबने लगे ऐसी स्थिति में किस तरह से राहत शुरू की जा सकती है. किस तरह से लोगों को लाइफ बोट और लाइफ जैकेट की मदद से बचाया जा सकता है. डॉक्टरों की टीम को ऐसे में किस तरह से काम करना चाहिए. ये सब इस मॉक ड्रिल में अभ्यास किया गया. अक्सर बारिश के बाद जब बांधों में पानी भरा होता है. तब इस तरह की ड्रिल की जाती है. जिससे असली संकट के समय राहत बचाव दल ज्यादा असरदार ढंग से काम कर सके. (Relief work at Rudri Barrage)

कहां हुई मॉकड्रिल : धमतरी जिले में बाढ़़ आपदा से बचाव के लिए ग्राम करेठा स्थित महानदी किनारे एनडीआरएफ और होमगार्ड की टीम (
NDRF and Home Guard team) द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इस दौरान सुबह साढ़े आठ बजे जल संसाधन विभाग द्वारा सायरन बजाकर बाढ़ की सूचना दी गई और जिला कार्यालय को पत्र भेजा गया. इसके बाद सुबह पौने नौ बजे कोटवार द्वारा बाढ़ प्रभावित गांव में मुनादी कराई गई. साथ ही तहसीलदार ने भी संबंधित गांव पहुंचकर स्पीकर के जरिए घोषणा की. इसके बाद सुबह नौ बजे सभी संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बाढ़ प्रभावित ग्राम के लोगों को नजदीक में अस्थायी तौर पर बने तात्कालिक़ राहत शिविर में पहुंचने कहा गया.

आपदा की स्थिति की गई निर्मित : इस दौरान मेडिकल टीम, एम्बूलेंस भी रवाना हुए. मॉक ड्रिल में शारीरिक रूप से कमजोर, बीमार और बच्चों को कंधों पर उठाकर बाढ़ आपदा राहत वाहन में बिठाया गया. इसके बाद ग्रामीणों को बाढ़ आपदा वाहन के जरिए रुद्री स्थित बाढ़ राहत केन्द्र में पहुंचाया गया. रूद्री बैराज में राहत गतिविधियां आयोजित की गईं. इसके तहत पानी में डूब रहे पांच ग्रामीणों को रेस्क्यू कर बोट के जरिए बाहर लाया गया. साथ ही उन्हें प्राथमिक उपचार मुहैय्या कराई गई. इसके बाद भोजन की व्यवस्था की गई ग्रामीणों को सुरक्षित वापस अपने गांव पहुंचाया गया. इस दौरान अपर कलेक्टर चन्द्रकांत कौशिक सहित राजस्व, पुलिस, जल संसाधन, स्वास्थ्य विभाग का अमला, स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे.

धमतरी : रुद्री बैराज में यूं तो सैलानी घूमने आते हैं.लेकिन शुक्रवार को इस बैराज में अनोखा नजारा देखने को मिला. प्रशासनिक टीम और होमगार्ड के जवानों ने मुश्किल वक्त में कैसे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाए.इसका अभ्यास किया. लोग डूबने लगे ऐसी स्थिति में किस तरह से राहत शुरू की जा सकती है. किस तरह से लोगों को लाइफ बोट और लाइफ जैकेट की मदद से बचाया जा सकता है. डॉक्टरों की टीम को ऐसे में किस तरह से काम करना चाहिए. ये सब इस मॉक ड्रिल में अभ्यास किया गया. अक्सर बारिश के बाद जब बांधों में पानी भरा होता है. तब इस तरह की ड्रिल की जाती है. जिससे असली संकट के समय राहत बचाव दल ज्यादा असरदार ढंग से काम कर सके. (Relief work at Rudri Barrage)

कहां हुई मॉकड्रिल : धमतरी जिले में बाढ़़ आपदा से बचाव के लिए ग्राम करेठा स्थित महानदी किनारे एनडीआरएफ और होमगार्ड की टीम (
NDRF and Home Guard team) द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इस दौरान सुबह साढ़े आठ बजे जल संसाधन विभाग द्वारा सायरन बजाकर बाढ़ की सूचना दी गई और जिला कार्यालय को पत्र भेजा गया. इसके बाद सुबह पौने नौ बजे कोटवार द्वारा बाढ़ प्रभावित गांव में मुनादी कराई गई. साथ ही तहसीलदार ने भी संबंधित गांव पहुंचकर स्पीकर के जरिए घोषणा की. इसके बाद सुबह नौ बजे सभी संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बाढ़ प्रभावित ग्राम के लोगों को नजदीक में अस्थायी तौर पर बने तात्कालिक़ राहत शिविर में पहुंचने कहा गया.

आपदा की स्थिति की गई निर्मित : इस दौरान मेडिकल टीम, एम्बूलेंस भी रवाना हुए. मॉक ड्रिल में शारीरिक रूप से कमजोर, बीमार और बच्चों को कंधों पर उठाकर बाढ़ आपदा राहत वाहन में बिठाया गया. इसके बाद ग्रामीणों को बाढ़ आपदा वाहन के जरिए रुद्री स्थित बाढ़ राहत केन्द्र में पहुंचाया गया. रूद्री बैराज में राहत गतिविधियां आयोजित की गईं. इसके तहत पानी में डूब रहे पांच ग्रामीणों को रेस्क्यू कर बोट के जरिए बाहर लाया गया. साथ ही उन्हें प्राथमिक उपचार मुहैय्या कराई गई. इसके बाद भोजन की व्यवस्था की गई ग्रामीणों को सुरक्षित वापस अपने गांव पहुंचाया गया. इस दौरान अपर कलेक्टर चन्द्रकांत कौशिक सहित राजस्व, पुलिस, जल संसाधन, स्वास्थ्य विभाग का अमला, स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे.

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